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'भारत ने अमेरिका को दिया साफ संदेश', पीएम मोदी की तरफ से ट्रंप का 4 बार फोन नहीं उठाने पर विएना की दिग्गज विश्लेषक का सामने आया रिएक्शन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करने की कोशिश की है. ट्रंप की ओर से कम से कम चार बार फोन किया गया लेकिन पीएम मोदी ने उनसे बात करने से इनकार कर दिया. अब इसपर विएना की दिग्गज विश्लेषक की प्रतिक्रिया सामने आई है.

ट्रंप ने मोदी से बात करने की कोशिशें ऐसे समय में की है जब दोनों देशों के रिश्ते में टैरिफ के मुद्दे पर तनाव बना हुआ है. जर्मन अखबार फ्रैंकफर्टर अल्गेमाइन (FAZ) ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा करते हुए कहा है कि टैरिफ मुद्दे पर ट्रंप ने अपने सभी विरोधियों को हरा दिया लेकिन भारत को वह नहीं हरा पाए. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद एक्सपर्ट ने प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि यह भारत के कड़े रुख का संकेत है.

भारत ने अमेरिका को दिया साफ संदेश 

विएना की रहने वालीं जियोपॉलिटिकल रणनीतिकार वेलिना चाकरोवा ने जर्मन अखबार के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत ने ऐसा कर बहुत साफ संदेश देने की कोशिश की है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, जर्मन एफएजेड कहता है कि ट्रंप ने मोदी से चार बार संपर्क की कोशिश की और सभी कॉल अस्वीकार कर दी गईं. भारत की आधिकारिक लाइन ऐसे कॉन्टैक्ट से इनकार की है. हालांकि साफ है मोदी ने ट्रंप के ट्रैप से बचने के लिए ड्रैगन-बियर (चीन और रूस) की ओर रुख किया है. नई दिल्ली ने अपना विकल्प चुनते हुए अमेरिका को संदेश दिया है.

जर्मन अखबार की रिपोर्ट कहती है कि नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत से इनकार किया है. साथ ही अमेरिकी डेलीगेशन को भी भारत में आने की इजाजत देने से इनकार कर दिया. अखबार ने लिखा है कि पीएम मोदी को ट्रंप के बर्ताव से बहुत ज्यादा बुरा महसूस हुआ है. यही वजह है कि उन्होंने कड़ा रुख दिखाया और साफ किया कि वह अमेरिका के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं.

विवाद से बचने के लिए मोदी ने बात करने से किया इनकार 

रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रंप ने वियतनाम के सुप्रीम लीडर से टैरिफ मामले को लेकर फोन पर बात की थी. समझौता नहीं होने के बावजूद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर डील का ऐलान कर दिया. ऐसे किसी कंट्रोवर्सी से बचने के लिए भी मोदी ने बात करने से बचने का रास्ता अपनाया. इसीलिए मोदी ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की प्रस्तावित दिल्ली यात्रा भी रद्द कर दी.

भारत और अमेरिका के रिश्ते बीते कुछ समय से तनातनी के हैं. दोनों देशों के रिश्ते में गिरावट ऑपरेशन सिंदूर के समय ही गई थी, जब ट्रंप ने सीजफायर का दावा किया. इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने भारत को रूस से तेल खरीद के लिए धमकाने की कोशिश की और भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया गया. ट्रंप ने भारत को 'डेड इकोनॉमी' तक कह दिया था, जिसने संबंधों को और ज्यादा खराब कर दिया.

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