अमेरिकी दबाव के सामने खड़े होकर भारत ने रचा इतिहास... US के पत्रकार ने ट्रंप को लगाई लताड़, कहा- हिंदुस्तान नौसिखिया नहीं, वैश्विक शक्ति है
अमेरिकी पत्रकार का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो कह रहे हैं कि भारत कोई नौसिखिया खिलाड़ी नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर एक अहम शक्ति है. सांचेज़ का यह बयान उस समय आया है जब जुलाई में ट्रंप ने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया और अगस्त में रूसी तेल की खरीद को लेकर अतिरिक्त 25 प्रतिशत का दंड जोड़कर इसे 50 प्रतिशत तक पहुंचा दिया. इससे भारत अमेरिका के प्रमुख निर्यात बाजार से बाहर हो सकता है.
Follow Us:
अमेरिकी पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रिक सांचेज ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से भारत पर थोपे गए 50 प्रतिशत टैरिफ पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. सांचेज़, जो रशिया टुडे पर "सांचेज इफेक्ट" कार्यक्रम की मेजबानी करते हैं, ने एएनआई से बातचीत में इसे अपमानजनक और अज्ञानता से भरा कदम बताया. अब उनका ये वीडियो वायरल हो रहा है. उन्होंने सिर्फ ANI ही नहीं, RT पर भी अपने शो में कई ऐसी बातें कही हैं, जो खूब वायरल हो रही हैं. उन्होंने कहा कि ट्रंप का भारत के प्रति रवैया असंगत और अव्यवस्थित है.
'भारत कोई स्कूली बच्चा नहीं'
संचेज ने आगे कहा कि भारत कोई नौसिखिया खिलाड़ी नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर एक अहम शक्ति है. सांचेज़ का यह बयान उस समय आया है जब जुलाई में ट्रंप ने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया और अगस्त में रूसी तेल की खरीद को लेकर अतिरिक्त 25 प्रतिशत का दंड जोड़कर इसे 50 प्रतिशत तक पहुंचा दिया. इससे भारत अमेरिका के प्रमुख निर्यात बाजार से बाहर हो सकता है.
#WATCH | On US President Donald Trump imposing a penalty on India for purchasing Russian oil, US Journalist and Political Commentator Rick Sanchez says, "It's a disrespectful and ignorant policy. They're treating India like schoolchildren who need to be told what to do. India's… pic.twitter.com/Ozgsmzyejv
— ANI (@ANI) August 31, 2025
'भारत ने दिखा दिया है कि वो दबाव में झुकने वाला नहीं है'
सांचेज़ ने कहा कि भारत ने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्र निर्णय लेकर दुनिया को दिखा दिया है कि वह दबाव में झुकने वाला नहीं है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब अमेरिका ने भारत से कहा कि रूस से तेल मत खरीदो वरना सजा मिलेगी, तब भारत ने सीधा जवाब दिया, तुम हमें ये नहीं बता सकते कि किससे तेल खरीदा जाए. उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया, जो भविष्य में दर्ज रहेगा. सांचेज़ ने ट्रंप की नीतियों को अव्यावहारिक और बिना वैज्ञानिक सोच के करार दिया.
#WATCH | "Is Trump the kind of person who sometimes makes decisions based on vendettas, grudges, and non-scientific thinking? Yes, of course he is," says US Journalist and Political Commentator Rick Sanchez, on Jeffries report that the US imposed a 50% tariff on India due to US… pic.twitter.com/pub3OlhMQ7
— ANI (@ANI) August 31, 2025
उन्होंने ट्रंप की भारत-पाकिस्तान मध्यस्थता की कोशिशों को भी निराधार बताया और कहा कि भारत ने साफ कर दिया है कि यह मसला द्विपक्षीय है. वहीं, ट्रंप के सहयोगी पीटर नवारो द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध को मोदी का युद्ध कहने पर सांचेज़ ने इसे बेतुका करार दिया और नवारो की समझ पर सवाल खड़े किए.
यह आलोचना ऐसे समय में आई है जब अमेरिका और भारत के रिश्तों में तनाव अपने चरम पर है. ट्रंप ने तर्क दिया कि रूस से तेल खरीद यूक्रेन युद्ध को फंडिंग दे रहा है और इसी कारण भारत पर दंड लगाया गया, लेकिन चीन जैसे बड़े खरीदार को बख्श दिया गया, जिससे यह नीति भारत के लिए भेदभावपूर्ण प्रतीत होती है. भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे अनुचित और एकतरफा बताते हुए खारिज किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दोहराया कि भारत किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इन टैरिफों का असर भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा हो सकता है, खासकर वस्त्र, आभूषण, समुद्री उत्पाद और ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों पर.
Professor Victor Gao considers Trump's one-sided feud with India to be "dishonorable."
— Rick Sanchez (@RickSanchezTV) September 3, 2025
Was he in his right mind to think a superpower like India would bow down to "Daddy" Trump like Europe's so-called leaders?
We discuss the repercussions of Trump's trade war on the U.S.… pic.twitter.com/AJP9SPvmqf
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का अमेरिकी निर्यात 40 से 50 प्रतिशत तक गिर सकता है, जिससे लाखों नौकरियों पर संकट मंडरा सकता है. सांचेज़ का कहना है कि अमेरिका को भारत जैसी उभरती शक्ति के साथ व्यवहार में गंभीरता और संतुलन दिखाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज शक्ति का केंद्र धीरे-धीरे ग्लोबल साउथ की ओर खिसक रहा है, जहां भारत, चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका प्रमुख ताकतें हैं. ट्रंप की नीतियां अमेरिका को अलग-थलग करने का काम कर रही हैं. भारत ने हाल ही में ब्रिक्स देशों के साथ अपने संबंध मजबूत करने के कदम उठाए हैं, जिसमें मोदी की रूस और चीन यात्राएं शामिल हैं. विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इस तरह के टैरिफ क्वाड जैसे रणनीतिक गठबंधन को भी कमजोर कर सकते हैं, जहां भारत अमेरिका का अहम साझेदार है.
व्यक्तिगत खुन्नस का परिणाम है भारत पर टैरिफ
यह भी पढ़ें
सांचेज ने कहा कि रूसी तेल आयात पर 25% सेकेंडरी टैरिफ सहित भारतीय वस्तुओं पर कुल 50% टैरिफ लगाने का ट्रंप का निर्णय एक मजबूत भू-राजनीतिक रणनीति के बजाए व्यक्तिगत प्रतिशोध पर आधारित लग रहा है. उन्होंने अमेरिकी मल्टीनेशल इन्वेस्टमेंट बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी जेफरीज की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि ये टैरिफ भारत-पाकिस्तान संघर्ष में मध्यस्थता का क्रेडिट न मिलने पर "व्यक्तिगत खीझ" का परिणाम है
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें