'भारत-अमेरिका एक शानदार सहयोगी... हूं बड़ा प्रशंसक', ट्रंप के मंत्री ने US के साथ रिश्ते पर कह दी बड़ी बात
भारत और अमेरिका के संबंधों में जारी उतार-चढ़ाव के बीच अमेरिकी ऊर्जा सचिव का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि वे भारत के बहुत बड़े प्रशंसक हैं.
Follow Us:
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत पर लगाए गए भारी भड़कम टैरिफ के बाद भारत और अमेरिका के रिश्तों के समीकरण तेजी से बदले हैं. बीते दिनों दोनों देशों के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत भी टाल दी गई थी. अब अमेरिका के ऊर्जा सचिव ने कहा है कि वे भारत के बहुत बड़े प्रशंसक हैं. साथ ही कहा कि भारत अमेरिका का एक शानदार सहयोगी है.
भारत अमेरिका का करीबी सहयोगी
भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर वार्ता दोबारा शुरू हो गई है और दोनों पक्षों ने इस दिशा में जल्द से जल्द सकारात्मक परिणाम पर सहमति जताई है. संबंधों के इस उतार चढ़ाव के बीच हाल ही में ट्रंप के मंत्री ने भारत को अमेरिका का करीबी सहयोगी बताया है. इस दौरान उन्होंने यह भी बताया है कि दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव की असली वजह क्या है.
#WATCH | Secretary for the US Department of Energy, Chris Wright says, "...I am a huge fan of India. We love India. We look forward to more energy trade, more interactions back and forth with India and then India is caught up in the middle of another issue. President Trump's… pic.twitter.com/fUeOQ787T7
— ANI (@ANI) September 24, 2025
अमेरिका के ऊर्जा सचिव क्रिस राइट ने एक प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वे भारत के बहुत बड़े प्रशंसक हैं. उन्होंने कहा, मैं भारत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं. हम भारत से प्यार करते हैं. भारत अमेरिका का एक शानदार सहयोगी है. उन्होंने आगे कहा, लेकिन भारत रूसी तेल भी खरीद रहा है. हम यूक्रेन युद्ध को खत्म करना चाहते हैं और मेरा मानना है कि भारत भी यही चाहता है.
रूसी तेल की खरीद बना टकराव का कारण
दोनों देशों के बीच टकराव का कारण रूसी तेल की खरीद है. इसका मुद्दा उठाते हुए अमेरिकी सचिव ने कहा है कि प्रतिबंधित रूसी तेल चीन, भारत और तुर्की खरीदते हैं और इस तरह, इससे रूस को उस युद्ध के लिए पैसे जुटाने में मदद मिलती है. और यही टकराव का कारण है. क्रिस राइट ने आगे कहा, राष्ट्रपति ट्रंप का सबसे बड़ा जुनून दुनिया में शांति है. जब मैं उनसे बात करता हूँ, तो चाहे कोई भी विषय हो, शांति का मुद्दा उठता है. हम शांति स्थापित करने के लिए अपने साधनों और प्रभाव का उपयोग कैसे कर सकते हैं? और यूक्रेन और रूस का युद्ध, निश्चित रूप से, क्रूर है. हम सभी इसे समाप्त होते देखना चाहते हैं. क्या चाहता है अमेरिका?
अमेरिकी ऊर्जा सचिव ने जवाब में आगे कहा कि ऊर्जा सचिव के रूप में कार्यभार संभालने के शुरुआती दिनों में, उनका अधिकांश समय भारत के साथ काम करने में बीता. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और एक गतिशील समाज है. राइट ने कहा, और हम प्राकृतिक गैस, कोयला, परमाणु ऊर्जा, स्वच्छ रसोई ईंधन और पेट्रोलियम गैस के क्षेत्र में भारत के साथ अपने ऊर्जा सहयोग का विस्तार करना चाहते हैं. भारत इस क्षेत्र में अग्रणी रहा है. इसलिए हम भारत के साथ व्यापार और ऊर्जा सहयोग के अलावा और कुछ नहीं चाहते.
यह भी पढ़ें
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी भारत पर रूसी तेल खरीद कर यूक्रेन युद्ध में रूस को आर्थिक मदद देने का आरोप लगाया है. ट्रंप इस मुद्दे को लेकर भारत पर कई बार निशाना साध चुके हैं और भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है. हालांकि भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा. भारत ने यह भी कहा है कि रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीददार भारत नहीं, बल्कि चीन है. हालांकि अमेरिका ने चीन के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें