ब्रिटेन में आतंक मचा रहे 'जाहिल' पाकिस्तानी, परेशान हो रहे दूसरे देशों के लोग! क्या है ग्रूमिंग गैंग का मुद्दा, जिसको लेकर हो रहा बड़़ा आंदोलन?
ब्रिटेन में जाहिल पाकिस्तानी लंबे समय से आतंक मचा रहे हैं. इन्होंने एक तरह से लंदन और दूसरे शहरों के कई इलाकों को मिनी पाकिस्तान बना डाला है. और इनकी इन्हीं हरकतों मसलन, कानून का उल्लंघन, प्रदर्शन, उनके द्वारा ब्रिटिश लड़कियों के साथ यौन शोषन और ग्रूमिंग गैंग के कारण दूसरे देशों के लीगल प्रवासी परेशान हो रहे हैं. अब इसी को लेकर लंदन की सड़कों पर हाल के दिनों का सबसे बड़ा राइटविंग आंदोलन हो रहा है. इसे टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी अपना समर्थन दिया है. उन्होंने लोगों से 'करो या मरो' की अपील की है.
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लंदन की सड़कों पर शनिवार को एंटी-इमिग्रेशन ‘यूनाइट द किंगडम’ मार्च ने हलचल मचा दी. करीब 1.5 लाख से ज्यादा लोग इस रैली में शामिल हुए, जिसका नेतृत्व विवादित एक्टिविस्ट टॉमी रॉबिन्सन (असली नाम स्टीफन याक्सली लेनन) ने किया. लंबे समय से प्रवासन और इस्लाम विरोधी बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले रॉबिन्सन के आह्वान पर जुटी यह भीड़ हिंसक हो गई. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में 26 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि 25 लोगों की गिरफ्तारी हुई.
#WATCH | UK | People gathered on the streets of London in anti-immigration protests and headed towards Westminster, the seat of the UK parliament.
— ANI (@ANI) September 13, 2025
A counter-protest by "Stand Up To Racism" gathered at the other end of Whitehall, the main route to Parliament. The group marched… pic.twitter.com/U0vC0aqph3
एंटी-इमिग्रेशन ‘यूनाइट द किंगडम’ मार्च को मिला मस्क का समर्थन
इस प्रदर्शन को अमेरिकी MAGA सपोर्टर्स का भी समर्थन मिला. लाल टोपी पहने ट्रंप समर्थक रैली में नजर आए. वहीं, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने वर्चुअल संबोधन में ब्रिटेन की हालत को “गंभीर” बताते हुए कहा कि देश अब “धीरे-धीरे खत्म होने की कगार पर है.” मस्क ने चेताया “ब्रिटिशों के पास सिर्फ दो विकल्प हैं: लड़ो या मर जाओ.” उन्होंने दावा किया कि बेकाबू प्रवासन ने ब्रिटेन की पहचान और सुरक्षा दोनों को खतरे में डाल दिया है.
विशेष रूप से पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग का मुद्दा इस आंदोलन का बड़ा कारण बताया जा रहा है. बर्मिंघम जैसे शहरों की डेमोग्राफी बदलने और इस्लामिक कल्चर के बढ़ते प्रभाव से अंग्रेज समाज में असंतोष गहरा रहा है. वर्षों से उजागर होते रहे ग्रूमिंग स्कैंडल ने हालात को और विस्फोटक बना दिया है.
लंदन में आयोजित इस एंटी-इमिग्रेशन रैली में संबोधन करते हुए टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने ब्रिटेन की स्थिति को बेहद गंभीर बताया. इस रैली में अनुमान के मुताबिक 1,50,000 लोग मौजूद थे. अपने संबोधन में मस्क ने कहा कि देश धीरे-धीरे खत्म होने की कगार पर पहुंच चुका है और अब हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं. मस्क ने चेतावनी देते हुए कहा कि ब्रिटिश लोगों के पास अब सिर्फ दो विकल्प बचे हैं—या तो लड़ो, या फिर मर जाओ. उनके मुताबिक, बेकाबू प्रवासन (Migration) ने ब्रिटेन की पहचान और सुरक्षा दोनों को खतरे में डाल दिया है.
ब्रिटेन में आंदोलन की बड़ी वजह हैं पाकिस्तानी?
लंदन की सड़कों पर जो प्रवासी विरोधी आंदोलन हो रहा है, उसका एक बड़ा कारण पाकिस्तानी और अवैध घुसपैठ भी बताया जा रहा है. बर्मिंघम जैसे शहर की डेमोग्राफी पूरी तरह बदल चुकी है. यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि यहां एक तरह से इंग्लिश लोकल कानून नहीं बल्कि इस्लामी कानून चल रहा है. एक यूरोपीय और पश्चिमी सभ्यता का सिरमौर देश ब्रिटेन में जिस तरह शरियत, हिजाब, बुर्के का बोलबाला देखा जा रहा है और जिस तरह की ड्रेसिंग आम हो गई है, वह भी अंग्रेजों को परेशान कर रही है.
इसके अलावा यहां ग्रूमिंग गैंग का मुद्दा लंबे समय से एक बेहद संवेदनशील और राजनीतिक रूप से चर्चित विषय रहा है. एक दशक से भी पहले प्रकाश में आए इस घोटाले ने उजागर किया कि कैसे गिरोहों ने, जिनमें से कई मुख्य रूप से पाकिस्तानी पुरुष थे, व्यवस्थित रूप से युवा श्वेत लड़कियों की तस्करी की और उनका बलात्कार किया. यह घटनाएं अक्सर रॉदरहैम, रोशडेल और टेलफोर्ड जैसे शहरों में हुईं. बाद में कई जांचों से पता चला कि स्थानीय अधिकारी और पुलिस वर्षों से दुर्व्यवहार की रिपोर्टों पर कार्रवाई करने में विफल रहे थे, क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं उन पर नस्लवाद का आरोप न लग जाए या इससे सामुदायिक तनाव न बढ़ जाए.
Full 18 Minute Speech of Elon Musk talking directly to London & the entire World earlier today is worth listening every minute too. pic.twitter.com/sMZHyDQJyh
— Concerned Citizen (@BGatesIsaPyscho) September 13, 2025
कैसे काम करता है पाकिस्तानियों का ग्रूमिंग गैंग?
आपको बता दें कि ब्रिटेन में बीते कई सालों से ग्रूमिंग गैंग एक बड़ा मुद्दा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन में कई लड़कियों को मुस्लिम युवाओं ने दोस्त बनाया और फिर उन्हें बड़ी उम्र के पुरुषों के पास भेज दिया, जो उनके बॉयफ्रेंड बन गए. इसके बाद सामूहिक बलात्कार और कई तरह की अन्य हिंसाएं की गईं. इन ग्रूमिंग गैंग का एक पैटर्न या मोडस ऑपरेंडी था—रॉदरहैम, ओल्डहैम और अन्य क्षेत्रों में 10 वर्ष की आयु तक की लड़कियों को पाकिस्तानी मूल के पुरुषों द्वारा बहकाया जाता था, फिर उन्हें बड़े पुरुषों के पास ले जाया जाता था, जो उन्हें नियंत्रित करते थे और उनसे छेड़छाड़ करते थे. इसके बाद इन युवा लड़कियों के साथ इन पुरुषों और उनके रिश्तेदारों और दोस्तों द्वारा कई सालों तक सामूहिक बलात्कार किया जाता था.
जब इन महिलाओं ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत की तो अधिकारियों ने भी कोई कार्रवाई नहीं की. वजह यह बताई गई कि ब्रिटेन में सांस्कृतिक संवेदनशीलता को ठेस पहुंचाने से बचने और नस्लवाद का आरोप लगने के डर से स्थानीय प्रशासन ने इस पर आंखें मूंद लीं. यही वजह है कि इन ग्रूमिंग गैंग्स को पनपने का मौका मिला और अब यह गुस्सा ब्रिटेन की सड़कों पर बड़े पैमाने पर एंटी-इमिग्रेशन रैलियों के रूप में फूट रहा है.
कैसे उठा ये मुद्दा?
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इस साल की शुरुआत में यह मामला तब एक बार फिर सुर्खियों में आया जब अमेरिकी टेक अरबपति एलन मस्क ने ब्रिटिश सरकार पर आरोप लगाया कि उसने कमजोर लड़कियों के ऐतिहासिक और अब भी जारी शोषण को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए. सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणियां तेजी से वायरल हो गईं, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया और इस मुद्दे पर व्यापक और स्वतंत्र जांच की मांग एक बार फिर से तेज हो गई. हालांकि अब तक लेबर पार्टी की सरकार इस केस की नई समीक्षा की मांग का विरोध करती रही है. सरकार का तर्क है कि इस मामले में पहले ही कई स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर जांच की जा चुकी है.
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