'अगर अमेरिका खुश है तो...', पीयूष गोयल ने बताया भारत-अमेरिका के बीच फाइनल ट्रेड डील कब होगी
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अगर अमेरिका भारत का FTA प्रस्ताव पसंद करता है, तो तुरंत हस्ताक्षर कर दे. उन्होंने बताया कि अब तक इस डील पर पांच दौर की बातचीत हो चुकी है और अमेरिका के डिप्टी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव की हाल की भारत यात्रा केवल समझ बढ़ाने के लिए थी.
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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को अमेरिका के साथ लंबित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर भारत स्थिति साफ कर दी है. उन्होंने कहा कि अगर वॉशिंगटन भारत का प्रस्ताव पसंद करता है, तो अमेरिका को इस समझौते पर तुरंत हस्ताक्षर कर देना चाहिए. गोयल ने अमेरिका के ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव जैमिसन ग्रीर की टिप्पणी का स्वागत किया, जिसमें ग्रीर ने कहा था कि अमेरिका को भारत की ओर से अब तक का सबसे अच्छा ऑफर मिला है.
पीयूष गोयल ने बताया कितने दौर की हुई वार्ता
पीयूष गोयल ने बताया कि इस डील पर अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है और फिलहाल अमेरिका के डिप्टी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव रिक स्विट्जर की हाल की भारत यात्रा किसी नए दौर की बातचीत के लिए नहीं है, बल्कि एक-दूसरे की नीतियों और प्रस्तावों को बेहतर समझने के उद्देश्य से है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत अपने प्रस्ताव के बारे में और जानकारी साझा करने से फिलहाल परहेज कर रहा है. मंत्री ने कहा कि इस समझौते को केवल तभी अंतिम रूप दिया जाएगा जब दोनों पक्षों को इसका लाभ स्पष्ट हो. उन्होंने जोर देकर कहा कि डेडलाइन के दबाव में कोई समझौता नहीं होना चाहिए. गोयल ने यह भी बताया कि वे हाल के महीनों में चिली, इजरायल और न्यूजीलैंड समेत कई देशों के साथ FTA पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और हर डील का उद्देश्य आर्थिक फायदे और व्यापारिक संतुलन सुनिश्चित करना है.
मार्च तक फ़ाइनल डील की उम्मीद
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन के उस बयान के संबंध में जिसमें कहा गया था कि भारत-अमेरिका FTA अगले साल मार्च तक साइन हो जाएगा, पीयूष गोयल ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और किसी समयसीमा पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. उनका स्पष्ट संदेश था कि डील तभी पूरी होगी जब दोनों देशों के लिए यह संतुलित और लाभकारी साबित हो.
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बताते चलें कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक वार्ता की वर्तमान स्थिति को लेकर जानकारों के अनुसार, भारत का यह ऑफर अमेरिका के लिए आकर्षक माना जा रहा है और अगर दोनों पक्ष सहमत हुए तो समझौते पर जल्दी ही हस्ताक्षर हो सकते हैं. पीयूष गोयल का संदेश साफ है. व्यापारिक समझौते में जल्दबाजी नहीं होगी, लेकिन अगर अवसर सही है तो अमेरिका को बिना देर किए निर्णय लेना चाहिए.
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