'मेरे से नहीं हो पाएगा ये काम...', SIR के काम में लगी Noida की महिला टीचर ने दिया इस्तीफा, जानें पूरा मामला
उत्तर प्रदेश में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान कई जिलों में बीएलओ की लापरवाही सामने आ रही है और FIR तक दर्ज हो रही हैं. इसी बीच नोएडा की सहायक अध्यापिका पिंकी सिंह ने शिक्षण और बीएलओ की दोहरी जिम्मेदारी निभाना कठिन बताते हुए पद से इस्तीफा दे दिया.
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Special Intensive Revision: उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान इस समय बेहद तेजी से चल रहा है. राज्य चुनाव आयोग इस पहल को बेहद महत्वपूर्ण मान रहा है, क्योंकि आने वाले चुनावों के लिए मतदाता सूची को सटीक और अद्यतन रखना आवश्यक है. लेकिन इस अभियान के बीच कई जिलों में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की लापरवाही लगातार सामने आ रही है. कई जगह प्रशासन को इनके खिलाफ एफआई (FIR) दर्ज करवानी पड़ी है. इसी क्रम में अब नोएडा में एक महिला सहायक अध्यापिका का मामला चर्चा में है, जिन्होंने बीएलओ की जिम्मेदारी से इस्तीफा दे दिया है.
महिला प्रशिक्षणिका ने लिखा इस्तीफा
नोएडा के सेक्टर 94 स्थित गेझा उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत सहायक अध्यापिका पिंकी सिंह ने जिला निर्वाचन अधिकारी को एक पत्र लिखकर बीएलओ पद छोड़ने की इच्छा जताई है. उनका इस्तीफा इंटरनेट पर तेजी से वायरल भी हुआ है. अपने पत्र में पिंकी ने साफ लिखा है कि वह शिक्षिका होने के साथ-साथ बीएलओ की दोहरी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम नहीं हैं. पिंकी ने अपने इस्तीफे में लिखा है, 'मैं यूपीएस गेझा उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका हूं. मेरा बीएलओ पार्ट नंबर 206 रॉलवुड स्कूल है. मेरे क्षेत्र में कुल 1179 मतदाता हैं. इनमें से मैंने 215 ऑनलाइन फीड कर दिए हैं. लेकिन अब मुझसे यह कार्य आगे नहीं हो पाएगा. कृपया बताएं कि मैं निर्वाचन सामग्री किसे सौंप दूं.' उनके इस पत्र ने प्रशासनिक हलकों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर इतनी बड़ी जिम्मेदारी शिक्षकों पर क्यों डाली जा रही है और क्या पर्याप्त सहयोग उन्हें मिल रहा है.
नोएडा में 19 बीएलओ पर कार्रवाई की तैयारी
नोएडा प्रशासन ने जिले में कई बीएलओ की लापरवाही को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. जिलाधिकारी मेधा रूपम ने बताया कि 7 नवंबर को SIR अभियान में सुस्ती दिखाने पर 140 बीएलओ को चेतावनी दी गई थी. अधिकतर अधिकारी चेतावनी के बाद ड्यूटी पर लौट आए, लेकिन 19 बीएलओ अब भी काम पर नहीं लौटे. इनमें जेवर के 7, सदर क्षेत्र के 3 और दादरी के 9 बीएलओ शामिल हैं. सभी ने स्पष्टीकरण भी दिया है, लेकिन लगातार अनुपस्थित रहने के कारण कार्रवाई लगभग तय है. विभागीय जांच शुरू की जा चुकी है और FIR दर्ज करने की अनुमति के लिए प्रस्ताव मुख्य निर्वाचन अधिकारी, यूपी को भेजा गया है.
गाजियाबाद में भी 38 बीएलओ जांच के घेरे में
गाजियाबाद में तो स्थिति और भी गंभीर है. यहां 38 बीएलओ पर मतदाता सूची से जुड़े काम में रुचि न दिखाने के आरोप लगे हैं. प्रशासन का कहना है कि इन अधिकारियों ने फॉर्म वितरण और संग्रहण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में बिल्कुल ध्यान नहीं दिया. पिछले सप्ताह 25 बीएलओ के खिलाफ FIR प्रस्ताव भेजा गया था, और बुधवार को 13 और नाम इसमें शामिल कर दिए गए. एडीएम प्रशासन सौरभ भट्ट ने बताया कि सिहनी गेट थाने को शिकायत भेज दी गई है और जल्द ही FIR दर्ज कर दी जाएगी.
SIR अभियान के बीच लगातार बढ़ रही कार्रवाई
इस पूरे मामले को गंभीर इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि प्रशासन पहले ही सख्त मोड में है. ठीक पिछले शनिवार को SIR अभियान में लापरवाही को लेकर 60 बीएलओ और 7 सुपरवाइजरों पर FIR दर्ज करवाई गई थी. ऐसे में एक महिला अध्यापिका द्वारा जिम्मेदारी छोड़ना अब बहस का विषय बन गया है. शिक्षण कार्य पहले से ही दबावपूर्ण माना जाता है. ऐसे में बीएलओ की अतिरिक्त और जटिल जिम्मेदारी कई शिक्षकों के लिए चुनौती बन रही है. हालांकि अभी इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में इस पर स्पष्ट बयान सामने आएगा.
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बताते चलें कि एसआईआर (SIR) अभियान जहां मतदाता सूची को मजबूत करने का एक खास प्रयास है, वहीं बीएलओ की लगातार बढ़ती जिम्मेदारियों और उन पर कार्रवाई का सिलसिला प्रशासनिक ढांचे पर सवाल खड़ा कर रहा है. पिंकी सिंह का इस्तीफा इस बात का संकेत है कि जमीनी स्तर पर संसाधनों और सहयोग की वास्तविक जरूरत क्या है. आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि सरकार और प्रशासन इस समस्या का समाधान किस तरह निकालते हैं.
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