हाईवे, मेट्रो और मेगा प्रोजेक्ट्स... फडणवीस सरकार ने एक साल में महाराष्ट्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में दी तेज रफ्तार
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार का एक साल पूरा हो गया है. 5 दिसंबर 2024 को पदभार संभालने के बाद सीएम फडणवीस ने मेट्रो विस्तार, तटीय सड़क, ट्रांस-हार्बर लिंक, वधावन पोर्ट और ग्रामीण सड़कों जैसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम किया.
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महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने अपना एक साल पूरा कर लिया है. बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) की इस गठबंधन सरकार ने नवंबर 2024 में हुए 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में 235 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद 5 दिसंबर 2024 को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. एक वर्ष के कार्यकाल में सीएम फडणवीस ने राज्य में चहुंमुखी विकास को रफ्तार देने के लिए कई अहम परियोजनाएं शुरू कीं. नए एयरपोर्ट, मेट्रो कॉरिडोर, हाईवे विस्तार, सड़क नेटवर्क और बड़े पैमाने पर निवेश जैसी सौगातें महायुति सरकार की प्रमुख उपलब्धियों में शामिल रहीं.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रदेश के विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए शुरुआत से ही कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर तेज गति से काम किया. मुंबई, पुणे और ठाणे में मेट्रो रेल विस्तार, तटीय सड़क परियोजना, मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक, मेगा वधावन पोर्ट और ग्रामीण संपर्क सड़कों जैसी योजनाओं को विशेष प्राथमिकता दी गई. सीएम फडणवीस इन सभी परियोजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा स्वयं करते हैं और संबंधित विभागों के मंत्रियों से अपडेट लेते रहते हैं. सरकार का दावा है कि इन परियोजनाओं के पूरा होने पर राज्य के बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव दिखाई देगा और निवेश को नई गति मिलेगी. ऐसे में आइए, प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने वाली कुछ प्रमुख परियोजनाओं पर एक नजर डालते हैं.
मेगा वधावन पोर्ट
वधावन बंदरगाह महाराष्ट्र के पालघर जिले में दहानू के पास विकसित किया जा रहा एक प्रस्तावित मेगा पोर्ट है. ये महाराष्ट्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. यह भारत के सबसे बड़े गहरे पानी वाले बंदरगाहों में से एक होगा और सागरमाला परियोजना के तहत देश की समुद्री कनेक्टिविटी तथा वैश्विक व्यापार को मजबूती देने के उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है. यह परियोजना जेएनपीए (जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी) और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जा रही है. इसे भारत के नए ‘एंट्री गेटवे’ के रूप में देखा जा रहा है और उम्मीद है कि यह दुनिया के टॉप-10 मेगा पोर्ट्स में शामिल होगा. परियोजना का मुख्य उद्देश्य भारत की समुद्री कनेक्टिविटी बढ़ाना, अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों से सीधा संपर्क स्थापित करना, पारगमन समय और लागत में कमी लाना तथा भारत को वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में मजबूत करना है. बंदरगाह विकास में जेएनपीए की 74% और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड की 26% हिस्सेदारी निर्धारित की गई है. प्रस्तावित वधावन बंदरगाह परियोजना की अनुमानित लागत करीब ₹76,000 करोड़ है.
मुंबई, पुणे और ठाणे में मेट्रो रेल परियोजनाएं
महाराष्ट्र सरकार मुंबई, पुणे और ठाणे में मेट्रो रेल नेटवर्क को तेजी से विस्तार दे रही है. इन तीनों शहरों में चल रही परियोजनाएँ शहरी परिवहन को आधुनिक, तेज और अधिक सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. मुंबई में कई मेट्रो लाइनें संचालित हैं जबकि कुछ निर्माणाधीन हैं. पुणे में मेट्रो का विस्तार तेज गति से जारी है और ठाणे में प्रस्तावित रिंग मेट्रो शहर के यातायात तंत्र को नई दिशा देने वाली है.
मुंबई मेट्रो:
मेट्रो लाइन 2A/2B (येलो लाइन)
दहिसर से डीएन नगर और आगे मंडाले तक लगभग 40 किमी लंबी यह लाइन मुंबई के उत्तर और मध्य उपनगरों को जोड़ते हुए यात्रियों को बड़ी राहत प्रदान कर रही है.
मेट्रो लाइन 12
कल्याण-डोंबिवली से तलोजा तक करीब 22 किमी लंबी यह लाइन नवी मुंबई की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी. परियोजना पर तेजी से कार्य जारी है.
मेट्रो लाइन 4 (CSMT-ठाणे-कसार)
लगभग 58 किमी लंबी यह परियोजना मुंबई की सबसे बड़ी मेट्रो लाइनों में से एक होगी. 2026 के अंत तक इसके चालू होने की उम्मीद है, जिससे लाखों यात्रियों को लाभ मिलेगा.
पुणे मेट्रो:
पुणे मेट्रो लाइन 3 (रेड लाइन)
सिविल कोर्ट से हिंजवडी तक 23.3 किमी लंबी यह कॉरिडोर आईटी हब और शहर के बीच हाई-फ्रिक्वेंसी कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगा. परियोजना सितंबर 2025 से आंशिक रूप से शुरू होने और मार्च 2026 तक पूर्ण होने की संभावना है.
ठाणे मेट्रो:
ठाणे रिंग मेट्रो (मेट्रो-4 कॉरिडोर)
महाराष्ट्र मेट्रो (महामेट्रो) द्वारा लागू की जा रही यह 29 किमी की वृत्ताकार लाइन ठाणे के पश्चिमी क्षेत्रों को जोड़ते हुए 22 स्टेशनों से होकर गुजरेगी. विस्तृत डिजाइन तैयार कर लिया गया है और परियोजना जल्द ही निर्माण चरण में प्रवेश करेगी. मुंबई, पुणे और ठाणे में चल रही ये मेट्रो परियोजनाएँ महाराष्ट्र के सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक, कुशल और सुलभ बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं. इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद शहरी आवागमन में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा.
गांव-गांव को शहर से जोड़ने वाला कदम
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य के गांव-गांव को शहरों से जोड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सड़क नेटवर्क तैयार कर रहे हैं. इसी प्रयास के तहत समृद्धि महामार्ग से मुंबई तक अखंड कनेक्टिविटी का नया दौर शुरू हो चुका है. एमएमआरडीए (MMRDA) द्वारा 600 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा एलिवेटेड कॉरिडोर ठाणे और मुंबई के बीच लगने वाले लंबे ट्रैफिक जाम से बड़ी राहत दिलाएगा. इसके साथ ही आमने से साकेत तक 29 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड सड़क समृद्धि महामार्ग को सीधे मुंबई से जोड़ेगी. नागपुर से दक्षिण मुंबई तक सुगम यात्रा का यह विज़न राज्य में स्मार्ट और तेज़ मोबिलिटी को नई दिशा दे रहा है. मुख्यमंत्री फडणवीस का दावा है कि इन परियोजनाओं के पूरा होने पर महाराष्ट्र में परिवहन व्यवस्था पहले से अधिक आधुनिक और कुशल हो जाएगी.
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बताते चलें कि फडणवीस सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में बुनियादी ढांचे के विस्तार, आधुनिक परिवहन व्यवस्था के विकास और ग्रामीण-शहरी कनेक्टिविटी को मजबूत बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं. मेगा पोर्ट, मेट्रो नेटवर्क, हाईवे और ग्रामीण सड़कों जैसी परियोजनाओं ने महाराष्ट्र को तेज़ विकास की पटरी पर ला दिया है. सरकार का दावा है कि आने वाले वर्षों में इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से राज्य न केवल बेहतर कनेक्टिविटी हासिल करेगा, बल्कि निवेश, रोजगार और आर्थिक गतिविधियों में भी बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. महायुति सरकार अब इन योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर जोर दे रही है, ताकि महाराष्ट्र देश के सर्वाधिक विकसित और कनेक्टेड राज्यों में अपनी जगह और मजबूत कर सके.
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