Advertisement

राहुल गांधी के खिलाफ हाई कोर्ट ने किया कड़ा कदम, सिखों पर बयान के मामले में याचिका की खारिज

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी. उन्होंने यह याचिका वाराणसी की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट के 21 जुलाई 2025 के आदेश के खिलाफ दायर की थी. स्पेशल कोर्ट ने उनके कथित बयान पर सिख समुदाय की निगरानी याचिका स्वीकार की थी. जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने शुक्रवार दोपहर दो बजे याचिका खारिज कर दी.

26 Sep, 2025
( Updated: 26 Sep, 2025
10:04 PM )
राहुल गांधी के खिलाफ हाई कोर्ट ने किया कड़ा कदम, सिखों पर बयान के मामले में याचिका की खारिज
Rahul Gandhi (File Photo)

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी है. उन्होंने यह याचिका वाराणसी की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट के 21 जुलाई 2025 के आदेश के खिलाफ दायर की थी. वाराणसी की स्पेशल कोर्ट ने सिख समुदाय पर उनके कथित बयान के खिलाफ निगरानी याचिका स्वीकार की थी. इलाहाबाद हाई कोर्ट की सिंगल बेंच, जस्टिस समीर जैन ने शुक्रवार दोपहर दो बजे याचिका खारिज कर दी.

क्या है विवाद?

सितंबर 2024 में अमेरिका यात्रा के दौरान वाशिंगटन डीसी में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने सिख समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर टिप्पणी की थी. उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि भारत में सिखों को अपनी आस्था, जैसे पगड़ी और कृपाण, का अभ्यास करने की आजादी नहीं है, जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. वरिष्ठ वकील और वाराणसी निवासी नागेश्वर मिश्रा ने इस बयान को भड़काऊ बताते हुए सारनाथ थाने में एफआईआर दर्ज करने की प्रार्थना की, लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने एसीजेएम कोर्ट में आवेदन किया, जिसे 28 नवंबर 2024 को खारिज कर दिया गया. इसके बाद एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट में निगरानी याचिका दायर की गई, जिसे विशेष न्यायाधीश ने 21 जुलाई 2025 को स्वीकार किया। राहुल गांधी ने इस आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन याचिका खारिज कर दी गई.

यह भी पढ़ें

बताते चलें कि इस घटना ने एक बार फिर यह साफ किया कि संवेदनशील धार्मिक मामलों में कानूनी प्रक्रियाएं निर्णायक भूमिका निभाती हैं. इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा राहुल गांधी की याचिका खारिज किए जाने के बाद अब मामला एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट के आदेश के अनुसार आगे बढ़ेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे विवादों में राजनीतिक और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ ही कानूनी रास्ता अपनाना जरूरी है, ताकि विवाद हिंसा या सार्वजनिक अशांति में बदलने से रोका जा सके.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
26000 बीमारियों के सिर्फ 2 कारण हैं ? Dr RN Varma | Dr Soni | Health
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें