'अंतरिक्ष से नमस्कार...', शुभांशु शुक्ला ने स्पेस से भेजा पहला मैसेज, देखें स्पेसक्राफ्ट से आए VIDEO में क्या बोले
SpaceX के ड्रैगन यान से भेजे गए संदेश में शुभांशु शुक्ला ने कहा कि "आप सभी को अंतरिक्ष से नमस्कार. मैं यहां बिल्कुल एक बच्चे की तरह चीज़ें सीख रहा हूं!"
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भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से धरती पर अपना पहला संदेश भेजा है. SpaceX के ड्रैगन यान से भेजे गए इस संदेश में उन्होंने कहा कि "आप सभी को अंतरिक्ष से नमस्कार. मैं यहां बिल्कुल एक बच्चे की तरह चीज़ें सीख रहा हूं!" यह खास पल Axiom Mission 4 के तहत आया, जिसमें कैप्टन शुक्ला और उनकी टीम अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर यात्रा कर रही है. यह मिशन न केवल भारत के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि विज्ञान और अंतरिक्ष में हमारी नई छलांग का भी प्रतीक है.
After 41 years, India's flag will fly in space again.
— Shubhanshu Shukla (@IndiaInSky) June 25, 2025
Jai Hind 🇮🇳 pic.twitter.com/9BJKHeCjNZ
ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने स्पेसएक्स लाइव स्ट्रीम के दौरान कहा, "सभी को नमस्कार, अंतरिक्ष से नमस्कार." उन्होंने कहा कि वह बाकी क्रू के साथ अंतरिक्ष में होने से रोमांचित थे और उन्होंने कक्षा में जाने की यात्रा को 'अद्भुत' बताया. शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से सीधे प्रसारण में कहा, "यह एक छोटा कदम है, लेकिन भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में एक स्थिर और ठोस कदम है. अंतरिक्ष में चहलकदमी करना और खाना-पीना, एक बच्चे की तरह सीख रहा हूं."
'नमस्कार फ्रॉम स्पेस...'
— NMF NEWS (@nmfnewsofficial) June 26, 2025
कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने स्पेस से भेजा पहला मैसेज, जानें देशवासियों से क्या कहा. #ShubhanshuShukla #DragonCapsule #SpaceX pic.twitter.com/woDLAqQkkh
Axiom Mission 4 पर कैप्टन शुभांशु शुक्ला
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके तीन साथियों की टीम Axiom Mission 4 के तहत अंतरिक्ष की ओर एक ऐतिहासिक यात्रा पर है. इस मिशन में शामिल सभी अंतरिक्षयात्री भारतीय समयानुसार आज शाम करीब 4:30 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से डॉकिंग करने वाले हैं.
डॉकिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद, चारों अंतरिक्षयात्री ISS के भीतर प्रवेश करेंगे. यहां वे करीब 14 दिन तक रहेंगे और इस दौरान उनका मुख्य कार्य होगा:
1- विज्ञान और तकनीक से जुड़े महत्वपूर्ण प्रयोग करना
2- माइक्रोग्रैविटी (अंतरिक्ष की शून्यता) में मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन
3- नई अंतरिक्ष तकनीकों का परीक्षण और विश्लेषण
4- एजुकेशनल आउटरीच – धरती पर छात्रों को प्रेरित करने के लिए अंतरिक्ष से संवाद
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Axiom Space और NASA के इस संयुक्त मिशन में SpaceX का क्रू ड्रैगन यान प्रयोग में लिया जा रहा है, जो अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित ISS तक पहुंचाने के लिए विकसित किया गया है. यह मिशन भारत के लिए भी ऐतिहासिक है, क्योंकि शुभांशु शुक्ला इस अभियान में एक भारतीय वायुसेना अधिकारी के रूप में अंतरिक्ष में भारत की भागीदारी का प्रतीक बनकर गए हैं.
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