जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश से तबाही, बादल फटने से जनजीवन प्रभावित, गृह मंत्री ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने 'X' (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा "जल आपूर्ति और स्वास्थ्य विभागों को बाढ़ के बाद उत्पन्न स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने में पूरी ताकत लगाने का निर्देश दिया गया है. मोदी सरकार त्वरित राहत, वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना जारी रखेगी."
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जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश इन दिनों भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं से जूझ रहे हैं. विशेष रूप से जम्मू क्षेत्र में बादल फटने और मूसलधार बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बाढ़ की वजह से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है.
जम्मू-कश्मीर में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का गृह मंत्री ने किया दौरे
इस आपदा को लेकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और प्रभावित क्षेत्रों के लिए तत्काल राहत एवं पुनर्वास की मांग की. गृह मंत्री अपने जम्मू-कश्मीर दौरे के दूसरे दिन नुकसान का जायज़ा लेने पहुंचे और उन्होंने एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी की.
आपदा से जम्मू-कश्मीर में हुआ भारी नुकसान
सुनील शर्मा ने जानकारी दी कि इस प्राकृतिक आपदा में कई लोगों की जान गई है, बड़ी संख्या में पशुधन हानि हुई है, और चल-अचल संपत्तियों को भारी नुकसान पहुँचा है. कई सड़कें बह गई हैं, बिजली और जल आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है, जबकि कई दूरदराज़ इलाके पूरी तरह से संपर्क से कट गए हैं.
गृह मंत्री ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने 'X' (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा "जल आपूर्ति और स्वास्थ्य विभागों को बाढ़ के बाद उत्पन्न स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने में पूरी ताकत लगाने का निर्देश दिया गया है. मोदी सरकार त्वरित राहत, वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना जारी रखेगी."
विपक्ष के नेता ने केंद्र सरकार से निम्नलिखित मांगे कीं
नुकसान का सटीक आकलन करने के लिए विशेष केंद्रीय टीमों का गठन. पारदर्शी सर्वेक्षण के आधार पर राहत और पुनर्वास योजनाओं का निर्माण. तत्काल राहत पैकेज जिसमें वित्तीय सहायता, अस्थायी आश्रय, खाद्य आपूर्ति और बुनियादी सेवाओं की बहाली शामिल हो. क्षतिग्रस्त सड़कों, बिजली और जल आपूर्ति जैसे बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए व्यापक सहायता पैकेज. भविष्य की आपदाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक रणनीति और मज़बूत आपदा प्रबंधन तंत्र की स्थापना.
उन्होंने केंद्र सरकार से यह भी आग्रह किया कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी न हो और प्रभावित नागरिकों को तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जाए.
स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है, और प्रशासन राहत कार्यों में पूरी तरह जुटा है. केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर हालात सामान्य करने के प्रयासों में लगी हैं.
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