‘मौलाना तौकीर रजा के बहकावे में आ गए थे…’, सहयोगियों पर पुलिस-प्रशासन का तगड़ा एक्शन, करीबी शूटर का एनकाउंटर, अबतक 81 गिरप्तार
हिंसा की साजिश के तार मौलाना तौकीर रजा से जुड़ते नजर आ रहे हैं. जिसके बाद प्रशासन और पुलिस ने तौकीर रजा और उनके करीबियों पर कार्रवाई करते हुए 81 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
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उत्तर प्रदेश के बरेली में पिछले शुक्रवार को भड़की हिंसा को लेकर पुलिस एक्शन मोड में आ चुकी है. इस हिंसा की साजिश के तार मौलाना तौकीर रजा से जुड़ते नजर आ रहे हैं. जिसके बाद प्रशासन और पुलिस ने तौकीर रजा और उनके करीबियों पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करनी शुरु कर दी है. हिंसा के आरोपी के साथ-साथ तौकीर रजा से जुड़े नेटवर्क पर भी पुलिस प्रशासन शिकंजा कस जा रही है.
बता दें कि तौकीर रजा पर आरोप है कि वह पिछले पंद्रह साल से ऐसे अपराधों में संलिप्त रहा है. कई बार उसपर हिंसा भड़काने का आरोप भी लगा है. लेकिन अबतक सहयोगियों पर कोई कार्रावाई नहीं की गई है. ये पहली बार है कि पुलिस-प्रशासन ने न सिर्फ तौकीर बल्कि उनके हमदर्दों को भी निशाने पर लिया है. उनकी दुकान, संस्था और अवैध निर्माणों तक पर बुलडोजर चल चुका है. पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 81 लोगों का गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि 1700 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज हुआ है.
पुलिस ने किया शूटर का एनकाउंटर
बरेली हिंसा मामले में पुलिस की सख्ती का असर अब साफ दिखने लगा है. पुलिस गिरफ्त में आए कई आरोपी कैमरे पर हाथ जोड़कर माफी मांग रहे हैं. उनका कहना है कि वे मौलाना तौकीर रजा के बहकावे में आ गए थे और उकसावे में आकर हिंसा की. कई आरोपियों ने कैमरे पर यह भी स्वीकार किया कि उन्हें जानबूझकर भड़काया गया था.
इसी बीच, तौकीर रजा का करीबी शूटर पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया. उसे पैर में गोली लगी है और अब वह लंगड़ाकर चल रहा है. पुलिस का कहना है कि यह साफ संदेश है कि अब तक बचते आए उपद्रवियों को इस बार किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा.
मंगलवार रात बरेली पुलिस ने सीबी गंज इलाके में हुई मुठभेड़ के दौरान बलवा के आरोपी इदरीस और इकबाल को भी गिरफ्तार कर लिया. दोनों के पैरों में गोली लगी है. आरोप है कि हिंसा के दौरान उन्होंने पुलिस पर फायरिंग की थी और मौके से एक बंदूक भी छीन ली थी. पुलिस ने उनके पास से लूटी गई रायट गन, तमंचे और कारतूस बरामद किए हैं.
जांच में सामने आया है कि इदरीस पर 20 मामले और इकबाल पर 17 मामले पहले से दर्ज हैं. दोनों शाहजहांपुर के रहने वाले हैं और मास्टरमाइंड नदीम के कहने पर बरेली पहुंचे थे.
संस्था का दफ्तर सील, जांच की आंच में आए दामाद
बरेली हिंसा के बाद प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा की संस्था का दफ्तर सील कर दिया है और उनके दामाद के घर तक छापेमारी की है. जिन लोगों पर हिंसा की साजिश रचने का आरोप है, उनके मकानों और कॉम्प्लेक्स पर चिन्हीकरण कर नोटिस चिपका दिया गया है. एक अवैध कॉम्प्लेक्स को गिराने की कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है.
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने तौकीर रजा के करीबी और आईएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नफीस खान को गिरफ्तार किया है, जबकि उसके बेटे को हिरासत में लिया गया है. आरोप है कि नफीस खान ने तौकीर रजा के कथित पत्र को फर्जी बताकर 50 से ज्यादा वॉट्सऐप ग्रुप्स में शेयर किया और हिंसा भड़काने में अहम भूमिका निभाई. उसका बेटा इस संदेश को वायरल कराने में शामिल था.
जांच में यह भी सामने आया है कि नफीस खान ने ही शुक्रवार सुबह मौलाना तौकीर रजा का वीडियो बनाकर वायरल किया था. पुलिस के मुताबिक, वह आईएमसी संस्था का मुख्य कर्ताधर्ता है और हिंसा की साजिश में उसकी सीधी भूमिका रही है.
बाहरी राज्यों से भी लोग हुए शामिल
बरेली हिंसा मामले में पुलिस को एक और अहम सुराग मिला है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि पथराव में बिहार और पश्चिम बंगाल से आए लोग भी शामिल थे. अब पुलिस यह पता लगा रही है कि ये लोग कितने दिन पहले बरेली पहुंचे थे और यहां उनकी गतिविधियां क्या थीं.
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बरेली के एसएसपी ने साफ कहा है कि हिंसा फैलाने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग पहले माहौल बिगाड़कर बच जाते थे, इस बार उन्हें हर स्तर पर सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
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