दांतों से बग्गी खींचकर कर रहा है शिव की भक्ति... 'भोला रुतबा गुज्जर' की आस्था और संकल्प ने सबको चौंकाया
भोला रुतबा ने बताया कि उन्होंने 29 जून को हरिद्वार से अपनी यात्रा शुरू की थी. उनका संकल्प है कि गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाया जाए. यही उनकी मन्नत है, जिसे लेकर वह यह कठिन और अनोखी यात्रा कर रहे हैं.

मुज़फ्फरनगर: श्रावण मास का पावन पर्व शुरू होते ही उत्तर भारत में शिव भक्ति की लहर दौड़ पड़ी है. हरिद्वार से पवित्र गंगा जल लेकर शिव भक्त कांवड़िये अपने-अपने गंतव्यों की ओर निकल चुके हैं. इन्हीं में से एक अनोखे कांवड़िये ने अपनी आस्था और संकल्प से हर किसी को चौंका दिया है.
दांतों से बग्गी खींचकर कर रहा है शिव की भक्ति
हम बात कर रहे हैं 'भोला रुतबा गुज्जर' की, जो हरिद्वार से 101 लीटर पवित्र गंगाजल भरकर उसे एक बग्गी में रखकर उसे अपने दांतों से खींचते हुए यात्रा कर रहे हैं. जी हाँ, यह कोई साधारण कांवड़ नहीं, बल्कि एक विशेष मन्नत से जुड़ी श्रद्धा की मिसाल है.
गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने की मांगी मन्नत
भोला रुतबा ने बताया कि उन्होंने 29 जून को हरिद्वार से अपनी यात्रा शुरू की थी. उनका संकल्प है कि गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाया जाए. यही उनकी मन्नत है, जिसे लेकर वह यह कठिन और अनोखी यात्रा कर रहे हैं.
भोला रुतबा का कहना है कि "मैंने मन्नत मांगी है कि आदरणीय योगी जी गाय माता को राष्ट्र माता का दर्जा दें. जगह-जगह गाय माता की दुर्दशा देखी जा रही है. अगर उन्हें राष्ट्र माता का दर्जा मिलेगा, तो उनकी रक्षा सुनिश्चित हो सकेगी."
हरिद्वार से गंगाजल लेकर पुरकाजी बाईपास पहुंचा भोला
आज उन्होंने अपनी यात्रा का 70 किलोमीटर सफर पूरा कर लिया है और मुज़फ्फरनगर के पुरकाजी बाईपास पर पहुंचे हैं. जब लोग उन्हें बग्गी को दांतों से खींचते हुए चलते देखते हैं, तो हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है और श्रद्धा से भर उठता है.
भोला रुतबा गुज्जर जैसे कांवड़िये न केवल शिवभक्ति की अद्भुत मिसाल पेश करते हैं, बल्कि सामाजिक संदेश भी दे रहे हैं धर्म, आस्था और पशु-रक्षा का अनोखा संगम.