गुजरात में महिसागर नदी पर बना 43 साल पुराना पुल ढहा, कई वाहन नदी में गिरे, 9 लोगों की मौत, PM मोदी ने जताया दुख
गुजरात में महिसागर नदी पर बना एक पुराना पुल सोमवार को अचानक भरभराकर गिर गया, जिससे बड़ा हादसा हो गया. अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य को रेस्क्यू कर लिया गया है.
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गुजरात के पादरा क्षेत्र में वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाला महिसागर नदी पर स्थित 43 साल पुराना पुल सोमवार को अचानक टूट गया. इस हादसे में अबतक नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के वक्त पुल पर भारी ट्रैफिक था. दो ट्रक, एक कार और कई दोपहिया वाहन नदी में गिर गए.
सूचना मिलते ही प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि कुल कितने लोग नदी में गिरे हैं. राहत और बचाव कार्य जारी है.
हादसे पर पीएम मोदी ने जताया दुख
इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया. उन्होंने लिखा गुजरात के वडोदरा ज़िले में एक पुल के ढहने से हुई जनहानि बेहद दुखद है. जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.
मृतक के परिजनों को 2 लाख के मुआवजे का ऐलान
PMO की तरफ से मृत्कों और घायलों के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया गया. PMO ने X हैंडल पर इसकी जानकारी दी गई और लिखा गया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी. घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना सुबह 7.30 बजे के आसपास की है. पुल टूटने की वजह से दो ट्रक और एक पिकअप वैन सहित चार वाहन महिसागर नदी में गिर गए. लोगों को रेस्क्यू किया गया. पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर हैं. फायर ब्रिगेड की टीमें भी मौके पर हैं. इस ब्रिज को आमतौर पर सुसाइड प्वॉइन्ट के तौर पर भी जाना जाता है.
पादरा के पुलिस निरीक्षक विजय चरण ने बताया कि अब तक चार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. नदी का तल गहरा और चौड़ा होने के कारण अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितने वाहन नदी में गिरे हैं.
'सुसाइड पॉइंट' के नाम से जाना जाता था पुल
महिसागर नदी पर बना वडोदरा का गंभीरा पुल करीब 43 साल पुराना था और लंबे समय से जर्जर हालत में था. स्थानीय लोग इसे "सुसाइड पॉइंट" के नाम से भी जानते हैं. बावजूद इसके, इसकी मरम्मत नहीं कराई गई. जानकारी के अनुसार, सौराष्ट्र से आने वाले भारी वाहन अक्सर टोल टैक्स बचाने के लिए इसी पुल का इस्तेमाल करते थे.
वडोदरा कलेक्टर ने बताया कि हादसे के बाद भी फिलहाल यातायात के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं कराया गया है. हालांकि, प्रशासन की ओर से पुल के समानांतर एक नए पुल के निर्माण की योजना पहले से तैयार की गई थी.
बार-बार शिकायत के बाद भी नहीं लिया गया एक्शन
महिसागर नदी पर बना 43 साल पुराना गंभीरा पुल लंबे समय से जर्जर हालत में था और लगातार हिलता महसूस हो रहा था. स्थानीय लोगों और राहगीरों ने इसकी हालत को लेकर कई बार शिकायतें दर्ज कराई थीं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.
हालांकि नए पुल को मंज़ूरी मिल चुकी थी, लेकिन उसका निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका. मानसून से पहले भी किसी तरह की सतर्कता या निरीक्षण नहीं किया गया. पुल की हालत खराब होने के बावजूद उसे यातायात के लिए बंद नहीं किया गया, जिससे यह भयावह हादसा हुआ.
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