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बुलेट ट्रेन को लेकर आ गई गुड न्यूज, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में कर दिया बड़ा ऐलान, जानिए कब से भरेगी फर्राटे

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का गुजरात सेक्शन दिसंबर 2027 तक और पूरा कॉरिडोर दिसंबर 2029 तक पूरा होगा. जापान की तकनीकी व वित्तीय मदद से बन रहे इस 508 किमी लंबे प्रोजेक्ट की लागत ₹1.08 लाख करोड़ है, जिसमें 81% फंडिंग JICA कर रही है.

देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना यानी मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) प्रोजेक्ट को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संसद में जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रोजेक्ट का गुजरात वाला हिस्सा दिसंबर 2027 तक पूरा हो जाएगा. जबकि पूरा 508 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिसंबर 2029 तक पूरा होने की उम्मीद है.

जापान की तकनीकी मदद से बन रहा है हाई-स्पीड प्रोजेक्ट

रेल मंत्री ने बताया कि यह हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट जापान सरकार की तकनीकी और वित्तीय सहायता से बन रहा है. यह महत्वाकांक्षी योजना गुजरात, महाराष्ट्र और केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली से होकर गुजरेगी. वैष्णव ने स्पष्ट किया कि यह प्रोजेक्ट तकनीकी रूप से बेहद जटिल है और इसके सभी निर्माण कार्य जैसे सिविल स्ट्रक्चर, ट्रैक, इलेक्ट्रिकल, सिग्नलिंग, दूरसंचार और ट्रेनसेट आपूर्ति पूरी होने के बाद ही समयसीमा की सटीक पुष्टि की जा सकेगी.

कुल लागत ₹1.08 लाख करोड़

MAHSR प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत लगभग ₹1.08 लाख करोड़ है. इसमें से करीब ₹88,000 करोड़ यानी 81 प्रतिशत राशि जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (JICA) द्वारा फंड की जा रही है. बाकी 19 प्रतिशत यानी लगभग ₹20,000 करोड़ की फंडिंग भारतीय रेल मंत्रालय (50%), महाराष्ट्र सरकार (25%) और गुजरात सरकार (25%) मिलकर कर रही हैं.

अब तक खर्च हो चुके हैं ₹78,839 करोड़

रेल मंत्री ने जानकारी दी कि 30 जून 2025 तक इस प्रोजेक्ट पर कुल ₹78,839 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. भूमि अधिग्रहण में पहले महाराष्ट्र की ओर से देरी हुई थी, जिससे वर्ष 2021 तक कार्य प्रभावित रहा. लेकिन अब पूरे प्रोजेक्ट के लिए 1389.5 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है. साथ ही अंतिम स्थान सर्वेक्षण, भू-तकनीकी जांच, वन और पर्यावरण से जुड़े सभी वैधानिक मंजूरियां भी प्राप्त कर ली गई हैं.

प्रोजेक्ट में तेजी, कई निर्माण कार्य पूरे

बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर 392 किलोमीटर पियर निर्माण, 329 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग और 308 किलोमीटर गर्डर लॉन्चिंग का काम पूरा हो चुका है. इसके साथ ही समुद्र के नीचे 21 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो गया है. यह सुरंग प्रोजेक्ट का एक महत्वपूर्ण और तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण हिस्सा है.

देश के 12 प्रमुख स्टेशनों को जोड़ेगा MAHSR कॉरिडोर

प्रोजेक्ट के तहत देश के 12 शहरों में आधुनिक स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इनमें मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती शामिल हैं. ये स्टेशन भविष्य में भारत के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क की रीढ़ बनेंगे. केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद भारत में अन्य क्षेत्रों में भी हाई-स्पीड रेल नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा. इसके लिए राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही हैं. इन नेटवर्क्स का उद्देश्य वाणिज्यिक और पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ना और तेज़ यात्री सेवा प्रदान करना है.

बताते चलें कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट भारत के बुनियादी ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. जापान की तकनीकी विशेषज्ञता और भारत की इच्छाशक्ति मिलकर देश को तेज़, सुरक्षित और आधुनिक रेल सेवा की ओर ले जा रही है. अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो 2029 तक भारत में बुलेट ट्रेन की गूंज सुनाई दे सकती है.

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