लेह लद्दाख में फूटा GEN-Z का गुस्सा, BJP ऑफिस में लगा दी आग … सोनम वांगचुक के समर्थन में उतरे युवा, जानें पूरा मामला
लद्दाख में पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर बुधवार को युवाओं का प्रदर्शन हिंसक हो गया. छात्रों ने बीजेपी दफ्तर पर हमला किया, पुलिस पर पथराव किया और सीआरपीएफ की गाड़ी में आग लगा दी. स्थानीय पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया. यह आंदोलन पर्यावरणविद सोनम वांगचुक के समर्थन में हुआ, जो इन मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं.
Follow Us:
लद्दाख में पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर बुधवार को युवाओं का प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया. केंद्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ्तर पर हमला किया. इस दौरान युवाओं ने जमकर पत्थरबाज़ी की और पुलिस की गाड़ियों में आगजनी भी की. हालात काबू करने पहुंची स्थानीय पुलिस के साथ युवाओं की तीखी झड़प हुई. पर्यावरणविद सोनम वांगचुक इन मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं. बुधवार को उन्हीं के समर्थन में युवाओं का गुस्सा भड़क गया और देखते ही देखते आंदोलन हिंसा में बदल गया.
पूर्ण राज्य की मांग पर कर रहे युवा
दरअसल, पर्यावरणविद सोनम वांगचुक के समर्थन में बड़ी संख्या में छात्र और युवा सड़कों पर उतर आए. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसमें पुलिस पर पथराव किया गया और सीआरपीएफ की एक गाड़ी में आग लगा दी गई. प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी के दफ्तर के बाहर भी जमकर प्रदर्शन किया और आगजनी की. इसके साथ ही कई वाहनों और अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया. पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया, जबकि प्रदर्शनकारी लगातार पथराव करते रहे. फिलहाल, प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने का दावा किया है.
भूख हड़ताल पर हैं वांगचुक
सोनम वांगचुक पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं और उनकी अगुवाई में लद्दाख की एपेक्स बॉडी लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने की मांग कर रही है. बुधवार को लद्दाख बंद के बीच बड़ी संख्या में लोग लेह में इकट्ठा हुए. वांगचुक ने आंदोलन के माध्यम से केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया है.
केंद्र सरकार चार प्रमुख मांग रहे प्रदर्शनकारी
- लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए.
- लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए.
- लद्दाख में दो लोकसभा सीटें दी जाएं.
- लद्दाख की जनजातियों को आदिवासी का दर्जा मिले.
बताते चलें कि 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बाँट दिया गया था. जम्मू-कश्मीर एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना, जबकि लेह और कारगिल को मिलाकर लद्दाख को अलग केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया. अब स्थानीय लोगों और युवाओं की मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए और उसकी जनजातियों को संविधान में विशेष अधिकार दिए जाएं. ऐसे में युवा वर्ग के इस प्रदर्शन ने यह साफ कर दिया है कि लद्दाख के लोग राजनीतिक पहचान और अधिकारों के लिए मजबूत आवाज उठाने के लिए तैयार हैं, और उनकी मांगों को अब केंद्र सरकार के सामने गंभीरता से उठाना अनिवार्य हो गया है.
Advertisement
यह भी पढ़ें
Advertisement