पहले मिलने को तैयार हुए, फिर मुकर गए जयराम रमेश… चुनाव आयोग ने खोली कांग्रेस की पोल
इलेक्शन कमीशन ने कहा कि पहले जयराम रमेश विपक्षी दलों के 30 सदस्यों से मिलने पर तैयार हो गए थे, लेकिन बाद में वह अपनी बात से मुकर गए. वहीं, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से वोटर फ्रॉड के आरोपों पर जवाब मांगा है.
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SIR और वोट चोरी का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी समेत विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन ने बवाल काटा हुआ है. इसी बीच विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन की ओर से चुनाव आयोग से मुलाकात करने के मामले में अब चुनाव आयोग का बयान सामने आया है. इलेक्शन कमीशन ने कहा कि पहले जयराम रमेश विपक्षी दलों के 30 सदस्यों से मिलने पर तैयार हो गए थे, लेकिन बाद में वह अपनी बात से मुकर गए. उन्होंने मांग की कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सभी 300 सांसदों को बुलाया जाए. वहीं, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से वोटर फ्रॉड के आरोपों पर जवाब मांगा है.
'मुकर गए जयराम रमेश...'
जयराम रमेश ने चुनाव आयोग से मिलने के लिए समय मांगा था और कहा था कि विपक्षी सांसद संसद भवन से निर्वाचन सदन तक शांतिपूर्ण मार्च करेंगे. वे बिहार में चल रहे SIR और अन्य राज्यों में होने वाले ऐसे ही कार्यक्रमों पर चर्चा करना चाहते थे. चुनाव आयोग ने जगह की कमी का हवाला देते हुए सिर्फ 30 सदस्यों से मिलने का समय दिया. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पहले चुनाव आयोग को धन्यवाद दिया, लेकिन बाद में सभी 300 सांसदों के साथ वहां जाने पर अड़ गए.
चुनाव आयोग ने एक्स पर SIR से जुड़े कई दस्तावेज साझा किए हैं, जिनमें दिखाया गया है कि राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट (BLA) और बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) मिलकर काम कर रहे हैं. बीएलओ ने 65 लाख मतदाताओं की सूची दी थी, जिनमें कुछ मृतक थे, कुछ कहीं और चले गए थे, और कुछ का पता ही नहीं चल पाया था.
राहुल को चुनाव आयोग का नोटिस
हाल ही में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोटर फ्रॉड के आरोप लगाए थे. इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने राहुल को नोटिस भेजा है. आयोग का कहना है कि राहुल गांधी या तो अपने आरोप साबित करें, वरना देश से माफी मांगें.
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