पिता ने रोका काफिला, बेटे ने मिलाया राहुल गांधी से हाथ... यूपी की सियासत से सामने आई गजब की तस्वीर, बनी चर्चा का विषय
रायबरेली में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के दो दिवसीय दौरे के दौरान राजनीतिक हलचल तेज रही. प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने उनके काफिले को हाईवे पर रोक दिया.लेकिन उसी मंत्री का बेटा पीयूष प्रताप सिंह राहुल गांधी से हंसते हुए हाथ मिलाते दिखा, और दिनेश प्रताप सिंह भी मुस्कुराते नजर आए.
Follow Us:
उत्तर प्रदेश की राजनीति में बीते दो दिनों से रायबरेली की खूब चर्चा हो रही है.. इसके पीछे कारण है कांग्रेस नेता राहुल गांधी का अपने संसदीय क्षेत्र में आगमन. रायबरेली जाते समय उनके काफिले को यूपी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने लखनऊ-प्रयागराज हाईवे पर रोक दिया. यह विरोध प्रधानमंत्री की मां के अपशब्दों के खिलाफ किया गया था. मंत्री ने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर राहुल गांधी के काफिले को रोकते हुए अपनी राजनीतिक ताकत दिखाई. हालाँकि इसके बाद जो बैठक हुई, उसमें सामने आई तस्वीर ने लोकतंत्र की ख़ूबसूरती को भी बखूबी प्रदर्शित किया.
पिता से हुई बहस तो बेटे ने मिलाया हाथ
दरअसल, राहुल गांधी रायबरेली के दौरे के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात की. इसके बाद कलेक्ट्रेट के बचत भवन सभागार में आयोजित दिशा बैठक राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में भी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और राहुल गांधी के बीच बहस हुई। लेकिन अब मज़ेदार पहलू यह भी रहा कि मंत्री के बेटे हरचंदपुर ब्लॉक प्रमुख पीयूष प्रताप सिंह राहुल गांधी से हंसते हुए हाथ मिलाते दिखे. इस दौरान खुद दिनेश प्रताप सिंह भी मुस्कराते हुए नजर आए.
दिशा की बैठक हुई थी दोनों नेताओं में बहस
गुरुवार को कलेक्ट्रेट के बचत भवन सभागार में आयोजित दिशा बैठक में सांसद राहुल गांधी ने अध्यक्षता की. बैठक जिले के विकास कार्यों, प्रशासनिक मुद्दों और स्थानीय समस्याओं पर केंद्रित थी. लेकिन जैसे ही बैठक शुरू हुई, ऊंचाहार के विधायक डॉ. मनोज पांडे ने बैठक का बहिष्कार कर दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की मां के अपशब्दों पर निंदा प्रस्ताव बैठक में रखा जाना चाहिए था. जब यह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया, तो उन्होंने बैठक छोड़ दी और कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
बैठक में हंसी मजाक करते दिखे दोनों नेता
बैठक में जिले के विकास कार्यों की कई अहम बातें उठीं. राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह ने पुलों की टूटी रेलिंग का मुद्दा उठाया और सभी पुलों की सूची बनाने व तुरंत मरम्मत कराने के निर्देश दिए. इसके अलावा छतोह के धरई भुआल गांव में बने एएनएम सेंटर के मामले को भी उठाया गया. जब एक सदस्य ने इस मुद्दे पर सवाल पूछा, तो अध्यक्ष ने कहा कि इसकी जांच कराकर कार्य जल्द शुरू किया जाएगा. बैठक के दौरान हल्का-फुल्का मौज-मस्ती का दृश्य भी देखने को मिला. जब बैठक के बाद चाय लाई गई, तो दिनेश प्रताप सिंह ने मजाक में राहुल गांधी से कहा कि अध्यक्ष जी अकेले चाय पी रहे हैं. सांसद राहुल गांधी ने तुरंत आदेश दिया कि मंत्री के लिए भी दो कप चाय लाए जाएं. इस पर सभागार में हँसी का माहौल बन गया. वहीं, एक सदस्य ने तेज आवाज में सवाल पूछा तो सभी के चेहरे पर मुस्कान उभर आई.
कौन-कौन थे बैठक में शामिल
इस दिशा बैठक में जिले के तमाम जनप्रतिनिधि उपस्थित थे. इसमें प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, उनके बेटे पीयूष प्रताप सिंह, सांसद किशोरी लाल शर्मा, ऊंचाहार के विधायक डॉ. मनोज पांडे, सदर विधायक अतिथि सिंह, सरेनी विधायक देवेंद्र प्रताप सिंह और हरचंदपुर विधायक राहुल लोधी शामिल थे. बैठक लगभग तीन घंटे तक चली। इससे पहले सांसद राहुल गांधी एनटीपीसी ऊंचाहार गेस्ट हाउस में डॉक्टरों, अधिवक्ताओं और शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल से भी मिले.
राजनीतिक हलचल और सहयोग का संगम
राजनीतिक दृष्टि से यह दौरा खास रहा. एक तरफ दिनेश प्रताप सिंह ने विरोध जताया, वहीं उनके बेटे और अन्य नेताओं ने राहुल गांधी के स्वागत में गर्मजोशी दिखाई. यह विरोध और सहयोग का संतुलन रायबरेली की सियासत में एक दिलचस्प दृश्य पेश करता है.
बताते चलें कि राहुल गांधी का रायबरेली दौरा राजनीतिक हलचल और विकास कार्यों का संतुलन दर्शाता है। इसमें विरोध, सहयोग, हल्की हंसी-मज़ाक और गंभीर मुद्दों पर चर्चा सभी का संगम देखने को मिला। यह बताता है कि लोकतंत्र में संवाद और चर्चा कितनी महत्वपूर्ण है. जनता ने इस दौरे के दौरान देखा कि राजनीतिक विरोध और विकास कार्य दोनों साथ-साथ चल सकते हैं.
Advertisement
यह भी पढ़ें
Advertisement