AAP नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के घर पर ED ने मारा छापा, अस्पताल निर्माण से जुड़ा है मामला
मंगलवार की सुबह ED की रेड ने दिल्ली की राजनीति में भूचाल ला दिया. दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के घर अस्पताल निर्माण में हुई कथित अनियमितता को लेकर हुई छापेमारी से हड़कंप मच गया है.
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के आवास पर छापेमारी की है. ED की यह कार्रवाई कथित अस्पताल निर्माण घोटाले से जुड़ी हुई है, जिसकी जांच पिछले कुछ महीनों से लगातार चल रही थी. इसके बाद से दिल्ली की राजनीति में हड़कंप मच गया है.
ED ने क्यों मारी रेड, क्या है पूरा मामला?
ED अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई दिल्ली सरकार की 2018–19 की अस्पताल परियोजनाओं से जुड़े अनियमितताओं के मामले में की गई है. उस दौरान दिल्ली सरकार ने 24 अस्पताल परियोजनाओं को मंजूरी दी थी -11 ग्रीनफील्ड और 13 ब्राउनफील्ड, जिन पर लगभग ₹5,590 करोड़ का बजट तय हुआ था. इन अस्पतालों का मकसद दिल्ली में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करना और आम जनता को बेहतर सुविधाएँ देना था.
लेकिन सूत्रों का कहना है कि इन परियोजनाओं में भारी विलंब, लागत में वृद्धि और वित्तीय गड़बड़ियां सामने आईं. यही वजह है कि पहले Anti-Corruption Branch (ACB) और बाद में ED ने इन पर संज्ञान लिया.
किन-किन ठिकानों पर हुई छापेमारी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज केवल भारद्वाज के घर ही नहीं, बल्कि दिल्ली और NCR के लगभग 12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई. ED का फोकस उन कंपनियों और ठेकेदारों पर भी है जिन्हें अस्पताल निर्माण का काम दिया गया था.
ED के छापे पर क्या बोली AAP?
आम आदमी पार्टी ने इस छापेमारी को एक राजनीतिक साजिश करार दिया है. पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार दिल्ली की जनता से जुड़े मुद्दों पर सवालों का जवाब देने में असफल रही है, इसलिए एजेंसियों का इस्तेमाल कर AAP नेताओं को फंसाया जा रहा है, हालांकि, विपक्षी दलों का आरोप है कि अस्पताल निर्माण जैसे संवेदनशील क्षेत्र में गड़बड़ी जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है और अगर घोटाले के सबूत मिलते हैं तो जिम्मेदार नेताओं पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
पहले भी घोटालों के आरोपों से घिर चुकी है AAP
यह पहली बार नहीं है जब AAP नेताओं पर ED या CBI की कार्रवाई हुई है. इससे पहले शराब नीति घोटाला, फीडर बस प्रोजेक्ट और CCTV प्रोजेक्ट और अब अस्पताल निर्माण घोटाला. एक के बाद एक लग रहे घोटालों के आरोपों से आम आदमी पार्टी सियासी तौर पर घिरती जा रही है. इसने सत्ताधारी बीजेपी को घेरने का एक और मौका दे दिया है.
ED अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में इस मामले में पूछताछ और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं. सौरभ भारद्वाज से भी लंबी पूछताछ की संभावना है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ED के पास ठोस सबूत हैं, तो यह मामला न केवल दिल्ली की राजनीति बल्कि आने वाले चुनावों पर भी गहरा असर डाल सकता है. कुल मिलाकर, सौरभ भारद्वाज पर हुई छापेमारी ने एक बार फिर दिल्ली की राजनीति को गरमा दिया है.
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