भारत का मजाक न उड़ाएं, उसके साहस की तारीफ करें...ट्रंप के टैरिफ टेरर को लेकर अपनी ही सरकार पर बरसे श्रीलंकाई सांसद, कहा- असली पिक्चर बाकी है...
श्रीलंका की संसद में सांसद हरीश डी सिल्वा ने अपनी ही सरकार और उन सांसदों को आड़े हाथों लिया जो ट्रेड और टैरिफ के मुद्दे पर कठिन दौर से गुजर रहे भारत पर हंस रहे हैं, मजाक उड़ा रहे हैं. उन्होंने अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर के मुद्दे पर भारत के समर्थन में खड़े होने की वकालत की है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रह-रहकर भारत को टैरिफ की धमकी दी जा रही है. उनके द्वारा दिखाया जा रहा डर अब उनके लिए ही परेशानी का कारण बनता जा रहा है. अमेरिकी ग्रोसरी स्टोर्स में कीमत बढ़ने की आशंका बढ़ गई है और भारत जैसे देशों से आने वालो सस्ते सामानों की शॉर्टेज होने लगी है. पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से अमेरिका भारत के खिलाफ टैरिफ बम फोड़ने की धमकी दे रहा है, उसका माकूल जवाब भारत सरकार की तरफ से दिया जा रहा है. वहीं अब कई ऐसे देश हैं जो ट्रंप की दादागिरी के खिलाफ खुलकर खड़े होने लगे हैं. इसी बीच श्रीलंका के सांसद हरीश डी सिल्वा ने भारक के समर्थन में बड़ा बयान दिया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
'भारत का मजाक न उड़ाएं, मुश्किल में वो ही आपको साथ खड़ा था'
श्रीलंका की संसद में एक महत्त्वपूर्ण बयान देते हुए सांसद हरीश डी सिल्वा ने अपनी ही सरकार और उन सांसदों को आड़े हाथों लिया जो ट्रेड और टैरिफ के मुद्दे पर कठिन दौर से गुजर रहे भारत पर हंस रहे हैं, मजाक उड़ा रहे हैं. उन्होंने अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर के मुद्दे पर भारत के समर्थन में खड़े होने की वकालत की है. उन्होंने साफ-साफ कहा कि ऐसे समय में जब भारत अमेरिका के टैरिफ पर सख्त रुख अपना रहा है, तब श्रीलंका को भारत का साथ देना चाहिए, ना कि मजाक उड़ाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि अभी हंसिए मत, ये अभी खत्म नहीं हुआ है, पिक्चर अभी बाकी है. यानी कि सिल्वा अपने सांसदों को कह रहे थे कि हंसने की जल्दबाजी मत कीजिए, खेल अमेरिका ने शुरू किया था खत्म भारत करेगा, भारत का पलटवार बाकी है.
'नैतिक रूप से भारत के साथ खड़ा हो श्रीलंका'
श्रीलंकाई सांसद ने भारत के प्रति अपनी सरकार के रुख को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए संसद में कहा कि हमारी सरकार ऐसे गंभीर मुद्दे पर भारत के साथ खड़े होने की बजाय उसका मजाक बना रही है, जो न केवल निंदनीय है बल्कि कूटनीतिक रूप से भी गलत संदेश देता है. उन्होंने कहा कि भारत ने जब श्रीलंका बेहद कठिन दौर से गुजर रहा था, तब मदद का हाथ बढ़ाया था. ऐसे में श्रीलंका को नैतिक रूप से भारत के साथ खड़ा होना चाहिए.
हरीश डी सिल्वा ने आगे कहा कि भारत ने अमेरिका की ट्रंप सरकार द्वारा लगाए गए व्यापार शुल्कों के खिलाफ भारत ने जो साहसिक स्टैंड अपनाया है, वह पूरे एशिया के लिए प्रेरणा है. उन्होंने कहा कि कुछ सरकारी अधिकारी और नेता भारत के इस रुख का उपहास कर रहे हैं, जो सरासर गलत है. उन्होंने चेताया कि यदि श्रीलंका ऐसे समय में अपने सच्चे सहयोगी देश भारत के साथ नहीं खड़ा होता, तो यह न केवल संबंधों में दरार ला सकता है, बल्कि हमारे दीर्घकालिक राष्ट्रीय हितों के लिए भी नुकसानदायक होगा.
'भारत हमेशा श्रीलंका का सच्चा मित्र रहा है...'
डी सिल्वा ने संसद में अपने संबोधन के दौरान जोर देकर कहा कि हमें भारत के रुख का मजाक उड़ाने के बजाय उसके साहस का सम्मान करना चाहिए. भारत हमेशा से श्रीलंका का सच्चा मित्र रहा है और सबसे कठिन समय में उसने निःस्वार्थ सहयोग दिया है. आज जब भारत अमेरिका जैसे महाशक्ति के खिलाफ साहसिक रुख अपनाकर अपने आर्थिक हितों की रक्षा कर रहा है, तो श्रीलंका को भी उसका समर्थन करना चाहिए.
🇱🇰🇮🇳 Called out the Govt in @ParliamentLK for mocking India’s bold stand against Trump’s trade tariffs. #India, our true ally, stood by us in our toughest times. We should honor their fight, not laugh. India’s courage inspires Asia! #StandWithIndia #SriLanka #TrumpTariffs pic.twitter.com/HUmMf1lht2
— Harsha de Silva (@HarshadeSilvaMP) August 10, 2025
सांसद के इस बयान के बाद संसद में हलचल देखी गई और सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठने लगे हैं. श्रीलंका में पहले भी कई राजनीतिक धड़े भारत के साथ संबंधों को प्राथमिकता देने की मांग करते रहे हैं, लेकिन इस बार संसद के भीतर सार्वजनिक तौर पर सरकार के रुख की आलोचना और भारत के समर्थन की खुली मांग को कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है.
श्रीलंका का ग्रोथ इंजन बना भारत!
भारत और श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंध रहे हैं. हाल के वर्षों में भारत ने श्रीलंका को आर्थिक संकट, कोविड महामारी और आपदा की घड़ी में मानवीय सहायता, ईंधन और आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराकर कई बार सहयोग दिया है. ऐसे में श्रीलंका के किसी सांसद द्वारा भारत का समर्थन करने की यह अपील द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा दे सकती है.
विश्लेषकों का मानना है कि भारत के समर्थन में श्रीलंका के भीतर से आई इस आवाज़ को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि यह न केवल द्विपक्षीय रिश्तों की मज़बूती को दर्शाता है, बल्कि एशिया में भारत की भूमिका और प्रभाव को भी रेखांकित करता है.
भारत बना वैश्विक बाजार, अमेरिका की इसी पर तीखी नज़र
दरअसल, भारत एक ऐसा वैश्विक बाजार बन चुका है, जिसकी जरूरत दुनिया के देशों को अपना व्यापार चलाने के लिए है. इसकी सबसे बड़ी वजह भारत की परचेजिंग पावर पैरिटी है. भारत इस मामले में अमेरिका से आगे है और यही वजह है कि भारत के बाजार पर पूरी दुनिया की नजर है.
❗️🇮🇳🇱🇰 ट्रंप टैरिफ विवाद के बीच भारत के समर्थन में खड़े हैं श्रीलंकाई सांसद 🔥
— RT Hindi (@RT_hindi_) August 11, 2025
हरीश सिल्वा कोई गड़बड़ तो नहीं कर रहे हैं! "जब हमें जरूरत थी, तब एकमात्र वे हमारी मदद करने वाले थे।"#NeighbourhoodFirst pic.twitter.com/fBMFPzbNjt
आपको बताते चलें कि पिछले कुछ दिनों में भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा दी जा रही टैरिफ धमकी का जवाब जिस तरह से दिया जा रहा है, वह भारत की वैश्विक ताकत को दिखाता है. एक तरफ जहां भारत के खिलाफ टैरिफ की धमकी अमेरिका के राष्ट्रपति दे रहे हैं तो उनका जवाब भारत की तरफ से देने के लिए विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता सामने आ रहे हैं. मतलब दुनिया के सबसे ताकतवर देश होने का दंभ भरने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति की धमकी का जवाब भी भारत के प्रधानमंत्री या विदेश मंत्री स्तर के नेता के द्वारा नहीं दिया जा रहा है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है. ट्रंप ने पहले भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया और फिर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया. अमेरिका ने कहा है कि भारत रूसी तेल खरीद रहा है. इसलिए भारत से आयात होने वाले सभी उत्पादों पर टैरिफ लगाने का फैसला किया गया.
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