'जहां मुसलमान ज़्यादा, वहां न जाएं....' क्यों बंगालियों को कश्मीर से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं सुवेंदु अधिकारी?
इन दिनों जम्मू-कश्मीर की सियासत उस वक्त चर्चा में आ गई जब मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान ममता बनर्जी से मुलाकात कर बंगाल की जनता को कश्मीर आने का न्योता दिया. उन्होंने घाटी को पर्यटकों के लिए सुरक्षित बताया, वहीं ममता बनर्जी ने यह निमंत्रण स्वीकार किया. वहीं दूसरी तरफ, बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कश्मीर जाने से बचने की सलाह दी.
Follow Us:
इन दिनों एक बार फिर जम्मू-कश्मीर की सियासत देशभर में चर्चा का विषय बन गई है. इसका कारण है जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का पश्चिम बंगाल के लोगों को दिया गया न्योता. इस दौरान अब्दुल्ला ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिले और इस मुलाकात के दौरान उन्होंने बंगाल के लोगों को जम्मू-कश्मीर घूमने आने के लिए आमंत्रित किया.
सीएम अब्दुल्ला ने ममता बनर्जी और बंगाल की जनता का आभार प्रकट करते हुए कहा कि घाटी आज फिर से पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है. उन्होंने उम्मीद जताई कि बंगाल के लोग बड़ी संख्या में कश्मीर आएंगे और यहां की खूबसूरती को महसूस करेंगे. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने उमर अब्दुल्ला का न्योता स्वीकार कर लिया है और ऐलान किया है कि वे दुर्गा पूजा के आसपास कश्मीर का दौरा करेंगी. उन्होंने बंगाल की जनता से भी कश्मीर जाने की बात कही है और भरोसा दिलाया कि सुरक्षा की ज़िम्मेदारी राज्य और केंद्र सरकार की होगी.
कश्मीर नहीं जम्मू या उत्तराखंड जाएं: अधिकारी
उमर अब्दुल्ला की इस पहल का पश्चिम बंगाल में तीखा विरोध देखने को मिला. विपक्ष के नेता और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने खुलकर कहा कि बंगाल के लोग कश्मीर न जाएं. उन्होंने कहा कि अगर जाना ही है तो जम्मू जाइए, वहां का वातावरण कश्मीर की तुलना में सुरक्षित है. शुभेंदु ने लोगों से आग्रह किया कि वे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों की यात्रा से बचें. उनके इस बयान ने तुरंत ही राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी.
#WATCH | Kolkata | On J&K CM Omar Abdullah inviting people of West Bengal to visit J&K, WB LoP and BJP leader Suvendu Adhikari says, "... No Bengali will visit Kashmir. I am saying this out of party affiliation, don't visit places where Muslims are in the majority. Go to Jammu if… pic.twitter.com/Fn0IZ3KEQK
— ANI (@ANI) July 10, 2025
सुरक्षा पर उठे सवाल
सुवेंदु अधिकारी के इस बयान के पीछे की चिंता को समझना भी ज़रूरी है. उन्होंने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए लोगों को चेताया. उन्होंने कहा कि इस हमले में निर्दोष नागरिकों को सिर्फ उनकी पहचान के आधार पर मारा गया. आतंकियों ने महिलाओं की सिंदूर की जांच की और कुछ लोगों से कलमा भी पढ़वाया गया, ताकि उनकी धार्मिक पहचान की पुष्टि की जा सके. 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी. मारे गए लोगों में सेना के एक अधिकारी की पत्नी हिमांशी नरवाल भी थीं, इस घटना ने देशभर में भय और गुस्से का माहौल पैदा कर दिया था. इस हमले के बाद भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम से एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया. इसमें पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ध्वस्त कर दिया गया.
यह भी पढ़ें
अब्दुल्ला के निमंत्रण पर राजनीति
इस पूरे घटनाक्रम को देखने का एक और नजरिया है क्या सियासतदान जनता के डर का इस्तेमाल कर रहे हैं? उमर अब्दुल्ला की तरफ से दिया गया आमंत्रण एक सकारात्मक पहल हो सकती थी, लेकिन उसका विरोध कुछ इस तरह किया गया कि पूरे मुद्दे का स्वरूप बदल गया. ममता बनर्जी और उमर अब्दुल्ला दोनों का यह मानना है कि पर्यटन घाटी की आर्थिक रीढ़ है और इसमें सभी राज्यों की सहभागिता होनी चाहिए. दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं की ओर से धार्मिक आधार पर भ्रम और भय फैलाने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें