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ट्रंप के लाख विरोध के बावजूद दो भारतीयों का अमेरिका में कमाल... ममदानी बने मेयर, गजाला हाशमी बनीं गवर्नर

अमेरिका में भारतीय मूल के दो लोगों ने कमाल कर दिया है. ट्रंप के भारी विरोध और कैंपेन के बावजूद जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क मेयर का चुनाव जीत लिया है. वहीं हैदराबाद में जन्मीं गजाला हाशमी ने वर्जीनिया लेफ्टिनेंट गवर्नर का चुनाव जीत लिया है. दोनों ने इसके साथ ही इतिहास रच दिया है. प्रवासी विरोधी फैसले ले रहे ट्रंप के लिए ये एक तरह से करारा झटका है

Created By: केशव झा
05 Nov, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
04:46 AM )
ट्रंप के लाख विरोध के बावजूद दो भारतीयों का अमेरिका में कमाल... ममदानी बने मेयर, गजाला हाशमी बनीं गवर्नर

अमेरिकी राष्ट्रपति भले ही प्रवासियों को लेकर मुहिम छेड़े हुए हैं, उनके MAGA कैंपेन की बुनियाद ही प्रवासियों का विरोध है और तो और उन्होंने H-1B वीजा कड़े कदम उठा रहे हों, लेकिन इन सबके बावजूद अमेरिकी सियासत में को प्रवासी भारतीयों ने इतिहास रच दिया है. ट्रंप के लाख विरोध और धार्मिक एंगल खेलने के बावजूद भारतीय मूल के दो मुसलमान नेताओं ने दो सबसे महत्वपूर्ण पदों पर जीत दर्ज कर अपना डंका बजा दिया है. ये सिर्फ जीत नहीं बल्कि ट्रंप का मुंह चिढ़ाने और Make America Great Again कैंपेन को एक तरह का झटका है.

दो भारतीयों का अमेरिका में कमाल

खबर ये है कि भारतीय मूल के जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क मेयर का चुनाव जीत गए हैं. वे ऐसा करने वाले पहले मुस्लिम नेता भी बन गए हैं. वहीं हैदराबाद में जन्मीं डेमोक्रेट भारतीय मूल की गजाला हाशमी ने वर्जीनिया लेफ्टिनेंट गवर्नर का चुनाव जीत लिया है. ये अपने आप में ऐतिहासिक घटना है. गजाला ने अपने प्रतिद्वंदी रिपब्लिकन जॉन रीड को मात दी. हाशमी वर्तमान में वर्जीनिया सीनेट में 15वें सेनेटोरियल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.

1964 में हैदराबाद में जिया हाशमी और तनवीर हाशमी के घर जन्मीं गजाला हाशमी ने 2019 में राजनीति में प्रवेश किया और एक आश्चर्यजनक जीत में, उन्होंने रिपब्लिकन-शासित राज्य सीनेट सीट को पलट दिया और वर्जीनिया जनरल असेंबली के लिए चुनी गईं. चार साल की उम्र में वो  अपनी मां और बड़े भाई के साथ भारत से संयुक्त राज्य अमेरिका चली गईं. उनके पिता प्रोफेसर जिया हाशमी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र थे. यहां से उन्होंने एमए और एलएलबी किया.

हाशमी के अलावा डेमोक्रेट उम्मीदवार भारतीय मूल के जोहरान ममदानी ने बुधवार को न्यूयॉर्क शहर के मेयर पद के चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की है. चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार एंड्रयू कुओमो को हराकर ममदानी शहर के पहले मुस्लिम मेयर बन गए हैं. ममदानी 1 जनवरी, 2026 को अमेरिका के सबसे बड़े महानगर का नेतृत्व करने के लिए पदभार ग्रहण करेंगे. 

कौन हैं जोहरान ममदानी?

जोहरान ममदानी युगांडा के विद्वान महमूद ममदानी और प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्माता मीरा नायर के बेटे हैं. उनका जन्म 18 अक्टूबर 1991 को युगांडा के कंपाला में हुआ था. जोहरान का बचपन युगांडा से दक्षिण अफ्रीका और आखिर में न्यूयॉर्क शहर में बीता.

अपनी जीत के बाद अपनी पहली एक्स पोस्ट में ममदानी ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें सिटी हॉल में एक न्यूयॉर्क मेट्रो ट्रेन खुलती दिखाई दे रही थी और दीवार पर "जोहरान फॉर न्यू यॉर्क सिटी" लिखा हुआ था. सिटी हॉल वह जगह है, जहां मेयर कार्यालय स्थित है.

जोहरान ममदानी ने जून में हुए डेमोक्रेटिक प्राइमरी चुनाव में भी पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को हरा दिया था. वहीं रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लीवा ने कुओमो के खेमे के बढ़ते दबाव के बावजूद नाम वापस लेने से इनकार कर दिया था. इस चुनाव ने पूरे देश का ध्यान खींचा.

मस्क और ट्रंप के विरोध के बावजूद मिली जीत!

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की भारी आलोचना के बावजूद डेमोक्रेटिक उम्मीदवार को चुनाव में सफलता मिली. चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर ममदानी को कम्युनिस्ट उम्मीदवार बताते हुए उनकी निंदा की थी और चेतावनी दी थी कि अगर वह चुने गए तो न्यूयॉर्क शहर के लिए फंडिंग कम की जा सकती है.

ट्रंप ने ममदानी को बता दिया यहूदी विरोधी

ट्रूथ पर ट्रंप ने लिखा, "अगर कम्युनिस्ट उम्मीदवार जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क शहर के मेयर का चुनाव जीत जाते हैं तो बहुत कम संभावना है कि मैं फेडरल फंड में न्यूनतम आवश्यक राशि के अलावा कोई और योगदान दूं." उन्होंने यह भी कहा था कि अगर कोई यहूदी व्यक्ति जोहरान ममदानी को वोट देता है, वह मूर्ख है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने उन्हें यहूदी विरोधी बताया.

एक अन्य पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने लिखा, "कम्युनिस्ट उम्मीदवार जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क शहर के मेयर का चुनाव जीतते हैं, तो यह बेहद असंभव है कि मैं अपने प्यारे पहले घर के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि के अलावा संघीय निधि का योगदान करूं, क्योंकि एक कम्युनिस्ट मेयर होने के नाते इस महान शहर के आगे बढ़ने की भी कोई संभावना नहीं है. एक कम्युनिस्ट के नेतृत्व में यह स्थिति और भी बदतर हो सकती है और मैं बतौर इस पर पैसा बर्बाद नहीं करना चाहता."

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वहीं एलन मस्क ने भी ममदानी की काफी आलोचना की थी. मस्क ने सवाल उठाया कि बैलेट पेपर पर ममदानी का दो बार नाम छपा है. उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क सिटी का बैलेट पेपर स्कैम है. आईडी की कोई जरूरत नहीं है और दूसरे मेयर उम्मीदवारों का नाम दो बार है.

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