Advertisement

तेज़ी से बढ़ी CM Dhami की डिमांड | Modi-Shah के सबसे भरोसेमंद नेताओं में से एक बने

पिछले कुछ महीनों में पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के लिए जो किया, उसने मोदी-शाह का भरोसा जीता। इन लोकसभा चुनावों में जिस तरह की जिम्मेदारी से उन्हें नवाज़ा जा रहा है उसी में वो खरा उतरते दिख रहे हैं। शायद इसीलिए हर दिन गुजरने के साथ साथ धामी की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है।

29 May, 2024
( Updated: 29 May, 2024
05:54 PM )
तेज़ी से बढ़ी CM Dhami की डिमांड | Modi-Shah के सबसे भरोसेमंद नेताओं में से एक बने

कहते हैं IPL यानि Indian Premier League कई छिपे हुए खिलाड़ियों को देश से रूबरू कराता है, ठीक उसी तरह IPL यानि Indian Politics League, आसान शब्दों में कहें तो देश की राजनीति भी कई बार सूरमाओं से परिचित कराती है और ये सूरमा शहर से लेकर प्रदेश और प्रदेश से लेकर देश तक में ऐसा बदलाव लाते हैं कि दुनिया उसकी मिसाल देती हैं। अब जैसे उदाहरण के तौर पर अगर आपसे पूछें कि जरा सोचकर बताइये इन लोकसभा चुनावों में आपको लगभग हर राज्य में BJP की तरफ से किसका चेहरा प्रचार करते हुए सबसे ज्यादा दिखा तो आपका जवाब क्या होगा?


निश्चित तौर पर आप नरेंद्र मोदी का नाम लेंगे, लेकिन उनके बाद अगर पूछें किस मुख्यमंत्री को आपने पंजाब से लेकर तेलंगाना, राजस्थान से लेकर झारखंड, दिल्ली से लेकर यूपी तक में देखा? हो सकता है आपका जवाब योगी हो लेकिन इसका जवाब योगी नहीं है बल्कि हम बात कर रह हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की |


अब देखिए इसमें कोई शक नहीं कि यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ प्रदेश की 80 की 80 लोकसभा सीटों को NDA के खाते में डालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन हार जीत से परे उत्तराखंड के सीएम भी चारधाम यात्रा के बीच यूपी से लेकर तमाम राज्यों में जमकर प्रचार कर रहे हैं। आलम ये हे कि जिस भी राज्य में जा रहे हैं वहीं पर धामी का बोलबाला है। कभी लॉ की पढ़ाई करने वाले और फिर ABVP के साथ जुड़ने वाले एक 18-20 वर्षीय लड़के ने कभी नहीं सोचा होगा कि वो देश का फायरब्रांड नेता बनेगा।


उत्तराखंड में जितना काम धामी सरकार ने कर दिखाया है उतना काम किसी मुख्यमंत्री ने इतने कम वक़्त में नहीं किया। तभी तो मोदी हो या शाह हो, नड्डा हो या केंद्र का कोई और बड़ा मंत्री, धामी की तारीफ़ करते ना थकता है ना रूकता है। संस्कार ऐसे कि अगर सामने पीएम बैठे हैं तो मजाल है जो आगे से निकल जाएं |


वो तो मोदी का बड़प्पन है जो उन्होंने हाथ पकड़कर धामी को आगे से जाने का ही रास्ता दिखा दिया। साल 2021 में कुछ महीनों के लिए सीएम बनने वाले धामी साल 2022 में एक बार फिर मुख्यमंत्री बने और इस कार्यकाल में अब तक उन्होंने जो काम किए हैं, जिस तरह से बाबा केदार के धाम को चमका दिया है, उसने पूरे देश में उनको चर्चा का विषय बना दिया है।


2 साल में धामी ने क्या काम किए ?


समान नागरिक संहिता 

नक़ल विरोधी क़ानून

धर्मांतरण क़ानून

दंगा विरोधी क़ानून

महिलाओं को 30 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ज़्यादा लोगों की भागीदारी

81 हज़ार करोड़ रूपये की ग्राउंडिग प्रक्रिया जारी

हाउस ऑफ हिमालय ब्रांड तैयार 

राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए 1064 बनाया गया

जोशीमठ के पुनर्निर्माण के लिए 1700 करोड़ रुपए की मंजूरी

2026 तक बसाए जाएंगे दो नए शहर

जमरानी बांध परियोजना और सौंग डैम परियोजना की मंजूरी

लोक सेवा आयोग के जरिए 6635 युवाओं को पिछले दो सालों में रोजगार दिया गया 

विद्यार्थियों के लिए तमाम छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई 

लखपति दीदी की योजना के तहत महिलाओं को लखपति बनाया जा रहा

60 लाख से ज़्यादा लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ दिया जा रहा 


2 साल में धामी के नाम कितनी उपलब्धियां?


ऐसा पहली बार हुआ है जब उत्तराखंड में किसी भी राजनीतिक दल को लगातार दूसरी बार सेवा का मौक़ा मिला है।

उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार किसी सीएम को देश भर में प्रचार करने की ज़िम्मेदारी दी गई।


चलिए अब आपको बताते हैं इन दो सालों में सीएम धामी ने कौन कौन से ऐतिहासिक फ़ैसले लिए हैं।


2 साल में धामी सरकार के ऐतिहासिक फ़ैसले -


देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून  

आजीवन कारावास या 10 साल की सजा 

नकल माफियाओं को 10 करोड़ तक जुर्माना

नकल माफियाओं की संपत्ति भी जब्त हो सकती है


और इसी के साथ अब ये भी जान लीजिए कि किस तरह से सीएम धामी ने लोकसभा चुनावों में नया रिकॉर्ड बनाया है।


लोकसभा चुनावों में बनाया रिकॉर्ड


6 चरणों के चुनाव में सीएम धामी ने 70 से ज़्यादा जनसभाएं की

सिर्फ़ उत्तराखंड में 38 से ज़्यादा सभाएं की


धामी की लगातार बढ़ती लोकप्रियता ये बताती है कि उत्तर से लेकर दक्षिण तक सीएम धामी का जलवा है

LIVE
Advertisement
इस्लामिक आतंकवाद से पीड़ित 92% लोग मुसलमान है, अब कट्टरपंथ खत्म हो रहा है!
Advertisement
Advertisement