अब खत्म होगा दिल्ली में कूड़े का पहाड़, गृह मंत्री अमित शाह ने तय कर दी तारीख
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि 1 जनवरी 2028 तक दिल्ली के सभी कूड़े के पहाड़ पूरी तरह खत्म कर दिए जाएंगे. इन जगहों को सुंदर बगीचों में बदला जाएगा. शाह ने बताया कि यह कदम प्रधानमंत्री मोदी के ‘स्वच्छ भारत’ विज़न का हिस्सा है और दिल्ली में 1800 करोड़ रुपये की नई परियोजनाओं से सफाई और जल व्यवस्था को नई दिशा मिलेगी.
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दिल्ली में कूड़े के पहाड़ अब जल्द ही इतिहास बनने जा रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ऐलान किया कि 1 जनवरी 2028 तक दिल्ली से कूड़े के पहाड़ पूरी तरह खत्म कर दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इन स्थानों को सुंदर बगीचों में बदला जाएगा, ताकि दिल्लीवासियों को प्रदूषण की जगह हरियाली और स्वच्छता का तोहफा मिल सके.
दिल्ली के केशवपुरम में आयोजित जल बोर्ड की परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कूड़े के पहाड़ को खत्म करने की तारीख का ऐलान किया. इस मौके पर उन्होंने बताया कि यह परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत’ विज़न का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि 'पिछले शासन में कूड़े के पहाड़ 65 मीटर तक ऊंचे हो गए थे, लेकिन अब केंद्र सरकार ने ठान लिया है कि 2028 की शुरुआत तक दिल्ली इन पहाड़ों से पूरी तरह मुक्त होगी.'
1700 करोड़ की योजनाओं से शुरू हुई दिल्ली की सफाई यात्रा
अमित शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर 'सेवा पखवाड़ा' की शुरुआत की गई थी. उस दिन दिल्ली में 1700 करोड़ रुपये की 17 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ था. अब उसी कड़ी में 1800 करोड़ रुपये की लागत से 11 नई परियोजनाओं का लोकार्पण और 8 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है. इन योजनाओं का उद्देश्य दिल्ली की जल और स्वच्छता व्यवस्था को नई दिशा देना है. गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली को कूड़े के पहाड़ों और प्रदूषित यमुना की छवि से मुक्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि 'आज हम सिर्फ सफाई की बात नहीं कर रहे, बल्कि एक नए, स्वच्छ और स्वस्थ दिल्ली की नींव रख रहे हैं.'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बता दी तारीख, दिल्ली को कब मिलेगी कूड़े के कूड़ों के पहाड़ से मुक्त.@AmitShah @RekhaGuptaDelhi #BJP #AmitShah #Delhi #RekhaGupta pic.twitter.com/4rUbL4ZjrG
— NMF NEWS (@nmfnewsofficial) October 10, 2025
यमुना की सफाई सरकार की प्राथमिकता
अमित शाह ने कहा कि यमुना नदी के शुद्धिकरण का रास्ता अब साफ हो गया है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इस विषय पर बैठक की और यह तय किया कि लोकसभा चुनाव से पहले यमुना की सफाई का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आने वाले सात महीनों में प्रयागराज तक, जहां यमुना गंगा में मिलती है, वहां तक नदी को साफ करने की कार्ययोजना तैयार की गई है. शाह ने कहा कि 'यमुनोत्री से प्रयागराज तक यमुना को निर्मल बनाना अब सिर्फ सपना नहीं, बल्कि केंद्र की प्राथमिकता है.'
यमुना की सफाई के लिए चल रहा है बड़ा अभियान
सरकार ने यमुना को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है. इस मिशन के तहत 1400 करोड़ रुपये की लागत से आठ आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) का निर्माण किया जा रहा है, जो यमुना में गिरने वाले गंदे पानी को पहले ही शुद्ध कर देगा. इसके साथ ही 99 करोड़ रुपये की लागत से भूमिगत जलाशयों (Underground Reservoirs) का निर्माण भी किया जा रहा है, जिससे दिल्लीवासियों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके. वहीं, 300 करोड़ रुपये की लागत से नई सीवर लाइनों और हाउस कनेक्शन का काम तेजी से चल रहा है. इन सभी योजनाओं के पूरा होने के बाद यमुना में प्रदूषित जल का प्रवाह रुक जाएगा और नदी का प्राकृतिक संतुलन फिर से बहाल होगा.
क्या है यमुना परियोजनाओं का ब्लूप्रिंट
दिल्ली जल बोर्ड की परियोजनाओं के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी कहा कि यमुना को निर्मल बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार एक साथ काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि केंद्र के समर्थन से दिल्ली में जल और सीवरेज से जुड़ी 19 परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि 'इन परियोजनाओं में आठ अत्याधुनिक STP, भूमिगत पेयजल जलाशय और नई सीवर लाइनों का निर्माण शामिल है.' उन्होंने कहा कि 'इन कार्यों के पूरा होने से न केवल यमुना स्वच्छ होगी बल्कि दिल्ली के नागरिकों को स्वच्छ पेयजल और बेहतर सीवरेज सुविधाएं भी मिलेंगी.'
प्रदूषण के स्रोतों पर सख्त निगरानी
रेखा गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने यमुना की सफाई के लिए 22 बड़े और 200 छोटे नालों पर STP निर्माण का काम शुरू कर दिया है. इन नालों की टैपिंग, सिल्ट सर्वे और ड्रोन सर्वे के जरिए प्रदूषण के स्रोतों की पहचान की जा रही है। उन्होंने कहा कि 'अब यमुना में सीधा गंदा पानी जाने का कोई रास्ता नहीं बचेगा। हर निकास बिंदु पर तकनीकी निगरानी होगी.' मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि इस वर्ष यमुना तटों पर भव्य छठ पर्व का आयोजन किया जाएगा, जिससे न केवल नदी से भावनात्मक जुड़ाव बढ़ेगा बल्कि उसके संरक्षण के प्रति जनता की भागीदारी भी सुनिश्चित होगी.
इन परियोजनाओं से बदलेगी दिल्ली की सूरत
दिल्ली के कई इलाकों में जल एवं सीवरेज संबंधी बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं. इनमें केशोपुर में STP की क्षमता 40 से बढ़ाकर 60 MGD, कुंडली फेज 4, रोहिणी, नरेला, यमुना विहार फेज 2 और नजफगढ़ जैसे क्षेत्रों में नई STP परियोजनाएं की शुरुआत, पल्ला, सीरसपुर और बिजवासन में भूमिगत जलाशयों का निर्माण किया जा रहा है. इसके अलावा करावल नगर, हसनपुर, ताजपुर खुर्द, यमुना विहार, गोकुलपुर, विकासपुरी और कमरूद्दीन नगर में घरों को सीवर कनेक्शन दिए जा रहे हैं. इन परियोजनाओं से लाखों लोगों को राहत मिलेगी और दिल्ली की जल निकासी प्रणाली पहले से कहीं अधिक सक्षम बनेगी.
सामूहिक पर्व से समाज को जोड़ने की योजना
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शुक्रवार को मुख्यमंत्री जनसेवा सदन में सामूहिक रूप से करवाचौथ पर्व मनाने जा रही हैं. इस आयोजन में महिला विधायक, सांसदों की पत्नियां, महिला अधिकारी और सामाजिक संगठनों से जुड़ी महिलाएं भाग लेंगी. उन्होंने कहा कि 'मैं पिछले 15 वर्षों से करवाचौथ का सामूहिक आयोजन करती रही हूं, यह सिर्फ त्योहार नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने का माध्यम है.'
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बताते चलें कि अमित शाह का 2028 तक दिल्ली को कूड़े के पहाड़ों से मुक्त करने का वादा सिर्फ एक घोषणा नहीं, बल्कि देश की राजधानी के लिए परिवर्तन का प्रतीक है. जल, सीवरेज और यमुना सफाई से जुड़ी ये परियोजनाएं दिल्ली को एक बार फिर स्वच्छ, सुंदर और पर्यावरण के अनुकूल शहर बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं. अगर सब कुछ तय समय पर पूरा हुआ, तो आने वाले वर्षों में दिल्ली का चेहरा न केवल साफ-सुथरा बल्कि हरियाली से भरपूर होगा.
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