‘बिना नागरिकता वोट कैसे…’ सोनिया गांधी को कोर्ट में देना होगा जवाब, मिल गया नोटिस, जानें पूरा मामला
कोर्ट ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले पर सुनवाई 6 जनवरी को होगी.
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दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse avenue court) ने सोनिया गांधी को नोटिस भेजा है. ये मामला बिना भारतीय नागरिकता हासिल किए वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराए जाने से जुड़ा है. कोर्ट ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. ये मामला ऐसे समय में आया हैै जब वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर विपक्ष चुनाव आयोग पर हमलावर है.
दरअसल, सोनिया गांधी के खिलाफ वकील विकास त्रिपाठी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें दावा किया गया था कि सोनिया गांधी का नाम 1980–81 की वोटर लिस्ट में गलत तरीके से जोड़ा गया था. विकास त्रिपाठी का कहना है कि सोनिया गांधी का नाम 1980 की नई दिल्ली की वोटर लिस्ट में शामिल था, जबकि उन्होंने 30 अप्रैल 1983 को भारत की नागरिकता हासिल की. इसी आरोप के आधार पर मजिस्ट्रेट कोर्ट में मुकदमा दर्ज कर जांच कराने की मांग की गई थी, लेकिन सितंबर 2025 में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था.
फर्जी दस्तावेजों का आरोप
मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए विकास त्रिपाठी ने रिवीजन पिटीशन दाखिल की. जिस पर अब राउज एवेन्यू कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है. याचिका में कहा गया है कि 1980 की वोटर लिस्ट में सोनिया गांधी का नाम कैसे शामिल हुआ, जबकि तब तक उनको भारतीय नागरिकता मिली ही नहीं थी. याचिका में कहा गया, 1982 में सोनिया गांधी का नाम वोटर लिस्ट से हटाया गया था, किन कारणों से यह कार्रवाई हुई?
याचिका में यह भी कहा गया कि यदि 1983 में ही नागरिकता मिली, तो 1980 में नाम शामिल कराने के लिए किन दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया? क्या उस समय फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराया गया?
अब अदालत इस मामले में 6 जनवरी को सुनवाई करेगी. कोर्ट ने नोटिस भेजकर पुलिस और सोनिया गांधी से आरोपों पर विस्तृत जवाब मांगा है. इससे पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट में जो याचिका दायर की गई थी. उसमें सोनिया गांधी के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच कराने की मांग की गई थी. हालांकि इस याचिका को खारिज कर दिया गया था. जिस पर राउज एवेन्यू कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दाखिल की गई है.
सोनिया गांधी की नागरिकता पर BJP ने भी उठाए थे सवाल
इससे पहले BJP आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने भी 13 अगस्त को दावा किया था कि सोनिया गांधी का नाम भारत की वोटर लिस्ट में दो बार तब शामिल हुआ, जब वह भारतीय नागरिक नहीं थीं. उन्होंने X पोस्ट के जरिए आरोप लगाया था, ‘यह पूरा मामला चुनावी कानून के स्पष्ट उल्लंघन का उदाहरण है. शायद यही कारण है कि राहुल गांधी भी ऐसे मतदाताओं को वैध करने के पक्ष में रहते हैं, जो अयोग्य या अवैध हैं और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का विरोध करते हैं.’
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