GST दरों में कमी के ऐलान का कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने किया स्वागत, जयराम रमेश भड़के
जीएसटी परिषद की ओर से भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे में ऐतिहासिक बदलाव किया गया है. इस कारण 22 सितंबर से देश में कई चीजों के दामों में काफी देखने को मिलेगी और इससे आम जनता को सीधे फायदा होगा. PM मोदी ने इस संबंध में 15 अगस्त को ऐलान किया था. उनके ऐलान के 21 दिन के भीतर GST दरों में कमी कर दी गई. अब कांग्रेस की भी इस पर सधी हुई प्रतिक्रिया सामने आई है.
Follow Us:
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में GST दरों में कटौती का ऐलान किया गया. प्रधानमंत्री मोदी के लाल किले की प्राचीर से किए गए वादे के महज 21 दिन के अंदर सरकार ने GST 2.0 को लेकर स्लैब में किए गए बदलाव को मंजूरी दे दी. अब इसको लेकर कांग्रेसस की भी मिली-जुली प्रतिक्रिया प्रतिक्रिया सामने आ रही है. देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है.
चिदंबरम ने मोदी सरकार के फैसले को सराहा
उन्होंने GST रेट में कमी का स्वागत करते हुए कहा कि हम तो इसकी लंबे समय से मांग कर रहे थे. हालांकि उन्होंने इसकी कड़ी आलोचना भी की. उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि GST को तर्कसंगत बनाना और कई चीजों और सेवाओं पर दरों में कमी करना स्वागत योग्य है, लेकिन ये फैसला 8 साल की देरी से लिया गया है. ये मौजूदा स्वरूप और टैक्स स्लैब शुरू से ही लागू नहीं होनी चाहिए थी. हम विपक्ष में रहते हुए लगातार चेतावनी देते रहे थे, लेकिन हमारी दलीलों पर ध्यान नहीं दिया गया.
The GST rationalisation and the reduction in rates on a range of goods and services are WELCOME but 8 years TOO LATE
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 3, 2025
The current design of GST and the rates prevailing until today ought not to have been introduced in the first place
We have been crying hoarse for the last 8…
चिदंबरम ने आलोचना भी की
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि कई नेताओं और अर्थशास्त्रियों ने बार-बार इन गलतियों को सुधारने की मांग की थी. अब कम से कम सरकार ने यह मान लिया और सुधार किया, इसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं. बीते आठ सालों तक मध्यम वर्ग और गरीबों पर बोझ डाला गया. अब जाकर 12 फीसदी और 18 फीसदी दर को घटाकर 5 फीसदी किया गया है. इतने सालों तक यही लोग 18 फीसदी टैक्स देते रहे. अगर आज यह दर सही है, तो क्या यह पिछले साल या उससे पहले सही नहीं थी? सरकार ने जनता को निचोड़कर उनका पैसा वसूला और अब जाकर दरें घटाई हैं, जिसके लिए मैं उन्हें सराहता हूं.
मोदी सरकार पर भड़के जयराम रमेश
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी जीएसटी 2.0 को लेकर केंद्र सरकार की हालिया घोषणाओं पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस लंबे समय से जीएसटी 2.0 की वकालत करती रही है. मैं पूछता हूं कि क्या जीएसटी परिषद अब केवल एक औपचारिकता बनकर रह गई है?
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लंबे समय से जीएसटी 2.0 की वकालत करती रही है, जो दरों की संख्या घटाए, बड़े पैमाने पर उपभोग होने वाली वस्तुओं पर टैक्स की दरें कम करे, टैक्स चोरी, गलत वर्गीकरण और विवादों को न्यूनतम करे, इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (जहां इनपुट पर आउटपुट की तुलना में अधिक टैक्स लगता है) समाप्त करे, एमएसएमई पर प्रक्रियागत नियमों का बोझ कम करे और जीएसटी के दायरे का विस्तार करे. केंद्रीय वित्त मंत्री ने कल शाम संवैधानिक निकाय जीएसटी परिषद की बैठक के बाद बड़े ऐलान किए. हालांकि, जीएसटी परिषद की बैठक से पहले ही प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2025 के अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में इसके निर्णयों की सारगर्भित घोषणा कर दी थी. क्या जीएसटी परिषद अब केवल एक औपचारिकता बनकर रह गई है?"
आपको बता दें कि नई जीएसटी दरों के ऐलान का असर 22 सितंबर से दिखना शुरू हो जाएगा यानी कि इसी दिन से सामान की कीमतों में कमी आ जाएगी.
GST 2.0 में होंगे सिर्फ दो स्लैब
नए जीएसटी कर ढांचे की खास बात यह है कि इसमें स्लैब की संख्या चार (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) से घटाकर दो (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) कर दी गई है. वहीं, लग्जरी और सिन गुड्स पर 40 प्रतिशत टैक्स लगाने का ऐलान किया गया है, इनमें लग्जरी कार, गुड्स और सिगरेट एवं तंबाकू जैसे उत्पाद आते हैं. जिन उत्पादों पर सरकार की ओर से कर कम किया गया है. उनमें खाने-पीने के सामान, उर्वरक, फुटवेयर और टेक्सटाइल आदि आते हैं.
सेक्टर वाइज स्लैब क्या होंगे:
दुग्ध उत्पाद: अब अल्ट्र-हाई टेंपरेचर (यूएचटी) दूध टैक्स फ्री होगा, फिलहाल इस पर 5 प्रतिशत जीएसटी है. वहीं, कंडेंस्ड मिल्क, मक्खन, घी, पनीर और चीज आदि पर टैक्स को 12 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है.
खाद्य वस्तुओं: माल्ट, स्टार्च, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, बिस्कुट और यहां तक कि चॉकलेट और कोको उत्पादों पर कर की दर 12-18 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है.
ड्राई फ्रूट्स: बादाम, पिस्ता, हेजलनट, काजू और खजूर पर पहले 12 प्रतिशत कर लगता था, अब केवल 5 प्रतिशत कर लगेगा.
चीनी उत्पाद: प्रोसेस्ड चीनी, चीनी सिरप, टॉफी और कैंडी जैसी मीठी वस्तुओं पर अब 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा.
पैकेज फूड्स: नमकीन, भुजिया, मिक्सचर और इसी तरह की खाने योग्य तैयार वस्तुएं (भुने हुए चने को छोड़कर), पहले से पैक और लेबल लगी हुई, पर कर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है.
कृषि: उर्वरकों पर टैक्स को 12 और 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं, बीज एवं फसल के लिए जरूरी पोषक तत्वों और ट्रैक्टर पर कर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है.
हेल्थकेयर: जीवन रक्षक दवाओं, स्वास्थ्य संबंधी उत्पादों और कुछ चिकित्सा उपकरणों पर कर की दर 12 प्रतिशत/18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत या शून्य कर दी गई है.
व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां, जिनमें फैमिली फ्लोटर भी शामिल है, जिन पर पहले 12 प्रतिशत कर लगता था, अब उन पर कोई कर नहीं लगेगा.
थर्मामीटर और ग्लूकोमीटर सहित नियमित उपयोग की जाने वाली अधिकांश चिकित्सा वस्तुएं 5 प्रतिशत कर दायरे में आएंगी.
कंज्यूमर गुड्स: एसी और टेलीविजन पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है.
जूते और कपड़ों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो गया है, जिससे बाजार में बिकने वाले उत्पादों की लागत कम हो गई है.
ऑटोमोबाइल: सरकार ने 1200 सीसी और 4 मीटर तक की पेट्रोल, पेट्रोल हाइब्रिड, एलपीजी और सीएनजी कारों पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है.
वहीं, 1500 सीसी और 4 मीटर तक की डीजल , डीजल हाइब्रिड कारों पर टैक्स को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है.
यह भी पढ़ें
इसके साथ ही 350 सीसी और उससे कम की मोटरसाइकिल, तिपहिया वाहन और ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स पर टैक्स की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें