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रक्षाबंधन पर बहनों को CM योगी का खास तोहफा… बसों में 3 दिन मुफ्त सफर, साथ में एक टिकट और फ्री

रक्षाबंधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं और बालिकाओं को 8 से 10 अगस्त तक रोडवेज और नगरीय बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी है. साथ ही हर महिला के साथ एक सहयात्री को भी मुफ्त यात्रा की छूट दी गई है. यह पहल 2017 में शुरू हुई थी और अब तक 1.23 करोड़ से अधिक महिलाएं इसका लाभ ले चुकी हैं. सरकार ने अब तक 101 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च खुद वहन किया है.

08 Aug, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
08:03 AM )
रक्षाबंधन पर बहनों को CM योगी का खास तोहफा… बसों में 3 दिन मुफ्त सफर, साथ में एक टिकट और फ्री
Image: File Photo CM yogi/ UP Roadways

उत्तर प्रदेश में रक्षाबंधन के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक बार फिर महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला बड़ा फैसला किया है. इस बार भी रक्षाबंधन के पावन अवसर पर राज्य में महिलाओं और बालिकाओं को रोडवेज और नगरीय बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा मिलेगी. यही नहीं, हर महिला के साथ आने वाले एक सहयात्री को भी मुफ्त टिकट का तोहफा दिया जाएगा. ये व्यवस्था 8 अगस्त की रात से शुरू होकर 10 अगस्त की रात 12 बजे तक लागू रहेगी. यानी पूरे तीन दिन बहनें बिना किराए की चिंता के अपने भाइयों के पास जा सकेंगी और त्योहार को पूरे दिल से मना सकेंगी.

2017 से शुरू हुई थी ये पहल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 4 अगस्त को इस योजना की घोषणा करते हुए कहा था, “हमारी सरकार ने तय किया है कि रक्षाबंधन पर उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम और नगर विकास की बसों में बहन-बेटियों को नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी.” जानकारी देते चलें कि ये पहल 2017 में शुरू की गई थी. तब सरकार का उद्देश्य था कि रक्षाबंधन जैसे भावनात्मक त्योहार पर बहनें अपने भाइयों तक बिना आर्थिक बोझ के पहुंच सकें. शुरुआती सालों में एक दिन की छूट दी जाती थी. लेकिन जैसे-जैसे योजना को लोगों का समर्थन मिला, इसका दायरा और अवधि दोनों बढ़ते चले गए.

1.23 करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने उठाया फायदा

परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अब तक करीब 1.23 करोड़ से ज्यादा महिलाएं इस योजना का लाभ ले चुकी हैं. इन यात्राओं पर रोडवेज ने टिकट के रूप में कुल 101 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च वहन किया है. 2017 में जहां 11 लाख महिलाओं ने इस सुविधा का लाभ उठाया, वहीं 2023 में यह आंकड़ा 29 लाख को पार कर गया. यानी हर साल ये योजना अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच रही है और इसका सामाजिक प्रभाव भी दिखने लगा है.

यात्रा की अवधि और लाभ

  • समयसीमा: 8 अगस्त की मध्यरात्रि से लेकर 10 अगस्त की रात 12 बजे तक
  • लाभार्थी: सभी आयु वर्ग की महिलाएं और बालिकाएं
  • अतिरिक्त लाभ: हर महिला के साथ एक सहयात्री को भी मुफ्त टिकट
  • लागू बसें: साधारण, जनरथ और कुछ अन्य श्रेणियां
  • हर बहन की मुस्कान के पीछे सरकार की संवेदनशीलता

परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रक्षाबंधन जैसे पर्व पर यह सुविधा केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि अब एक सामाजिक परंपरा का रूप ले चुकी है. त्योहार के दिनों में बसों की संख्या बढ़ाई जाती है. रूट की फ्रीक्वेंसी को भी बढ़ाया जाता है, ताकि यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो. संवेदनशील रूटों पर सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी जाती है. जगह-जगह पुलिसकर्मी और होमगार्ड के जवान तैनात किए जाते हैं. इससे महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक यात्रा का अनुभव मिलता है.

ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को सबसे ज्यादा राहत

इस योजना का सबसे बड़ा लाभ उन महिलाओं को होता है, जो दूरदराज के गांवों या छोटे कस्बों में रहती हैं. कई बार उनके लिए बड़े शहरों तक का किराया देना संभव नहीं होता. ऐसे में रक्षाबंधन पर अगर उन्हें मुफ्त यात्रा मिलती है, तो त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाता है. कई महिलाओं के लिए यह सुविधा न सिर्फ भाइयों के पास पहुंचने का जरिया है, बल्कि यह सामाजिक जुड़ाव और भावनात्मक सशक्तिकरण का माध्यम भी बन गया है.

सहयात्री की छूट बनी चर्चा का विषय

इस बार की योजना में सबसे खास बात यह है कि हर महिला के साथ एक सहयात्री को भी मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जा रही है. अक्सर महिलाएं बच्चों या वृद्ध परिजनों के साथ सफर करती हैं. पहले उनके लिए अलग से टिकट खरीदना पड़ता था. लेकिन अब यह छूट मिलने से परिवारों को काफी राहत मिलेगी और खर्च में भी बचत होगी. हालांकि यह सुविधा केवल कुछ चुनिंदा बस श्रेणियों में ही लागू होगी, ताकि सरकार के राजस्व पर अनावश्यक बोझ न पड़े.

सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण का संदेश 

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योगी सरकार की यह योजना केवल एक लोक-लुभावन घोषणा नहीं है. यह सामाजिक बदलाव का एक प्रयास भी है. यह संदेश देती है कि महिलाओं की सुरक्षा, सुविधा और सम्मान केवल नारे नहीं, बल्कि व्यवहारिक पहल बन चुकी है. रक्षाबंधन सिर्फ एक धागा नहीं, एक भाव है. और जब बहनों को सरकार से यह भरोसा मिलता है कि वे सुरक्षित और मुफ्त में अपनों तक पहुंच सकती हैं, तो त्योहार और भी खास बन जाता है.

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