महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़-MP नक्सल मुक्त…! कुख्यात नक्सली लीडर रामधेर मज्जी समेत 11 माओवादियों का सरेंडर
रामधेर मज्जी मारे गए कुख्यात नक्सली कमांडर माडवी हिड़मा की तरह खूंखार माना जाता है. उसे नक्सली संगठन का आखिरी किला माना जा रहा था.
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नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई आखिरी मोड़ पर है जो अब लगभग-लगभग खत्म होने तक आ गई है. इस मोर्चे पर सुरक्षाबलों को फिर एक बार बड़ी सफलता मिली है. कुख्यात नक्सली कमांडर और सेंट्रल कमेटी मेम्बर (CCM) रामधेर मज्जी ने अपने 11 साथियों के साथ सरेंडर कर दिया है.
नक्सली कमांडर माडवी हिड़मा के मारे जाने के बाद नक्सलियों में खलबली मची हुई है. जो नक्सली कभी जंगल में दशहत का दूसरा नाम थे वह अब हथियार डाल रहे हैं. टॉप नक्सली रामधेर मज्जी ने खैरागढ़ के कुम्ही गांव, बकरकट्टा थाने में सरेंडर किया है. मज्जी ने अपनी AK-47 राइफल भी पुलिस को सौंप दी.
महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत ये इलाके नक्सलमुक्त घोषित
रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी संख्या में नक्सलियों के सरेंडर करने के बाद MMC जोन (जिसमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आते हैं) को नक्सल मुक्त घोषित कर दिया गया है. जो कि गृह मंत्रालय के नक्सल विरोधी अभियान और सुरक्षाबलों की बड़ी जीत मानी जा रही है. इनमें महिला नक्सली भी शामिल हैं.
इन 12 टॉप नक्सलियों ने किया सरेंडर
रामधेर मज्जी- CPI (माओवादी) लीडर और सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM)
चंदू उसेंडी- डिविजनल कमेटी मेंबर (DVCM)
ललिता- DVCM
जानकी- DVCM
प्रेम- DVCM
रामसिंह दादा- एरिया कमेटी मेंबर (ACM)
सुकेश पोट्टम- एरिया कमेटी मेंबर (ACM)
लक्ष्मी- पार्टी मेंबर
शीला- पार्टी मेंबर
योगिता- पार्टी मेंबर
कविता- पार्टी मेंबर
सागर- पार्टी मेंबर
सुरक्षाबलों को इनके पास से AK-47, इंसास, SLR, कार्बाइन समेत कई हथियार भी मिले हैं. बताया जा रहा है ये सभी नक्सली महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में काफी एक्टिव थे.
कौन है नक्सली रामधेर मज्जी?
रामधेर मज्जी मारे गए कुख्यात नक्सली कमांडर माडवी हिड़मा की तरह खूंखार माना जाता है. मज्जी पर भी एक करोड़ का ईनाम घोषित था. जो कई इलाकों में दहशत का पर्याय बन चुका था. रामधेर मज्जी नक्सली संगठन में सबसे ऊपरी स्तर का नेता माना जाता है. वह संगठन की बड़ी गतिविधियों में शामिल था. वह छत्तीसगढ़ के साथ-साथ महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के जंगलों में भी सक्रिय था.
नक्सलियों ने कैसे किया सरेंडर?
सुरक्षाबलों को रामधेर की लंबे समय से तलाश थी. अलग-अलग जंगलों में अभियान चल रहा था. पिछले कुछ दिनों से गृह मंत्रालय के ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने माडवी हिड़मा के साथ-साथ कई बड़े नक्सली नेताओं को ढेर कर दिया था. इसके बाद नक्सलियों में खलबली मच गई थी.
29 नवंबर को महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में 11 नक्सलियों के एक दल ने सरेंडर किया था. इस दल में अनंत उर्फ विकास नागपुरे भी था. जो कि हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की हत्या में शामिल था. विकास नागपुरे को ही रामधेर मज्जी और बाकी नक्सलियों को सरेंडर के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी. इससे पहले 7 दिसंबर को ही मध्य प्रदेश के 10 कट्टर माओवादियों ने बालाघाट में मुख्यमंत्री मोहन यादव के सामने सरेंडर किया था.
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