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'समय से पहले अमरनाथ यात्रा का रद्द होना, अधिकारियों को कार्यमुक्त करना और मोदी-शाह की राष्ट्रपति से मुलाकात...', जम्मू और कश्मीर में क्या होने जा रहा है?

संसद के जारी सत्र के बीच ख़बर आ रही है कि जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के लिए लगाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों को अचानक ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है. जम्मू जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, भगवती नगर स्थित यात्री निवास शिविर, पुरानी मंडी का राम मंदिर और परेड स्थित गीता भवन जैसे प्रमुख सुविधा केंद्रों से सभी नियुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटाया गया है. इस खबर के बाद से ही जम्मू और कश्मीर की राजनीति में बड़े बदलाव को लेकर अटकलों का दौर गर्म हो गया है.

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05 Aug 2025
( Updated: 11 Dec 2025
02:15 PM )
'समय से पहले अमरनाथ यात्रा का रद्द होना, अधिकारियों को कार्यमुक्त करना और मोदी-शाह की राष्ट्रपति से मुलाकात...', जम्मू और कश्मीर में क्या होने जा रहा है?
Image: PM Modi And Amarnath Yatra (File Photo)

जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ हो गई है. एक ओर जहां राज्य के दर्जे की बहाली को लेकर कयासों का दौर चल रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक स्तर पर लिए गए कुछ अचानक फैसलों ने इन अटकलों को और हवा दे दी है. अमरनाथ यात्रा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को अचानक उनके पदों से हटाने का आदेश जारी किया गया, जिससे आम लोगों से लेकर राजनीतिक विश्लेषकों तक सभी सकते में आ गए हैं. सोशल मीडिया पर भी इस फैसले को लेकर चर्चा गर्म है.

इससे पहले पीएम मोदी और फिर कुछ ही घंटे बाद गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की थी. इस मुलाकात से सियासी हलचल तेज हो गई. संसद के मॉनसून सत्र के बीच देश के दो दिग्गज नेताओं की मुलाकात ने विपक्ष की टेंशन बढ़ा दी है. चर्चा चल रही है कि इस मुलाकात में बिहार में SIR और देश के अगले उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा हुई होगी. हालांकि, स्पष्ट रूप से यह क्लियर नहीं हो सका है कि दोनों ही नेताओं की किस विषय पर चर्चा हुई, लेकिन देश में यही 2 मुद्दे सबसे ज्यादा चर्चाओं में है. 

जम्मू में अमरनाथ ड्यूटी से हटाए गए अफसर, मूल पदस्थापना पर लौटने के आदेश

वहीं संसद के जारी सत्र के बीच ख़बर आ रही है कि जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के लिए लगाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों को अचानक ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है. जम्मू जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, भगवती नगर स्थित यात्री निवास शिविर, पुरानी मंडी का राम मंदिर और परेड स्थित गीता भवन जैसे प्रमुख सुविधा केंद्रों से सभी नियुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटाया गया है.

प्रशासन के बयान में साफ तौर पर कहा गया है कि श्री अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए की गई सभी अस्थायी तैनातियों को रद्द करते हुए, सभी कर्मचारियों को अपने-अपने मूल कार्यस्थलों पर लौटने के निर्देश दिए जा रहे हैं. यह आदेश पहले जारी किए गए सभी निर्देशों को निरस्त करता है. इसके अनुसार संबंधित अधिकारी और कर्मचारी तुरंत अपनी मूल जिम्मेदारियों को फिर से संभालने के लिए अपनी नियुक्ति वाली जगह पर रिपोर्ट करें.

इल्तिजा मुफ्ती के ट्वीट से गरमाई बहस

इस प्रशासनिक फैसले के कुछ ही देर बाद सियासी गलियारों में चर्चा का एक और कारण बना पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती का एक ट्वीट. उन्होंने लिखा, “ठीक छह साल पहले, 4 अगस्त 2019 को, कश्मीर के हालात बेहद अनिश्चितता भरे थे. पिछले एक हफ्ते से कुछ ऐसी फुसफुसाहटें सुनने को मिल रही हैं जो इशारा करती हैं कि एक बार फिर कुछ बड़ा होने जा रहा है.”

उनके इस बयान ने उन अफवाहों को बल दे दिया जो यह कह रही थीं कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई बड़ा कदम उठाने वाली है. सोशल मीडिया से लेकर सियासी मंचों तक इस बयान की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली.

'उमर अब्दुल्ला ने जताई उम्मीद, लेकिन किया इंकार भी'

वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इन अटकलों पर संतुलित प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “मैंने मंगलवार को क्या होने वाला है, इस पर हर किस्म की बात सुन ली है. इसलिए मैं पूरी ईमानदारी से कहता हूं कि मंगलवार को न कोई नकारात्मक घटना होगी और न ही कोई बड़ी सकारात्मक घोषणा. मैं अब भी आशावादी हूं कि संसद के मौजूदा मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर के संबंध में कोई अच्छा फैसला लिया जा सकता है, मगर यह मंगलवार को नहीं होगा." उमर ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी दिल्ली में किसी से मुलाकात नहीं हुई है और जो कुछ उन्होंने कहा, वह बस एक ‘अंतरात्मा की भावना’ पर आधारित है.

खराब मौसम के कारण अमरनाथ यात्रा समय से पहले स्थगित

हालांकि सियासी अटकलों से इतर वार्षिक अमरनाथ यात्रा अपनी मूल तारीख 9 अगस्त से करीब एक हफ्ते पहले, रविवार से ही स्थगित कर दी गई थी. अधिकारियों ने यात्रा को समय से पहले बंद करने के पीछे खराब मौसम और यात्रा मार्गों की बिगड़ती स्थिति को मुख्य कारण बताया.

5 दिन पहले भारी बारिश के कारण यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था. वहीं शनिवार को अधिकारियों ने घोषणा की कि बालटाल और पहलगाम, दोनों पारंपरिक मार्गों से यात्रा फिर से शुरू नहीं होगी, क्योंकि मार्ग असुरक्षित हैं और तत्काल मरम्मत की जरूरत है.

भारी बारिश के कारण खराब हो गए यात्रा के दोनों मार्ग
कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूड़ी के अनुसार, हाल की भारी बारिश ने इलाके को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे तीर्थयात्रियों के लिए मार्ग असुरक्षित हो गया है. उन्होंने बताया कि दोनों मार्गों की तत्काल मरम्मत और रखरखाव की जरूरत है, और मरम्मत के लिए मशीनरी और कर्मचारियों को तैनात करते हुए यात्रा को जारी रखना संभव नहीं है.

इस साल करीब 4 लाख तीर्थयात्रियों ने किए पवित्र गुफा के दर्शन 
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष लगभग चार लाख तीर्थयात्री पवित्र गुफा के दर्शन करने में सफल रहे. हालांकि, अधिकारियों ने इस बात को भी स्वीकार किया कि पिछले सप्ताह तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है, शायद मौसम की खराबी के कारण.

पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर काफी कड़े थे सुरक्षा के इंतजाम

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए एक बड़े आतंकी हमले के बाद इस साल की यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था काफी बढ़ा दी गई थी. सरकार ने मौजूदा सुरक्षा बलों के अलावा 600 से ज्यादा अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियां तैनात कीं, जिससे यह देश की सबसे कड़ी सुरक्षा वाली तीर्थयात्राओं में से एक बन गई. तीर्थयात्रियों को जम्मू से दोनों बेस कैंपों तक कड़ी निगरानी वाले काफिलों में ले जाया जाता था और श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर काफिले के दौरान नागरिकों की आवाजाही रोक दी जाती थी.

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क्यों खास है अमरनाथ गुफा?
पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं. तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं. वहीं, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है. सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है. श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के अंदर माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे.

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