जिस माटी में जन्मे उस पर कुर्बान...इंटरनेशनल ट्रेड फेयर मेें बिहार का जलवा, लोक गायिका नीतू नवगीत के गीतों ने बांधा समां
दिल्ली के भारत मंडपम में हो रहे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में आए लोगों और मेहमानों को बिहार की सांस्कृतिक विरासत, परंपरा, पारंपरिक गीत और संस्कृति से अवगत कराया गया. इस दौरान लोक गायिका डॉ. नीतू कुमारी नवगीत ने अपनी गायिकी से बिल्कुल समां ही बांध दिया. उन्होंने बिहार के सुप्रसिद्ध गीतों से लोगों का मन मोह लिया. आपको बताएं कि बिहार मंडप के सेंट्रल हॉल में बना बिहार संग्रहालय लोगों को आकर्षित कर रहा है.
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दिल्ली के भारत मंडपम में 14 से 27 नवंबर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में रविवार को बिहार दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इसे राष्ट्रीय पहचान देने में बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ. नीतू कुमारी नवगीत की महती भूमिका रही. उन्होंनें पारंपरिक गीतों के माध्यम से लोगों को बिहार की समृद्ध संस्कृति से परिचित कराया.
जिस माटी में जन्मे उस पर जान कुर्बान...अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले मेें बिहार की सांस्कृतिक विरासत का जलवा, लोकगायिका नीतू नवगीत के गीतों ने बांधा समां, झूमे लोग.#Bihar #BharatMandapam #NituNavgeet pic.twitter.com/cmAXQMfDMu
— NMF NEWS (@nmfnewsofficial) November 24, 2025
भारत मंडपम के एम्फीथिएटर में बिहार का जलवा!
आपको बताएं कि बिहार दिवस समारोह के अवसर पर भारत मंडपम के एम्फीथिएटर में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सांस्कृतिक कार्यक्रम में बिहार से आए लोक कलाकारों ने अपनी गीत-संगीत एवं मनमोहक नृत्य से लोगों का मन मोह लिया.
डॉ. नीतू नवगीत ने तरराष्ट्रीय व्यापार मेले मेें बांधा समां
वहीं डॉ. नीतू नवगीत ने इस दौरान उजर बगुला बिन,पिपरो न शोभे कोयल बिना बगिया ना शोभे राजा, पटना से बैदा बुलाई दा नजरआ गईली गुईंया, राम जी से पूछे जनकपुर की नारी बता द बबुआ लोगवा गीत काहे गारी बता दे बबुआ, मांगी ला हम वरदान हे गंगा मैया, मांगी ले हम वरदान जैसे गीत गाकर मौजूद मेहमानों और दर्शकों को बिहार की लोक संस्कृति से अवगत कराया.
इतना ही नहीं उन्होंने 'दमा दम मस्त कलंदर तथा बिहार गौरव गान जिस धरा पर हमने जन्म लिया, वही हमारा मान है ये बिहार की धरती तुझपे जीवन कुर्बान है, हर दिल में बसता प्यार जहां पर, गंगा प्यार की बहती है, नालंदा और बोधगया का गौरव तुझ में समाया है, जिस माटी में पले बढ़े हम, उसका कर्ज चुकाएंगे' सहित अनेक पारंपरिक गीतों का गायन कर अपनी गायिकी का लोहा मनवाया.
सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्रोताओं ने उनके साथ सुर में सुर मिलाकर 'गर्व से कहना हम हैं बिहारी, अपनी यही पहचान है' गीत को गाया.
सांस्कृतिक कार्यक्रम से पहले आयोजित प्रेस वार्ता को दिल्ली में बिहार सरकार के स्थानिक आयुक्त एवं बिहार सरकार के इनवेस्टमेंट कमिश्नर और बिआडा (बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट ऑथोरिटी) के एमडी कुंदन कुमार (आईएएस) एवं उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव अनिल कुमार ने संबोधित किया. इस अवसर पर बिहार पवेलियन के निदेशक संजय कुमार सिंह सहित उद्योग विभाग के कई पदाधिकारी मौजूद थे.
इस दौरान बिहार सरकार के स्थानिक आयुक्त कुंदन कुमार ने कहा कि 44वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार पवेलियन को इस बार के IITF 2025 की थीम 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के अनुरूप सजाते हुए इनमें बिहार के योगदान को दर्शाया गया है.
उन्होंने आगे कहा कि बिहार पवेलियन को बिहार के लोक कलाकारों ने अपने हाथों से बिहार के लोक कलाओं से बेहतरीन रूप से सजाया है, जो बिहार पवेलियन को खास बनाया है एवं लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
मां जानकी मंदिर के आधार पर सजा बिहार मंडप
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आपको बताएं कि इस वर्ष बिहार मंडप के मुख्य द्वार को सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में निर्माण हो रहा सीतामाता का मंदिर (प्रस्तावित) का प्रारूप बनाया गया है एवं मुख्य द्वार के बगल में पावापुरी मंदिर के प्रारूप का निर्माण किया गया है. वहीं, दीवारों पर राजगीर का विश्व शांति स्तूप, पटना मेट्रो एवं अन्य द्वार को महाबोधि मंदिर का प्रारूप दिया गया है. बिहार मंडप के सेंट्रल हॉल में बना बिहार संग्रहालय लोगों को आकर्षित कर रहा है.
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