Ram Mandir Dharm Dhawja: धर्म ध्वजा के लिए क्यों चुना गया 25 नवंबर का दिन, 44 मिनट के अभिजीत मुहूर्त की ये है कहानी
Ram Mandir Dharm Dhawja: राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा लहराएगी और सनातन का जयघोष करेगी. धर्म ध्वजा फहराने का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक है.
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राम नगरी अयोध्या फिर सज गई है, वही रौनक, वही उत्साह और उन्हीं नजारों के साथ आज फिर ऐतिहासिक दिन आया है. राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा लहराएगी और सनातन का जयघोष करेगी. PM मोदी दोपहर 12 बजे केसरिया धर्म ध्वजा फहराएंगे. राम मंदिर के लिए करीब 44 मिनट का शुभ मुहूर्त है. क्यों खास है ये अभिजीत मुहूर्त, जानते हैं.
राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराने के लिए 25 नवंबर का दिन बेहद खास है. वहीं, ज्योतिषियों के अनुसार, राम मंदिर पर धर्म ध्वजा फहराने का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक है. दरअसल, पंडितों के अनुसार भगवान श्रीराम के जन्म का समय भी ये ही है. ये ही वजह है कि मंदिर में धर्म ध्वजा के लिए इस अभिजीत मुहूर्त को निर्धारित किया गया.
धर्म ध्वजा के लिए क्यों चुना गया 25 नवंबर का दिन?
अयोध्या के साधु संतों के अनुसार, त्रेता युग में भगवान राम और मां जानकी का विवाह मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हुआ था. अंग्रेजी माह के अनुसार 25 नवंबर की तारीख को ही ये तिथि है.
वहीं, 25 नवंबर को मंगलवार है और यह दिन कई मायनों से खास है. दरअसल, भगवान राम का जन्म चैत्र मास की नवमी तिथि पर हुआ था, और उस दिन भी मंगलवार ही था. कहा तो ये भी जाता है कि त्रेता युग में जब भगवान राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ, वह पावन तिथि पंचमी थी और उस समय भी मंगलवार का दिन ही था. ऐसे में 25 नवंबर की तारीख धार्मिक रूप से कई सारी मान्यताओं और धार्मिक भावनाओं को समेटे हुए हैं.
फूलों से सजी अयोध्या नगरी
PM मोदी बटन दबाकर अभिजीत मुहूर्त में राम मंदिर के शिखर पर ध्वजा फहराएंगे. उनके बटन दबाते ही 2 किलो की केसरिया ध्वजा 161 फीट ऊंचे शिखर पर लहराएगी. मंदिर में धर्म ध्वजा लहराने को राम मंदिर का पूर्ण स्वरूप माना जा रहा है. बताया जा रहा है इस कार्यक्रम में करीब 7 हजार मेहमान पहुंचे हैं. रामनगरी को एक हजार क्विंटल फूलों से सजाया गया है. CM योगी आदित्यनाथ और RSS प्रमुख मोहन भागवत एक दिन पहले ही अयोध्या पहुंच गए थे. मंदिर पर लगने वाली धर्मध्वजा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि भयानक तूफान में भी सुरक्षित रहेगी और हवा बदलने पर बिना उलझे पलट जाएगी. इसका दंड भी बेहद खास है जो 21 किलो सोने से मढ़ा गया है.
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