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आजाद भारत का अमृत काल... स्वदेशी संकल्प से डिफेंस सेक्टर का कायाकल्प, ये कंपनियां दिखा रही हैं मेड-इन-इंडिया का दम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को लगातार 12वीं बार लाल किले से तिरंगा फहराएंगे. इस साल की थीम है ‘नया भारत’, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर पर खास जोर रहेगा. इसके तहत स्वदेशी हथियार जैसे आकाश एयर डिफेंस, नागास्त्र-1 सुसाइड ड्रोन, स्काईस्ट्राइकर ड्रोन, एंटी-ड्रोन डी-4 सिस्टम और ब्रह्मोस मिसाइल ने भारतीय डिफेंस की ताकत दिखाई. इस समारोह में आत्मनिर्भरता और रोजगार बढ़ाने के नए ऐलान की उम्मीद है.

देश अपने 79वें स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों में जुटा है और इस बार का उत्सव कुछ खास होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी 15 अगस्त को लगातार 12वीं बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराएंगे. इस बार समारोह की थीम है ‘नया भारत’, जो आत्मनिर्भरता, स्वदेशी उत्पाद और रोजगार बढ़ाने के संकल्प को बताती है.

इस स्वतंत्रता दिवस समारोह की सबसे बड़ी चर्चा का विषय है ‘ऑपरेशन सिंदूर’. पिछले कुछ वर्षों में भारतीय डिफेंस की ताकत में जो बदलाव आए हैं, उन्हें देखकर देशवासी गर्व महसूस कर रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी हथियारों ने पूरी दुनिया में भारतीय डिफेंस की ताकत का प्रदर्शन किया था. यही कारण है कि इस बार प्रधानमंत्री समारोह के दौरान आत्मनिर्भर भारत और रोजगार पर विशेष जोर दे सकते हैं.

ऑपरेशन सिंदूर में दिखा स्वदेशी हथियारों का जलवा

ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को यह दिखा दिया कि भारत अब सिर्फ टेक्नोलॉजी का उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता और एक्सपोर्टर भी है. इसमें इस्तेमाल हुए स्वदेशी हथियार जैसे आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, नागास्त्र-1 सुसाइड ड्रोन, स्काईस्ट्राइकर ड्रोन, एंटी-ड्रोन डी-4 सिस्टम और ब्रह्मोस मिसाइल ने भारतीय डिफेंस की ताकत को स्पष्ट कर दिया. विशेषकर ब्रह्मोस मिसाइल की बात करें, तो यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइलों में शामिल है और भारत की ताकत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित कर चुकी है. वहीं, नागास्त्र-1 और स्काईस्ट्राइकर ड्रोन ने ड्रोन युद्ध में भारत की रणनीति को नई दिशा दी है.

डिफेंस बजट से लगातार बढ़ती ताकत

डिफेंस क्षेत्र में भारत की वृद्धि सिर्फ हथियारों तक सीमित नहीं है. डिफेंस बजट में लगातार बढ़ोतरी ने भी भारतीय सशस्त्र बलों को मजबूत किया है. उदाहरण के लिए, 2013–14 में डिफेंस बजट 2.53 लाख करोड़ रुपए था, जो अब 2025–26 में बढ़कर 6.81 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया है. स्वदेशी उत्पादन के संकल्प ने डिफेंस सेक्टर में कायापलट कर दिया है. वर्ष 2025 में डिफेंस से जुड़े कुल 193 ऑर्डर दिए गए, जिनकी कुल वैल्यू 2.1 लाख करोड़ रुपए रही. इसमें से लगभग 90 प्रतिशत खरीदारी घरेलू कंपनियों से की गई. इस समय डिफेंस से जुड़े 65 प्रतिशत सामान घरेलू कंपनियों से खरीदे जा रहे हैं. 2030 तक भारत 3 लाख करोड़ रुपए का डिफेंस प्रोडक्शन करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिसमें 50000 करोड़ रुपए का निर्यात भी शामिल है. यानी भारत अब सिर्फ सुरक्षा में आत्मनिर्भर नहीं, बल्कि वैश्विक हथियार बाजार में अपनी पहचान बनाने की दिशा में अग्रसर है.

हथियारों का वैश्विक प्रभाव

भारत के स्वदेशी हथियार जैसे आकाश, ब्रह्मोस, तेजस और पिनाका ने अपनी ताकत साबित की है. डिफेंस एक्सपोर्ट के आंकड़े भी इसे दर्शाते हैं। FY14 में डिफेंस एक्सपोर्ट 700 करोड़ रुपए था, जबकि FY25 में यह आंकड़ा बढ़कर 24000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. यानी केवल 11 वर्षों में 34 गुना बढ़त दर्ज की गई. यह न सिर्फ डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता का संकेत है, बल्कि रोजगार और आर्थिक मजबूती का भी पैमाना है.

डिफेंस कंपनियों का दम

वित्त वर्ष 2026 की ऑर्डरबुक पर नजर डालें तो HAL के पास 2.5 लाख करोड़ रुपए के ऑर्डर, BEL के पास 72000 करोड़ रुपए, मझगांव डॉक के पास 32200 करोड़ रुपए, कोचीन शिपयार्ड के पास 22500 करोड़ रुपए और गार्डन रीच के पास 22680 करोड़ रुपए के ऑर्डर हैं. डिफेंस कंपनियों के प्रदर्शन की बात करें, तो मझगांव डॉक ने पिछले 5 साल में 3100 प्रतिशत रिटर्न दिया है. इसके अलावा सोलर इंडस्ट्रीज ने 1400 प्रतिशत, गार्डन रीच 1100 प्रतिशत, BEL और कोचीन शिपयार्ड ने 900 प्रतिशत, एस्ट्रा माइक्रो 700 प्रतिशत, BDL और HAL 600 प्रतिशत रिटर्न दिया है. ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि भारतीय डिफेंस कंपनियां सिर्फ उत्पादन ही नहीं, बल्कि निवेशकों के लिए भी शानदार अवसर प्रदान कर रही हैं.

नए भारत की नई ताकत

इस स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से फहराया जाने वाला तिरंगा सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि एक नया भारत, आत्मनिर्भर भारत और डिफेंस में मजबूत भारत का संदेश है. ऑपरेशन सिंदूर और स्वदेशी हथियारों की ताकत के जरिए भारत ने साबित कर दिया है कि अब देश तकनीक, उत्पादन और सुरक्षा में खुद पर भरोसा रखता है. इस स्वतंत्रता दिवस समारोह में उम्मीद की जा रही है कि आत्मनिर्भरता और रोजगार से जुड़ी नई योजनाओं का ऐलान भी किया जाएगा. यही वह अवसर है जब पूरा देश गर्व से कह सकता है कि भारत अब सिर्फ सपना नहीं, बल्कि शक्ति और सफलता का उदाहरण है.

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