डोनाल्ड ट्रंप के नेता का हनुमान मूर्ति पर विवादित बयान, अमेरिकियों ने ही दिखा दिया आईना, कहा- वेद पहले आए
ट्रंप की पार्टी के नेता अलेक्जेंडर डंकन ने हिंदुओं के देवता हनुमान जी की मूर्ति पर विवादित कमेंट किया है. उन्होंने टेक्सास में लगी हनुमान मूर्ति पर ऐतराज जताया है.
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एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर टैरिफ बम फोड़ रहे हैं तो दूसरी ओर उनके नेता हिंदू आबादी को टारगेट कर रहे हैं. ट्रंप की पार्टी के नेता अलेक्जेंडर डंकन ने हिंदुओं के देवता हनुमान जी की मूर्ति पर विवादित कमेंट किया है. उन्होंने टेक्सास में लगी हनुमान मूर्ति पर ऐतराज जताया है.
टेक्सास के शुगर लैंड में स्थापित हनुमान जी की ऊंची भव्य प्रतिमा पहले से कट्टरपंथियों के निशाने पर थी अब रिपब्लिकन लीडर अलेक्जेंडर डंकन के एक बयान ने आग में घी डालने का काम कर दिया. अलेक्जेंडर ने हनुमान मूर्ति का एक वीडियो शेयर करते हुए X पर लिखा, हम टेक्सास में एक झूठे हिंदू भगवान की मूर्ति क्यों लगने दे रहे हैं? हम एक ईसाई राष्ट्र हैं.
I'm just calling it what it is, an IDOL.
— Alexander Duncan (@AlexDuncanTX) September 22, 2025
"You must not have any other god but me. You must not make for yourself an idol of any kind or an image of anything in the heavens or on the earth or in the sea." Exodus 20:3-4
"They traded the truth about God for a lie. So they… pic.twitter.com/xGz6oVgGUr
डंकन ने बाइबिल का दिया हवाला
डंकन ने बाइबिल के निर्गमन 20:3-4 का हवाला देते हुए लिखा, तुम्हें मेरे अलावा किसी और को देवता नहीं मानना चाहिए, तुम्हें अपने लिए किसी भी प्रकार की मूर्ति या आकाश, पृथ्वी या समुद्र में किसी भी चीज की छवि नहीं बनानी चाहिए.
अलेक्जेंडर डंकन के मुताबिक, अमेरिका क्रिश्चियन देश है ऐसे में वहां हनुमान मूर्ति का होना ही गलत है. डंकन यही नहीं रुके उन्होंने हनुमान जी को फॉल्स हिंदू गॉड तक कह दिया.
टेक्सास में कब बनी थी हनुमान मूर्ति?
साल 2024 में टेक्सास के शुगर लैंड में हनुमान जी की 90 फुट ऊंची मूर्ति का उद्घाटन किया गया था. कांसे से बनी इस प्रतिमा को स्टेच्यू ऑफ यूनियन भी कहा जाता है. यह मूर्ति दूर से भी नजर आती है. यह मूर्ति श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर परिसर में स्थित है और अमेरिका के सबसे ऊंचे हिंदू स्मारकों में से एक है.
अलेक्जेंडर डंकन की टिप्पणी का विरोध
हालांकि हिंदुओं को टारगेट करने वाले डंकन के इस भड़काऊ बयान पर अमेरिकियों ने ही ऐतराज जताया है. सोशल मीडिया और धार्मिक स्वतंत्रता के समर्थकों ने डंकन की इस टिप्पणी की तीखी आलोचना की है. हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने इन टिप्पणियों को 'हिंदू विरोधी और भड़काऊ' करार दिया और टेक्सास रिपब्लिकन पार्टी से जरूरी कार्रवाई करने की अपील की है.
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन की ओर से लिखा गया है कि, क्या आप अपने सीनेट उम्मीदवार को अनुशासित करेंगे, जो आपकी अपनी नीतियों के खिलाफ भेदभाव करता है और हिंदू विरोधी नफरत दिखाता है, साथ ही संविधान के पहले संशोधन के स्थापना खंड का अनादर करता है?
एक एक्स यूजर ने कहा, सिर्फ इसलिए कि आप हिंदू नहीं हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आप हिंदू नहीं हैं. ईसा मसीह के धरती पर आने से लगभग 2000 साल पहले वेद लिखे गए थे और ये असाधारण ग्रंथ हैं और ईसाई धर्म पर इनका स्पष्ट प्रभाव है. इसलिए उस 'धर्म' का सम्मान करना और उस पर रिसर्च करना बुद्धिमानी होगी, जो आपके धर्म से पहले का है और उस पर प्रभाव डालता है.
आध्यात्मिक नेता श्री चिन्ना स्वामि ने लिखा, यह मूर्ति न केवल भक्ति, बल्कि एकता, सद्भाव और समावेशिता का भी प्रतीक है. इसने भारतीय-अमेरिकी प्रवासियों और सर्वधर्म समूहों, दोनों का ध्यान आकर्षित किया है.
डंकन के बयान पर ट्रंप की चुप्पी से उठे सवाल
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वहीं, हिंदू संगठनों और कुछ अमेरिकियों की अपील के बाद भी ट्रंप ने अपने नेता पर कोई कार्रवाई नहीं की है. राष्ट्रपति ने इस मामले में अभी तक चुप्पी साध रखी है. इस मामले पर ट्रंप का मौन डंकन के बयान का अघोषित समर्थन माना जा रहा है.
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