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मध्य प्रदेश में दिखा अद्भुत दृश्य, मस्जिद से भगवान पर हुई पुष्प वर्षा, मुस्लिमों ने उठाए पूजा के डोल, खूब हो रही है चर्चा

देश में अक्सर हिंदू-मुस्लिम विवाद की खबरें सामने आती हैं, लेकिन भाईचारे की भी कई मिसालें हैं. ऐसी ही तस्वीर एमपी के नीमच जिले के जीरन नगर से आई, जहां डोल ग्यारस जुलूस पर मुस्लिम युवाओं ने मस्जिद की छत से पुष्प वर्षा कर हिंदू भाइयों का स्वागत किया और उन्हें शुभकामनाएं दी.

Source: Social Media

देश में हिंदू-मुस्लिम विवाद की खबरें अक्सर सुर्खियों में रहती हैं, लेकिन इसके बीच कई ऐसी घटनाएं भी सामने आती हैं जो हमारी सामूहिक एकता, भाईचारे और गंगा-जामुनी तहज़ीब को मजबूत करती हैं. ऐसा ही ताजा मामला मध्य प्रदेश के नीमच जिले के जीरन नगर से सामने आया. जहां बुधवार रात को एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई, जिसने यह साबित कर दिया कि हमारे समाज में सहिष्णुता और एकता की भावना अभी भी जिंदा है.

मस्जिद से हुई फूलों की बारिश 

दरअसल, जीरन नगर में डोल ग्यारस का जश्न हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती की भक्ति में नगरवासियों को जोड़ने का प्रतीक माना जाता है. इस बार भी जुलूस में नगर के 11 प्रमुख मंदिरों से भगवान को विराजित कर ढोल-ढमाकों के साथ नगर भ्रमण निकाला गया. शाम होते ही जुलूस नगर के तालाब पर पहुंचा. इसमें महिलाएं, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग और युवा सभी शामिल हुए. ढोल और डीजे की थाप पर लोग झूमते और नाचते दिखाई दिए. अखाड़ों के कलाकारों ने रंग-बिरंगे गुलाल उड़ाए और हैरतअंगेज करतब दिखाए. जुलूस के दौरान भगवान की सामूहिक आरती और पूजा की गई, और प्रसाद वितरण भी हुआ. लेकिन इस जुलूस की खास बात तब सामने आई जब यह नगर के बस स्टैंड के पास स्थित मस्जिद के सामने पहुंचा. मुस्लिम समाज के लोगों ने अपने हिंदू भाइयों और भगवान को पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया. मस्जिद की छत से गिरते फूलों ने एक ऐसा दृश्य बनाया जो हर लोगों के मन में भाईचारे की भावना को गहरा कर गया.

इस दौरान मुस्लिम युवकों ने डोल में विराजित भगवान की पूजा अर्चना भी की. इस दौरान उन्होंने अपने हाथों से फूल बरसाकर जुलूस को आशीर्वाद दिया. यह न सिर्फ एक सांप्रदायिक एकता का प्रतीक था बल्कि उन लोगों के लिए भी संदेश था जो समाज में भड़काऊ तत्वों को फैलाने की कोशिश करते रहते हैं. सोशल मीडिया पर इस दृश्य के वीडियो और तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं. लोग इस भाईचारे की मिसाल को देखकर हैरान और उत्साहित हैं. कई यूजर्स ने इसे देश में मौजूदा तनावपूर्ण माहौल में राहत देने वाला बताया. सच में, यह घटना यह दिखाती है कि जब इंसानियत और श्रद्धा साथ चलती है, तो कोई भी विवाद हमारे बीच फासला नहीं डाल सकता.

धार्मिक आस्था का प्रतीक है ये जलूस 

डोल ग्यारस का यह जुलूस न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि समाज में भाईचारे और सहयोग की भावना को मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण उदाहरण भी है. कई बार हम समाचार में केवल विवाद और झगड़ों को देखते हैं, लेकिन ऐसे दृश्य यह याद दिलाते हैं कि समाज में भाईचारा अभी भी जीवित है. विशेष रूप से यह घटना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बताती है कि धर्म और आस्था का सही प्रयोग समाज को जोड़ने के लिए किया जा सकता है. जीरन नगर के मुस्लिम युवकों ने हिंदू भाइयों और भगवान पर फूल बरसाकर यह संदेश दिया कि भले ही हम अलग धर्म से हों, लेकिन एक-दूसरे के उत्सव और खुशियों में बराबर की भागीदारी कर सकते हैं. यह दृश्य आज के समय में एक प्रेरणा है. जब देशभर में सांप्रदायिक घटनाओं की खबरें लगातार सामने आती हैं, तब ऐसी तस्वीरें समाज को यह याद दिलाती हैं कि भाईचारे और प्यार की भावना कितनी मजबूत हो सकती है. यह न केवल जीरन नगर के लोगों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है.

बता दें कि जुलूस के आयोजकों और मस्जिद के समुदाय के बीच यह सहयोग दर्शाता है कि जब लोग मिलकर काम करते हैं, तो धर्म और संस्कृति की सीमाएँ मायने नहीं रखती. हिंदू-मुस्लिम एकता की यह तस्वीर युवाओं के लिए भी प्रेरणास्पद है. यह बताती है कि सही सोच और सहिष्णुता से समाज में सामूहिक खुशहाली और शांति कायम की जा सकती है.

हाल के दिनों में कई जगहों पर हुई सांप्रदायिक तनाव के बीच ऐसी घटनाएँ हमें यह विश्वास दिलाती हैं कि हम एक-दूसरे की खुशियों में शामिल होकर समाज को और मजबूत बना सकते हैं. जीरन नगर का यह जुलूस एक उदाहरण है कि सही दृष्टिकोण और सकारात्मक सोच से कैसे समाज में प्रेम, आस्था और भाईचारा कायम रखा जा सकता है.

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