Advertisement

संभल के मस्जिद ध्वस्तीकरण मामले में मुस्लिम पक्ष को लगा इलाहाबाद हाई कोर्ट से झटका, खारिज हुई याचिका

संभल में अवैध रूप से बनी मस्जिद के ध्वस्तीकरण के मामले में मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने मसाजिद शरीफ गोसुलबारा रावां बुजुर्ग और मस्जिद के मुतवल्ली मिंजर की ओर से दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. अब याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट में अपील दाखिल करनी होगी. इसी बीच खबर आ रही है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने खुद ही मस्जिद के अवैध हिस्सों को हटाना शुरू कर दिया है.

Created By: केशव झा
04 Oct, 2025
( Updated: 04 Oct, 2025
07:41 PM )
संभल के मस्जिद ध्वस्तीकरण मामले में मुस्लिम पक्ष को लगा इलाहाबाद हाई कोर्ट से झटका, खारिज हुई याचिका
Allahabad High Court (File Photo)

संभल में तालाब और सरकारी जमीन पर बनी मस्जिद के ध्वस्तीकरण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने अपील खारिज कर याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट में अपील दाखिल करने का निर्देश दिया है. 

न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाया है. सुनवाई अर्जेंट बेसिस पर हुई थी. मस्जिद कमेटी की ओर से अधिवक्ता अरविंद कुमार त्रिपाठी और शशांक त्रिपाठी ने अपनी दलीलें पेश कीं. जबकि राज्य सरकार की ओर से चीफ स्टैंडिंग काउंसिल जे एन मौर्या और स्टैंडिंग काउंसिल आशीष मोहन श्रीवास्तव ने पक्ष रखा.

क्या थी मुस्लिम पक्ष की याचिका?

आपको बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने अपनी याचिका में मस्जिद, बारात घर और अस्पताल के खिलाफ पारित ध्वस्तीकरण के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. मस्जिद कमेटी ने न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की एकल पीठ को बताया कि बारात घर को पहले ही ध्वस्त कर दिया गया है. प्रशासन ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई गांधी जयंती और दशहरे के दिन निर्धारित की थी. 

मुस्लिम पक्ष ट्रायल कोर्ट में दाखिल करेंगे याचिका

पीठ ने दोनों पक्षों की अपील सुनने के बाद याचिका निस्तारित कर दी है. अब मुस्लिम पक्ष को ट्रायल कोर्ट में याचिका दाखिल करनी होगी. आपको बता दें कि मस्जिद कमेटी ने कोर्ट के कहने पर जमीन से जुड़े दस्तावेज भी पेश किए.

आपको बता दें कि मुस्लिम पक्ष की ओर से दशहरा अवकाश के दौरान कोर्ट में मस्जिद ध्वस्तीकरण के आदेश पर रोक लगाने को लेकर याचिका दाखिल कर छुट्टी के दिन अर्जेंट बेसिस पर सुनवाई की मांग की गई थी. याचिका में मस्जिद, बारात घर और अस्पताल के ध्वस्तीकरण के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी. याचिका में दलील दी गई थी कि ध्वस्तीकरण के लिए दो अक्टूबर गांधी जयंती और दशहरे की छुट्टी का दिन चुना गया. ये दिन छुट्टी का था और बुलडोजर कार्रवाई के दौरान भीड़ के कारण कोई बड़ा हादसा या बवाल मच सकता था.

सरकारी जमीन पर बनी है मस्जिद!

संभल प्रशासन की ध्वस्तीकरण की इस कार्रवाई के पीछे तर्क है कि बारात घर तालाब की जमीन पर जबकि मस्जिद का कुछ हिस्सा सरकारी जमीन पर बना हुआ है. याचिका में राज्य सरकार, डीएम और एसपी संभल, एडीएम, तहसीलदार और ग्राम सभा गोसुलबारा रावां बुजुर्ग को पक्षकार बनाया गया था.

मुस्लिम समुदाय ने खुद ही गिरानी शुरू कर दीं दीवारें

यह भी पढ़ें

जानकारी के मुताबिक संभल के रायां बुजुर्ग गांव में सरकारी जमीन पर बनी मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने का काम दूसरे दिन भी यानी कि शुक्रवार को भी जारी था. प्रशासन ने मस्जिद को हटाने के लिए चार दिन का अल्टीमेटम दिया था, जिसे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने स्वीकार कर लिया था. कहा जा रहा है कि जुमे की नमाज अदा करने के बाद मुस्लिमों ने खुद ही मस्जिद की दीवारें गिरानी शुरू कर दीं.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें