Yogi और Keshav के कथित झगड़े में कूद कर Akhilesh ने खुद की ही फजीहत करवा ली
जिस बैठक में बीजेपी की हार को लेकर मंथन हो रहा था, उसी बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गज नेताओं के सामने ही केशव मौर्य ने संगठन को सरकार से बड़ा बताने वाला बयान दे दिया। जिसे योगी सरकार के खिलाफ माना गया,तो वहीं योगी और केशव के बीच कथित लड़ाई में कूदते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ऐसा बयान दे दिया जिस पर उनकी खूब फजीहत हो रही है
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योगी और केशव मौर्य के झगड़े में कूदे अखिलेश
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि सरकार से बड़ा संगठन होता है,क्योंकि संगठन ही चुनाव लड़ता है और चुनाव जीतने के बाद सरकार बनती है ।यानि सबसे पहले संगठन आता है फिर सरकार, लेकिन केशव मौर्य ने जब ये बात कही तो अखिलेश यादव उन पर तंज मारते हुए कहने लगे कि ना तो संगठन बड़ा होता है और ना ही सरकार बड़ी होती है। सबसे बड़ा होता है जनता का कल्याण, वैसे तो उनकी ये बात भी पूरी तरह से सही है। लेकिन सवाल तब उठता है जब ये बात अखिलेश यादव कहते हैं, क्योंकि वो कहते हैं ना कि जिनके घर शीशे के होते हैं वो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारते।ये वही अखिलेश यादव हैं जिन्होंने साल 2017 में समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बनने के लिए अपने पिता और तत्कालीन सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से लड़ाई कर ली थी। तब जाकर समाजवादी पार्टी जैसे राजनीतिक संगठन के अध्यक्ष बन पाए, उस वक्त मुलायम को भी कहना पड़ा था मेरी जिंदगी में ये मेरा सबसे बड़ा अपमान था।
मुलायम का ये दर्द बता रहा है कि किन परिस्थितियों में अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बने थे और आज यही अखिलेश यादव,केशव मौर्य और योगी के झगड़े पर तंज मारते हुए बयान दे रहे हैं कि न संगठन बड़ा होता है, न सरकार, सबसे बड़ा होता है जनता का कल्याण।उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर लोग अखिलेश को साल 2017 का मामला याद दिलाने लगे हैं।
एक और बीजेपी समर्थक संजय सिंह ने लिखा - जो बाप का माइक छीनकर बेइज्जत करे वो भी सिर्फ संगठन के लिए, जो सत्ता के लिए अपने परिवार में मुखिया तक ना बख्शे, जो सत्ता के बल पर एक जातिवादी संगठन खड़ा कर दे, ऐसी ही भावना से जनहित का काम करते हैं भाई।
बंगाल बीजेपी के कार्यकर्ता अमित ठाकुर ने जवाब दिया - न संगठन बड़ा था न सरकार बड़ी थी, सिर्फ 'गुंडों' का कल्याण 'सर्वोपरि' था ?
आदित्य नाम के एक यूजर ने अखिलेश को जवाब देते हुए लिखा- जो इंसान अपने पिता के साथ ऐसा व्यवहार करता है वो जनता के साथ कैसा व्यवहार करेगा ?
योगी केशव के कथित बयान पर अखिलेश यादव ने बयान दिया न संगठन बड़ा होता है, न सरकार, सबसे बड़ा होता है जनता का कल्याण तो उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने कुछ इसी तरह से जवाब दिया। क्योंकि अखिलेश यादव ने खुद अपने पिता मुलायम सिंह यादव से लड़ाई की, क्योंकि उन्हें समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बनना था। इसी लड़ाई की वजह से कई सालों तक शिवपाल और उनके सगे भतीजे अखिलेश के बीच अनबन रही। यहां तक कि शिवपाल यादव ने सपा छोड़ कर अपनी अलग पार्टी बना ली थी और अब यही अखिलेश जिस तरह से संगठन को लेकर योगी और केशव पर तंज मार रहे हैं।
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