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Delhi NCR Pollution: स्मॉग की चादर में लिपटी राजधानी की हवा, नोएडा-गाजियाबाद में भी बुरा हाल, 400 के पार AQI

दिल्ली में वायु प्रदूषण अब जानलेवा स्थिति तक पहुंच गया है. सांस संबंधी मरीज बढ़ने लगे हैं. लोगों को आंखों में जलन और गले में दिक्कतें होने लगी हैं. वहीं, अस्पतालों में सांस की समस्या से जुड़े मरीज भी बढ़ने लगे हैं.

26 Nov, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
10:02 AM )
Delhi NCR Pollution: स्मॉग की चादर में लिपटी राजधानी की हवा, नोएडा-गाजियाबाद में भी बुरा हाल, 400 के पार AQI

राजधानी दिल्ली में हवा की क्वालिटी सुधरने का नाम नहीं ले रही. जहरीली परत ने NCR के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. 26 नवंबर की सुबह दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘बहुत खराब’ से लेकर ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया है. 
दिल्ली में वायु प्रदूषण अब जानलेवा स्थिति तक पहुंच गया है. सांस संबंधी मरीज बढ़ने लगे हैं. लोगों को आंखों में जलन और गले में दिक्कतें होने लगी हैं. वहीं, अस्पतालों में सांस की समस्या से जुड़े मरीज भी बढ़ने लगे हैं. 

दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में AQI लेवल

  • आनंद विहार- 363
  • अशोक विहार- 361
  • अलीपुर- 345
  • आया नगर- 306
  • बवाना- 382
  • बुराड़ी- 346
  • चांदनी चौक- 345
  • DTU- 367
  • द्वारका- 359
  • IGI एयरपोर्ट टी3 इलाका- 298
  • ITO- 358
  • जहांगीरपुरी- 367
  • लोधी रोड- 300
  • मुंडका- 371
  • नजफगढ़- 316
  • पंजाबी बाग- 368
  • रोहिणी- 380
  • विवेक विहार- 365
  • सोनिया विहार- 338
  • आरकेपुरम- 348
  • वजीरपुर- 377 

वहीं, दिल्ली और देश के बड़े अस्पतालों में से एक AIIMS के आसपास भी जहरीले स्मॉग की परत नजर आई. जिससे मरीजों के स्वास्थ्य पर गहरा असर हो रहा है. AIIMS के आसपास AQI 348 है. जिसे 'बहुत खराब' कैटेगरी में रखा गया है. 

AQI लेवल कितना होना चाहिए? 

अगर AQI 0-50 तक है तो हवा की क्वालिटी अच्छी है. 51-100 तक है तो संतोषजनक है, लेकिन 100 के पार जाते ही चिंता बढ़ने लगती है. 101-200 के बीच के AQI को मध्यम प्रदूषित माना जाता है. 201-300 के बीच खराब, 301-400 के बीच बहुत खराब और 401-500 के बीच गंभीर यानी खतरनाक स्तर. 

दिल्ली ही नहीं नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी हवा का स्तर बेहद खराब हो चुका है. ग्रेटर नोएडा में AQI- 414, नोएडा में 409 और गाजियाबाद में AQI लेवल 395 है. जो बेहद खतरनाक श्रेणी में आता है. हालांकि बढ़ते प्रदूषण को लेकर प्रशासन ने सख्त कदम भी उठाए हैं. जैसे दिल्ली-एनसीआर के जिले जैसे- गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में BS-III पेट्रोल और BS-IV की डीजल कारों पर रोक लगा दी है.  हालांकि यह तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो गए. 

बिगड़ते वायु प्रदूषण से दिल्ली वालों को सेहत से जुड़ी कई दिक्कतें हो रही हैं, जैसे आंखों से पानी आना, अस्थमा के लक्षण, त्वचा में खुजली और गले में जलन की शिकायत लोग कर रहे हैं. AIIMS दिल्ली के पल्मोनरी मेडिसिन और स्लीप डिसऑर्डर डिपार्टमेंट के प्रोफेसर और हेड, डॉ. अनंत मोहन ने बताया, वायु प्रदूषण से शरीर का कोई भी हिस्सा बिना असर के नहीं रहता. हमारी श्वसन प्रणाली सबसे ज्यादा प्रभावित होती है. नाक, कान और फेफड़े हवा के सीधे संपर्क में रहते हैं, इसलिए सांस की बहुत सारी बीमारियां होती हैं. एक्सपर्ट ने चेताया कि, खराब हवा से दिमाग से लेकर शरीर के किसी भी हिस्से को दिक्कत हो सकती है. हार्ट अटैक या स्ट्रोक का भी खतरा हो सकता है. 

दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन 

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हाल ही में दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ सरकार पर नाकामी के आरोप लगाते हुए लोगों ने प्रदर्शन किया था. इंडिया गेट पर कुछ छात्रों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. हालांकि ये प्रदर्शन तब बवाल की भेंट चढ़ गया जब प्रदर्शनकारियों ने यहां नक्सली कमांडर हिड़मा के पोस्टर लहराए. हिड़मा को जल जंगल जमीन का नेता कहा गया. 

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