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झारखंड के वन भूमि घोटाला मामले में ACB की बड़ी कार्रवाई, कारोबारी विनय सिंह के 6 ठिकानों पर एक साथ हुई छापेमारी

झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने हजारीबाग जिले में वन भूमि घोटाले में चर्चित ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय कुमार सिंह के रांची स्थित आवास और दफ्तर सहित उनके छह ठिकानों पर रविवार को एक साथ छापेमारी शुरू की. एसीबी ने 25 सितंबर की शाम विनय सिंह को गिरफ्तार किया था.

Created By: केशव झा
28 Sep, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
07:18 PM )
झारखंड के वन भूमि घोटाला मामले में ACB की बड़ी कार्रवाई, कारोबारी विनय सिंह के 6 ठिकानों पर एक साथ हुई छापेमारी
Image: Jharkhand ACB (File Photo)

झारखंड में ACB ने नेक्सजेन ऑटोमोबाइल्स के मालिक विनय कुमार सिंह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. ACB ने विनय सिंह के करीब छह ठिकानों पर छापेमारी की है. अवैध ज़मीन हड़पने के मामले में ये रेड झारखंज के हज़ारीबाग में हुई है.

साल 2013 का है मामला

जानकारी के मुताब एसीबी की टीम नेक्सजेन ऑटोमोबाइल्स के मालिक के घर रविवार सुबह पहुंची और आवास, शोरूम और पांच अन्य ठिकानों पर एक साथ तलाशी अभियान शुरू किया. एजेंसी की यह कार्रवाई 2013 के एक घोटाले की जांच के सिलसिले में हो रही है, जिसमें कथित तौर पर सरकारी वन भूमि पर अवैध कब्ज़ा करने का मामला सामने आया है.

विनय सिंह पर क्या आरोप हैं?

आरोप है कि उन्होंने जेल में बंद आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर 2013 में अधिसूचित वन भूमि पर अवैध जमाबंदी कराई. बाद में हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल के तत्कालीन डीएफओ ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि अधिसूचित वन भूमि पर किसी भी तरह की गैर-वानिकी गतिविधि या अतिक्रमण भारतीय वन अधिनियम, 1927 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 का उल्लंघन है.

इस पत्र में सर्वोच्च न्यायालय के 1996 में दिए गए आदेश का भी हवाला दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि जंगल-झाड़ी किस्म की भूमि का गैर-वानिकी उपयोग भारत सरकार की अनुमति के बिना संभव नहीं है. इसके बाद इस जमाबंदी को अवैध बताते हुए रद्द कर दिया गया.

ACB की जांच में हुआ था फर्जीवाड़े का खुलासा

इस मामले में इसी वर्ष एसीबी ने जांच शुरू की. जांच में यह तथ्य सामने आया कि गैर मजरुआ खास किस्म जंगल प्रकृति की भूमि, जिसे डीम्ड फॉरेस्ट की श्रेणी में रखा गया है, को अवैध रूप से विनय सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह के नाम पर दाखिल-खारिज कर दिया गया.

यह प्रक्रिया उस समय पूरी की गई, जब आईएएस विनय चौबे हजारीबाग के उपायुक्त पद पर कार्यरत थे. ब्यूरो का कहना है कि आरोपी ने सरकारी अभिलेखों में हेरफेर कर करोड़ों रुपए की सरकारी भूमि को निजी स्वामित्व में बदलने की कोशिश की. जांच में विनय सिंह की संलिप्तता की पुष्टि होने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया.

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एसीबी सूत्रों ने बताया कि छापेमारी में दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की जा रही है. आगे की कार्रवाई बरामद सामग्रियों के विश्लेषण के बाद की जाएगी.

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