चुनाव के बाद सरकार गठन में हुई देरी से लेकर पहली कैबिनेट में महिला सम्मान योजना को मंजूरी न मिलने पर आम आदमी पार्टी लगातार बीजेपी पर हमलावर रही, वही अब एक बार फिर संविधान के निर्माता डॉ भीम राव अंबेडकर के नाम पर बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी ख़ुद को एक मजबूत विपक्ष के तौर पर रखना चाहती है। यही वजह है कि चुनाव के बाद सरकार गठन में हुई देरी से लेकर पहली कैबिनेट में महिला सम्मान योजना को मंजूरी न मिलने पर आम आदमी पार्टी लगातार बीजेपी पर हमलावर रही, वही अब एक बार फिर संविधान के निर्माता डॉ भीम राव अंबेडकर के नाम पर बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रही है।
बीजेपी ने नेता ख़ुद को बड़ा समझते है
दरअसल, दिल्ली विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री के कक्ष से बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगाने पर आम आदमी पार्टी (आप) ने कड़ा विरोध जताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजीव झा ने इस कदम को लेकर पीड़ा व्यक्त की और कहा कि यह केवल उनका नहीं, बल्कि संविधान के प्रति आस्था रखने वाले हर भारतीय का अपमान है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भारतीय जनता पार्टी यह मानती है कि प्रधानमंत्री अब बाबा साहेब अंबेडकर से बड़े हो गए हैं। हमने विधानसभा अध्यक्ष से इस बारे में सवाल किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। बाबा साहेब के चित्र को हटाकर प्रधानमंत्री की फोटो लगाना संविधान और बाबा साहेब का अपमान है। विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी चिंता को नजरअंदाज किया और उन्हें मार्शल के जरिए विधानसभा से बाहर निकाल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि हम बाबा साहेब के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर कोई कदम नहीं उठाया गया तो आम आदमी पार्टी का विरोध लगातार जारी रहेगा।
शाह के आदेश का पालन कर रही बीजेपी
वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक कुलदीप कुमार ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि विधानसभा में 'जय भीम' के नारे लगाने के कारण उन्हें और उनके साथी विधायकों को बाहर कर दिया गया।कुलदीप कुमार ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के सभी मंत्रियों के निर्देश पर बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर को हटाया गया है। यह आदेश केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का था। आजादी के इतने वर्षों बाद भी कुछ लोग बाबा साहेब के संविधान और उनके विचारों से नफरत करते हैं। उन्होंने देशभर के बहुजन समाज से अपील की कि वे इस मुद्दे पर आवाज उठाएं और विरोध करें। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस बार विरोध नहीं किया गया तो ये लोग पूरे देश से बाबा साहेब की मूर्तियां हटा देंगे। मैं कहना चाहता हूं कि बाबा साहेब के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए। जब तक बाबा साहेब की तस्वीर विधानसभा में अपनी सही जगह पर नहीं लगाई जाती, आम आदमी पार्टी का विरोध जारी रहेगा।
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है। पार्टी ने 70 में से 48 सीट पर जीत दर्ज की है।वही आम आदमी पार्टी ने 22 सीट जीतने में कामयाब रही। जबकि इस चुनाव में कमाल करने का दावा करने वाली कांग्रेस शून्य पर सिमट गई।