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अयोध्या में 52 एकड़ में बनेगा विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय, योगी सरकार का बड़ा फैसला, टाटा संस करेगी निर्माण, जानिए कितना खास होगा

अयोध्या में यूपी की योगी सरकार एक विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय का निर्माण करवाने जा रही है. सरकार का मुख्य उद्देश्य अयोध्या को न केवल तीर्थ स्थल बल्कि सनातन संस्कृति, ज्ञान और शोध का भी केंद्र बनाना है. इस मंदिर संग्रहालय से भारतीय सनातन परंपरा के व्यापक पहलुओं को भावी पीढ़ी और दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा.

यूपी की योगी सरकार ने प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पर मुहर लगाई है. सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है. बता दें कि अयोध्या में माझा जमथरा क्षेत्र में 52 एकड़ भूमि पर एक विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा. यह संग्रहालय न केवल विशाल आकार में होगा बल्कि इसकी गुणवत्ता और निर्माण में भी अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया जाएगा. इसके निर्माण की जिम्मेदारी टाटा संस को दी गई है.  

अयोध्या में 52 एकड़ में बनेगा विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय

बता दें कि अयोध्या में यूपी की योगी सरकार एक विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय का निर्माण करवाने जा रही है. सरकार का मुख्य उद्देश्य अयोध्या को न केवल तीर्थ स्थल बल्कि सनातन संस्कृति, ज्ञान और शोध का भी केंद्र बनाना है. इस मंदिर संग्रहालय से भारतीय सनातन परंपरा के व्यापक पहलुओं को भावी पीढ़ी और दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा. 

संग्रहालय में कई विषयों पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी 

बताया जा रहा है कि संग्रहालय में कई विषयों पर एक विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी. इसमें प्राचीन भारतीय साहित्य का महत्व, भारत की समृद्ध मंदिर वास्तुकला और इतिहास, वेद पुराण और इसके अलावा विभिन्न धार्मिक परंपराओं, सांस्कृतिक विरासतों का भी विस्तार किया जाएगा. 

पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा

खबरों के मुताबिक, यह संग्रहालय पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने वाला है. इससे उन्हें भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जड़ों को गहराई से जानने का भी अवसर प्रदान होगा. योगी सरकार ने इस परियोजना को मंजूरी देकर अयोध्या को विश्व पर्यटन मानचित्र पर एक नया आयाम देने का मार्ग प्रशस्त किया है. 

मंदिर संग्रहालय का प्रजेंटेशन पीएम मोदी को दिखाया गया 

इससे पहले अयोध्या के डीएम नितिन कुमार ने भी मंदिर संग्रहालय का प्रेजेंटेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिखाया था. इस दौरान पीएम मोदी ने निर्देश दिया था कि संग्रहालय में देश के प्रसिद्ध मंदिरों के इतिहास, निर्माण व वास्तुकला को चित्रों व भित्ति चित्रों के माध्यम से दर्शाया जाए. 

एक संग्रहालय राम मंदिर के तीसरे तल पर बनाया जाएगा 

जानकारी के लिए बता दें कि इस संग्रहालय के अलावा एक अन्य संग्रहालय राम मंदिर के तीसरे तल पर भी बनाया जाएगा. इस रामायण संग्रहालय का निर्माण मंदिर ट्रस्ट की तरफ से होगा. इसमें दुनिया भर में अलग-अलग भाषाओं में लिखी गईं रामायण की पांडुलिपियां भी रखी जाएंगी. उसके अलावा राम मंदिर निर्माण से जुड़ी कई अन्य चीजों को भी इसमें शामिल किया जाएगा. 

अयोध्या को मिलेगी नई सांस्कृतिक पहचान चिन्ह

योगी सरकार के इस बड़े फैसले से मंदिर संग्रहालय के तैयार होने से अयोध्या को नया सांस्कृतिक पहचान चिन्ह मिलेगा, साथ ही हजारों प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बनेंगे. वहीं श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा और ध्वजारोहण समारोह के बाद अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में अब रोजाना 2 से 4 लाख श्रद्धालु और पर्यटक अयोध्याधाम पहुंच रहे हैं. युवा पीढ़ी, विदेशी पर्यटकों और भारतीय विरासत में रुचि रखने वालों को आकर्षित करने के लिए यह संग्रहालय एक नया केंद्रीय आकर्षण साबित होगा और शहर की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जाएगा.

योगी सरकार के फैसले से अयोध्यावासी उत्साहित 

सीएम योगी के इस फैसले से अयोध्या व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय को अतिरिक्त जमीन मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की है. उन्होंने योगी सरकार की भूरि-भूरि प्रशंसा की है. उनका कहना है कि 'अयोध्या का बहुत बड़ा सौभाग्य है कि अब 52 एकड़ में एक विश्वस्तरीय संग्रहालय बनेगा.'  पंकज गुप्ता के अनुसार इससे अयोध्यावासी बहुत प्रसन्न हैं. उन्होंने कहा कि 'मंदिर संग्रहालय में प्रभु श्रीराम के जीवन चरित्र का दर्शन होगा, जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर खींचेंगा. पर्यटकों की संख्या बढ़ने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. अयोध्यावासी योगी सरकार के इस फैसले से अत्यंत उत्साहित हैं.'

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