संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर शुरू होगी 16 घंटे की लंबी बहस, राजनाथ सिंह करेंगे चर्चा की शुरुआत...जानें लोकसभा में क्या होने वाला है
लोकसभा में सोमवार यानी आज दोपहर 12 बजे से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर 16 घंटे लंबी बहस शुरू होगी. बहस की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे. उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चर्चा में हस्तक्षेप कर सकते हैं. सरकार आक्रामक तेवर के साथ तैयार है. बहस से पहले रक्षा मंत्री ने CDS अनिल चौहान, रक्षा सचिव और तीनों सेनाओं के प्रमुखों से रणनीतिक बैठकें की हैं. वहीं, विपक्षी गठबंधन INDIA भी साझा रणनीति के लिए बैठक कर रहा है.
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देश की संसद के लोकसभा सदन में सोमवार दोपहर 12 बजे से शुरू होने जा रही बहस ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल है, बल्कि आम जनता की नजरें भी इस चर्चा पर टिकी हुई हैं. यह बहस भारतीय संसद के इतिहास में सबसे लंबी और बहुचर्चित बहसों में से एक होने वाली है, जिसमें 16 घंटे तक सत्ता और विपक्ष आमने-सामने होंगे. इस बहस की शुरुआत खुद देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे और माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बहस के दौरान हस्तक्षेप कर सकते हैं.
संसद में आज सिर्फ 'सिंदूर' की बात
‘ऑपरेशन सिंदूर’ दरअसल एक सैन्य कार्रवाई थी जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई को अंजाम दिया था. ऑपरेशन सिंदूर उसी का परिणाम था, जो महज 22 मिनट में पूरा हो गया और इसमें सभी आतंकियों को सफलतापूर्वक मार गिराया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऑपरेशन को ‘विजय उत्सव’ करार दिया और इसे भारत की आत्मनिर्भर सैन्य क्षमताओं का प्रतीक बताया. इस ऑपरेशन को लेकर सेना और सरकार ने जो जानकारी साझा की है, उसके मुताबिक यह 100 प्रतिशत सफल मिशन था.
बहस से पहले तैयारियां पूरी
आज की बहस को लेकर सरकार ने पूरी रणनीतिक तैयारी कर ली है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते कुछ दिनों में CDS जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और थल, वायु एवं नौसेना प्रमुखों के साथ कई अहम बैठकें की हैं. सूत्रों के मुताबिक इन बैठकों में इस बात पर विशेष चर्चा हुई कि संसद में किस तरह से विपक्ष के संभावित सवालों का जवाब देना है और ऑपरेशन की रणनीति को किस तरह संसद के सामने प्रस्तुत करना है. रक्षा मंत्री का आज का भाषण पूरी तरह से तथ्यों और सेना की जानकारी पर आधारित होगा.
विपक्ष भी नहीं रहेगा खामोश
वहीं दूसरी ओर, विपक्ष भी इस बहस को हल्के में लेने के मूड में नहीं है. विपक्षी गठबंधन INDIA आज बहस से पहले एक संयुक्त बैठक कर रहा है, जिसमें रणनीति तय की जाएगी कि सरकार से किन मुद्दों पर सवाल पूछे जाएं. विपक्ष यह जानना चाहता है कि ऑपरेशन से पहले और बाद की कूटनीतिक स्थिति क्या रही, और क्या इस कार्रवाई के जरिए कोई अंतरराष्ट्रीय संदेश दिया गया. साथ ही यह भी पूछा जा सकता है कि इस ऑपरेशन को सार्वजनिक तौर पर इतने विस्तार से क्यों बताया गया, जबकि सामान्यत: सेना के अभियान गोपनीय रखे जाते हैं.
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बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर भले ही संसद में राजनीतिक बहस का विषय हो, लेकिन आम जनता के लिए यह गर्व का विषय बन चुका है. सोशल मीडिया से लेकर अखबारों तक में इसकी चर्चा है. खास बात यह है कि इस ऑपरेशन को पूरी तरह स्वदेशी तकनीक, हथियार और रणनीति के जरिए अंजाम दिया गया. इससे देश की रक्षा क्षमताओं पर लोगों का भरोसा और मजबूत हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इसे 'विजय उत्सव' नाम देने का कारण भी यही है कि देश ने यह दिखा दिया कि वह किसी भी हमले का जवाब देने में सक्षम है और अब निर्णय लेने में देर नहीं करता.
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