World IVF Day हर साल 25 जुलाई को मनाया जाता है. यह दिन 1978 में दुनिया के पहले "टेस्ट ट्यूब बेबी" — लुईस ब्राउन के जन्म की याद में मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) तकनीक के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन लाखों दंपतियों को उम्मीद देना है जो संतान प्राप्ति के लिए इस तकनीक की ओर रुख करते हैं.
World IVF Day 2025: इन 6 गलतियों से IVF ट्रीटमेंट में आ सकती है रुकावट, महिलाएं रखें ध्यान
IVF ट्रीटमेंट एक नाज़ुक प्रक्रिया है, जहां छोटी-छोटी लापरवाहियां बड़ी बाधा बन सकती हैं. तनाव, गलत खानपान, नींद की कमी या दवाओं की अनदेखी—ये आदतें IVF की सफलता को प्रभावित कर सकती हैं. World IVF Day 2025 के मौके पर जानिए वो 6 खतरनाक गलतियां जो महिलाओं को IVF के दौरान भूलकर भी नहीं करनी चाहिए, वरना बन सकती है इलाज में रुकावट की वजह.
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माता-पिता बनना हर कपल का सपना होता है. लेकिन जब किसी वजह से ये सपना अपने आप पूरा नहीं हो पाता, तो लोग मेडिकल साइंस की मदद लेते हैं. आज के समय में टेक्नोलाॅजी बहुत ज्यादा आगे बढ़ चुकी है. उसी में से एक IVF यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन है जो एक ऐसा इलाज बन गया है, जिसकी मदद से कई कपल्स माता-पिता बनने का सुख पा चुके हैं.
IVF क्या हैं?
जब प्राकृतिक रूप से गर्भधारण संभव न हो, तब IVF (In Vitro Fertilization) एक वैज्ञानिक चमत्कार की तरह कार्य करता है. लेकिन IVF की सफलता केवल मेडिकल तकनीक पर ही नहीं, बल्कि महिला की जीवनशैली और आदतों पर भी निर्भर करती है. कई बार महिलाओं की छोटी-छोटी गलतियां या लापरवाह आदतें पूरे ट्रीटमेंट को विफल कर सकती हैं.
World IVF Day 2025 पर जानिए वो 6 आदतें जो IVF ट्रीटमेंट में बाधा बन सकती हैं:
तनाव में रहना – हार्मोनल असंतुलन का कारण
IVF के दौरान मानसिक स्थिति का आपके शरीर पर गहरा असर पड़ता है. अगर आप लगातार तनाव, चिंता या डर में रहती हैं, तो इसका असर आपके हार्मोन सीक्रेशन और एग्स की क्वालिटी पर पड़ सकता है. तनाव से कोर्टिसोल नामक हार्मोन बढ़ता है, जो फर्टिलिटी को बाधित कर सकता है.
सुझाव: मेडिटेशन, गहरी सांस लेना, म्यूज़िक थेरेपी या काउंसलिंग जैसी चीज़ें मानसिक तनाव को दूर करने में सहायक होती हैं.
दवाइयों को समय पर न लेना – ट्रीटमेंट हो सकता है फेल
IVF प्रक्रिया में हार्मोनल दवाएं और इंजेक्शन्स बहुत ही सटीक समय पर दिए जाते हैं.यदि आप भूल जाती हैं या समय पर दवा नहीं लेतीं, तो इसका असर ओवरी स्टीमुलेशन, एग्स की मैच्योरिटी, या इंप्लांटेशन पर पड़ सकता है.
सुझाव: अलार्म, नोटबुक, मोबाइल ऐप या किसी करीबी की मदद से दवाइयों की रूटीन बनाए रखें.
अनहेल्दी डाइट – शरीर को नहीं मिलता सही पोषण
कई महिलाएं IVF के दौरान अपने खानपान पर ध्यान नहीं देतीं.जंक फूड, तले हुए खाद्य, अत्यधिक चीनी और कैफीन, IVF के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं. ऐसे आहार शरीर में इंफ्लेमेशन, मोटापा और हार्मोनल असंतुलन को बढ़ाते हैं.
सुझाव: हरी सब्ज़ियां, प्रोटीन युक्त भोजन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, और पर्याप्त पानी को रोज़ की डाइट में शामिल करें.
पूरी नींद न लेना – थका हुआ शरीर नहीं करता सहयोग
नींद की कमी IVF में सीधे तौर पर हार्मोनल गड़बड़ी, तनाव, और थकावट का कारण बनती है. अगर आपकी नींद रोज़ 6 घंटे से कम है, तो फर्टिलिटी साइकल गड़बड़ा सकता है. शरीर को रिपेयर और रिकवरी के लिए पर्याप्त नींद चाहिए होती है.
सुझाव: एक फिक्स सोने और जागने का समय बनाएं, मोबाइल स्क्रीन से दूर रहें और रात में भारी भोजन से बचें.
फिजिकल एक्टिविटी में असंतुलन – न ज़्यादा न कम
कुछ महिलाएं IVF के दौरान बहुत ज़्यादा आराम करने लगती हैं और कुछ ओवर-एक्सरसाइज़.दोनों ही स्थितियां गलत हैं. अत्यधिक वर्कआउट करने से शरीर में तनाव बढ़ता है और आराम ना करने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है.
सुझाव: डॉक्टर की सलाह के अनुसार हल्की वॉक, प्रेग्नेंसी योगा या स्ट्रेचिंग करें.
डॉक्टर से लक्षण छिपाना – इलाज में आ सकती है बड़ी रुकावट
IVF प्रक्रिया में शरीर में कई बदलाव होते हैं – सूजन, हल्का दर्द, मिजाज़ में बदलाव आदि.अगर आप इन लक्षणों को डॉक्टर से साझा नहीं करतीं, तो वे गंभीर स्थिति में बदल सकते हैं. इलाज में बदलाव की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन डॉक्टर को जानकारी नहीं मिलने से समस्या बढ़ सकती है.
सुझाव: हर बदलाव और तकलीफ को नोट करें और ईमानदारी से डॉक्टर को बताएं.
IVF में सफलता आपकी सजगता पर निर्भर
IVF एक नई ज़िंदगी की उम्मीद है, लेकिन ये उम्मीद तब ही फलदायी बनती है जब आप खुद भी इसके लिए संपूर्ण तैयारी और जागरूकता रखें. World IVF Day 2025 पर यही संदेश है –"IVF की राह आसान नहीं, पर सावधानियां बरतकर इसे सफल जरूर बनाया जा सकता है."
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