National Nutrition Week 2025: 1 से 7 सितंबर तक क्यों मनाया जाता है पोषण सप्ताह और कैसे यह अभियान आपके स्वास्थ्य को बदल सकता है?
हर साल 1 से 7 सितंबर तक मनाया जाने वाला नेशनल न्यूट्रिशन वीक इस बार नई थीम के साथ सामने आया है. लेकिन क्या आप जानते हैं, इसकी शुरुआत कब हुई थी और इस साल की थीम क्यों खास है?
National Nutrition Week 2025
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खानपान हमारी ज़िंदगी का सबसे अहम हिस्सा है. अगर शरीर को संतुलित आहार नहीं मिलता तो वह कमजोर हो जाता है और छोटी-छोटी बीमारियाँ भी बड़ी परेशानी में बदल जाती हैं. आज के दौर में जहाँ बच्चे जंक फूड और पैकेज्ड स्नैक्स ज़्यादा खा रहे हैं, वहीं बड़े लोग भी तनाव और व्यस्तता की वजह से हेल्दी डाइट पर ध्यान नहीं दे पाते.
भारत में कुपोषण एक बड़ी समस्या है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (NFHS-5) के अनुसार देश में कई बच्चे आज भी अंडरवेट हैं और महिलाओं में खून की कमी (एनीमिया) आम है. यही वजह है कि सरकार और समाज, दोनों को मिलकर इस मुद्दे पर लगातार काम करना पड़ता है.
कब और क्यों शुरू हुआ पोषण सप्ताह?
अमेरिका में यह पहल पहले शुरू हुई, 1973 में अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने पहला National Nutrition Week आयोजित किया था . लेकिनभारत में नेशनल न्यूट्रिशन वीक (राष्ट्रीय पोषण सप्ताह) की शुरुआत 1982 में हुई थी. इसे मनाने के पीछे उद्देश्य था कि लोगों को बताया जा सके कि सही खानपान कैसे शरीर को स्वस्थ रखता है और बीमारियों से बचाता है.
तब से लेकर अब तक हर साल 1 से 7 सितंबर के बीच यह सप्ताह मनाया जाता है. इस दौरान तरह-तरह के कैंपेन, हेल्थ चेकअप और अवेयरनेस प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं ताकि लोग जागरूक बनें और डाइट में सुधार करें.
2025 की थीम “Eat Right for a Better Life”
इस साल की थीम है, “Eat Right for a Better Life” (बेहतर ज़िंदगी के लिए सही खानपान अपनाएं).
इस थीम का मकसद है लोगों को यह समझाना कि:
- ताज़ा फल और सब्ज़ियाँ हमारी डाइट का अहम हिस्सा हों
- तेल, नमक और चीनी का सेवन सीमित रखें
- प्रोटीन युक्त आहार जैसे दाल, दूध, अंडे और नट्स ज़रूर खाएं
- ज्यादा प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड से दूरी बनाएं
यह थीम बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सबको मैसेज देती है कि छोटी-छोटी डाइट चॉइस से ज़िंदगी लंबी और हेल्दी बनाई जा सकती है.
कैसे मनाया जाता है नेशनल न्यूट्रिशन वीक?
पोषण सप्ताह के दौरान देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते हैं.
- स्कूल और कॉलेजों में - क्विज़, निबंध प्रतियोगिता, पोस्टर मेकिंग और हेल्दी फूड डे जैसे कार्यक्रम
- गाँवों और कस्बों में - आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों को सही खानपान की जानकारी दी जाती है
- अस्पतालों और हेल्थ सेंटरों में - फ्री हेल्थ चेकअप कैंप और डाइट काउंसलिंग
- सोशल मीडिया और टीवी - पोषण जागरूकता अभियान और हेल्दी ईटिंग चैलेंज
सरकार की योजनाएँ और पहल
भारत सरकार लगातार पोषण सुधारने के लिए काम कर रही है.
- POSHAN अभियान (2018) – बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बेहतर पोषण उपलब्ध कराने के लिए
- मिड-डे मील योजना – सरकारी स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक भोजन देने के लिए
- ICDS प्रोग्राम – आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से छोटे बच्चों और महिलाओं को पोषण संबंधी सेवाएं देने के लिए
इन योजनाओं का मकसद है कि कोई भी बच्चा या महिला भूख और कुपोषण की वजह से कमजोर न रह जाए.
क्यों है यह सप्ताह ज़रूरी?
आज भी भारत में बड़ी आबादी कुपोषण का शिकार है. WHO और यूनिसेफ की रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत में बच्चों की एक बड़ी संख्या अंडरवेट या स्टंटेड ग्रोथ से प्रभावित है. दूसरी ओर, शहरी इलाकों में असंतुलित आहार और फास्ट फूड की आदत से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और हार्ट डिज़ीज तेजी से बढ़ रही हैं.
यानी एक ओर बच्चे कुपोषण का सामना कर रहे हैं, तो दूसरी ओर युवा और बड़े लोग “ओवर न्यूट्रिशन” यानी ज्यादा और गलत खानपान से बीमार हो रहे हैं.
विशेषज्ञ क्या सलाह देते हैं?
डॉक्टर और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स कहते हैं कि:
- दिन की प्लेट में 50% हिस्सा सब्ज़ियों और फलों का होना चाहिए
- 25% हिस्सा अनाज और 25% हिस्सा प्रोटीन (दाल, दूध, पनीर, मछली, अंडा) होना चाहिए
- दिनभर खूब पानी पिएं और सोडा-कोल्ड ड्रिंक से बचें
- ज्यादा देर तक भूखे न रहें और समय पर खाना खाएं
National Nutrition Week 2025 हमें यह याद दिलाने का मौका देता है कि सेहत के लिए महंगी दवाइयों से ज़्यादा ज़रूरी है सही और संतुलित खाना. इस साल की थीम “Eat Right for a Better Life” हर किसी को प्रेरित करती है कि डाइट में छोटे-छोटे बदलाव करके हम न सिर्फ खुद की बल्कि अपने पूरे परिवार की सेहत बेहतर बना सकते हैं.
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