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गर्भवती महिलाएं सावधान! जहरीली हवा से बढ़ सकता है समय से पहले बच्चे के जन्म का खतरा

समय से पहले जन्म होने पर बच्चे को सेरेब्रल पाल्सी, सांस की परेशानी (श्वसन संकट सिंड्रोम) और लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों का खतरा हो सकता है. इसके अलावा, गर्भावस्था के 37 से 39 सप्ताह के बीच जन्म होने पर भी नवजात में बीमारी और विकास से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती हैं.

गर्भावस्था एक नाजुक और महत्वपूर्ण दौर होता है, जिसमें माँ और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य सर्वोपरि होता है. इस दौरान, गर्भवती महिला का शरीर कई तरह के बदलावों से गुजरता है, और बाहरी वातावरण का उस पर गहरा प्रभाव पड़ता है. हाल ही में हुए एक महत्वपूर्ण अध्ययन में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि गर्भवती महिलाओं का जहरीली हवा में सांस लेना समय से पहले बच्चे के जन्म का कारण बन सकता है. यह अध्ययन वायु प्रदूषण के गंभीर स्वास्थ्य परिणामों की ओर एक और चिंताजनक इशारा करता है, खासकर माँ और गर्भस्थ शिशु के लिए.

अमेरिका के एटलांटा में स्थित एमोरी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बताया कि ये बदलाव समय से पहले बच्चे के जन्म और अन्य नकारात्मक गर्भावस्था परिणामों के खतरे को बढ़ा सकते हैं. 

समय से पहले जन्म होने पर हो सकती हैं कई बीमारियां 

समय से पहले जन्म होने पर बच्चे को सेरेब्रल पाल्सी, सांस की परेशानी (श्वसन संकट सिंड्रोम) और लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों का खतरा हो सकता है. इसके अलावा, गर्भावस्था के 37 से 39 सप्ताह के बीच जन्म होने पर भी नवजात में बीमारी और विकास से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती हैं. 

दुनिया में समय से पहले होने वाले प्रसव में 10 प्रतिशत वायु प्रदूषण के कारण हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों की वजह से होता है

रोलिंस स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, एमोरी विश्वविद्यालय में पर्यावरण स्वास्थ्य के एसोसिएट प्रोफेसर और इस अध्ययन के प्रमुख लेखक डोंगहाई लियांग ने कहा, "वायु प्रदूषण और समय से पहले जन्म के बीच संबंध पहले से ही साबित हो चुका है. लेकिन, पहली बार हमने यह समझने की कोशिश की है कि खास सूक्ष्म कण शरीर में कैसे असर डालते हैं और ये प्रतिकूल जन्म परिणामों के जोखिम को कैसे बढ़ाते हैं."

लियांग ने कहा, "यह बहुत जरूरी है क्योंकि अगर हम यह समझ सकें कि 'क्यों' और 'कैसे' ये असर होता है, तो हम इसका बेहतर इलाज या रोकथाम कर पाएंगे."

इस अध्ययन में 330 गर्भवती महिलाओं के रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया गया. इसमें दो पदार्थ कॉर्टेक्सोलोन और लाइसोपीई पाए गए, जो अल्पकालिक वायु प्रदूषण के संपर्क और समय से पहले जन्म के खतरे के बीच संबंध को बताते हैं. ये पदार्थ एक संभावित तरीका भी दिखाते हैं, जिससे वायु प्रदूषण समय से पहले प्रसव को बढ़ावा देता है. 

अध्ययन में बताया गया है कि वायु प्रदूषण से प्रोटीन के पचने और शरीर में अवशोषित होने में दिक्कत आती है, जो भ्रूण के विकास और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए बहुत जरूरी है. यह समस्या वायु प्रदूषण और समय से पहले जन्म के बीच संभावित संबंध को दर्शाती है. साथ ही, इस अध्ययन ने रोकथाम के लिए नए संभावित तरीके भी सुझाए हैं. 

वायु प्रदूषण से बचाव के लिए गर्भवती महिलाएं क्या कर सकती हैं?

इस अध्ययन के निष्कर्ष गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों के लिए एक गंभीर चेतावनी हैं. कुछ सावधानियां बरतकर गर्भवती महिलाएं अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकती हैं:

प्रदूषित क्षेत्रों से बचें
घर के अंदर की हवा को साफ रखें
मास्क का उपयोग करें
शारीरिक गतिविधि का ध्यान रखें
पौष्टिक आहार लें
डॉक्टर से सलाह लें

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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