Advertisement

अब बुजुर्ग ही नहीं, पीठ दर्द की समस्या से युवा भी परेशान... अपनी दिनचर्या में शामिल करें ये आदतें, कभी नहीं होगी दिक्कत

बढ़ती उम्र के लोगों के साथ ही युवा पीढ़ी के लोग भी पीठ दर्द समस्या से पीड़ित हो रहे हैं. लिहाजा, मांसपेशियों में खिंचाव, डिस्क की समस्या, मोच, गठिया, मोटापा, और तनाव भी पीठ दर्द का कारण बन सकते हैं.

02 Jul, 2025
( Updated: 02 Jul, 2025
10:05 PM )
अब बुजुर्ग ही नहीं, पीठ दर्द की समस्या से युवा भी परेशान... अपनी दिनचर्या में शामिल करें ये आदतें, कभी नहीं होगी दिक्कत

आजकल की भागदौड़ भरी दिनचर्या और पीठ दर्द का एक-दूसरे से गहरा संबंध बन गया है. खतरनाक बात यह है कि बढ़ती उम्र के लोगों के साथ ही युवा पीढ़ी के लोग भी इस समस्या से पीड़ित हो रहे हैं. लोग ज्यादातर समय स्मार्टफोन, लैपटॉप, डेस्कटॉप या टैबलेट पर बिताते हैं. यही नहीं, ऑफिस में घंटो गलत पोस्चर में बैठे रहने से भी यह समस्या गंभीर होती जा रही है. लिहाजा, मांसपेशियों में खिंचाव, डिस्क की समस्या, मोच, गठिया, मोटापा, और तनाव भी पीठ दर्द का कारण बन सकते हैं.

न्यूरोसर्जन बताते हैं कि कुछ पीठ दर्द (जैसे चोट, गठिया या आनुवंशिक कारणों से होने होने वाले दर्द भी शामिल है) से बचा नहीं जा सकता है. इसके अलावा पीठ दर्द ऐसी तकलीफ है जो बार-बार उभर सकती है. लेकिन, कई आदतों को दिनचर्या में शामिल कर लंबे समय से परेशान कर रहे पीठ दर्द से निजात पाई जा सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, इसके लिए सबसे पहले अपनी कोर मांसपेशियों को मजबूत करें. एब्डोमिनल एरिया की कोर मांसपेशियां रीढ़ को सपोर्ट देती हैं. अगर ये मजबूत हों, तो रीढ़ पर दबाव कम पड़ता है. कोर मांसपेशियों को मजबूत करने, फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने और वजन को नियंत्रित करने से रीढ़ स्वस्थ रहती है. दर्द से पीड़ित मरीज चिकित्सकिय सलाह के बाद इस पर काम कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, हल्के व्यायाम या स्ट्रेचिंग करें. हालांकि, दर्द बढ़ने पर इसे इग्नोर करें.

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, नियमित शारीरिक गतिविधि शरीर को स्वस्थ रखती है. साल 2024 के एक रिसर्च में पाया गया कि जो लोग हफ्ते में 25 मिनट से ज्यादा टहलते हैं, उन्हें पीठ दर्द कम होता है और डॉक्टर के पास कम जाना पड़ता है. अगर दर्द नसों के दबने, डिस्क की समस्या या जॉइंट डिजेनरेशन से है, तो बिस्तर पर आराम करने से भी राहत नहीं मिलती है. मांसपेशियां में खिंचाव बढ़ जाता है, जिससे दर्द बढ़ सकता है. हल्के व्यायाम, टहलना या तैराकी करें और झुकने, मुड़ने या भारी सामान उठाने से बचें.

यह भी पढ़ें

पीठ दर्द का मानसिक स्वास्थ्य से भी कनेक्शन है. इसमें व्यायाम लाभकारी होता है. इससे न केवल पीठ दर्द कम होता है, बल्कि यह मूड को भी बेहतर बनाता है. पीठ दर्द से पीड़ित 70 प्रतिशत से ज्यादा लोग उदासी, तनाव या अवसाद का अनुभव करते हैं. अवसाद दर्द को और गंभीर बना सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन सलाह देता है कि हफ्ते में 150 मिनट मध्यम गति का व्यायाम और दो दिन मांसपेशियों को मजबूत करने वाला व्यायाम करना चाहिए.

टिप्पणियाँ 0

Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें