Karwa Chauth 2025 : करवाचौथ में भूलकर भी न करें ये 6 गलतियां, वरना व्रत हो सकता है अधूरा
करवाचौथ 2025 में सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. लेकिन पूजा के दौरान की गई छोटी-छोटी गलतियां व्रत को अधूरा बना सकती हैं. इस दिन भोजन, पूजा विधि और नियमों में लापरवाही से व्रत का फल प्रभावित होता है. ऐसे में सुहागिनों को खासतौर पर 6 बड़ी गलतियों से बचना चाहिए, ताकि करवाचौथ का व्रत सफल और फलदायी हो.
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करवा चौथ हिंदू संस्कृति में सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे खास और पवित्र त्योहारों में से एक है. यह व्रत पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और दांपत्य जीवन में प्यार बनाए रखने के लिए रखा जाता है. इस साल करवा चौथ 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. इस दिन महिलाएं सुबह सरगी खाने के बाद दिनभर बिना पानी और भोजन के निर्जला व्रत रखती हैं, सोलह श्रृंगार करती हैं, और रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं. लेकिन इस व्रत को सफल बनाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है. अनजाने में या जल्दबाजी में की गई छोटी-छोटी गलतियां व्रत का फल बेकार कर सकती हैं और संकल्प टूटने का कारण बन सकती हैं.
आइए विस्तार से जानते हैं उन 6 गलतियों के बारे में, जिनसे करवा चौथ के दिन हर हाल में बचना चाहिए.
नुकीली या धारदार चीजों का इस्तेमाल न करें
करवा चौथ के दिन सुई, कैंची, चाकू या किसी भी तरह की धारदार चीज का इस्तेमाल करना मना है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, ऐसी चीजें छूने से व्रत की पवित्रता भंग हो सकती है और इसका फल कम हो सकता है. कई जगहों पर यह भी माना जाता है कि धारदार वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं, जो वैवाहिक जीवन में अशांति ला सकती हैं. अगर आपको सिलाई, कटाई या कोई ऐसा काम करना हो, तो उसे व्रत से एक दिन पहले या बाद में कर लें. इस नियम का पालन करने से न केवल व्रत की शुद्धता बनी रहती है, बल्कि घर में सुख-शांति भी रहती है. अगर आपने गलती से ऐसी चीज छू ली, तो पूजा के दौरान मां पार्वती से क्षमा मांगें.
दिन में ज्यादा सोने से बचें
निर्जला व्रत के कारण शरीर में थकान और कमजोरी महसूस होना आम बात है, लेकिन करवा चौथ के दिन ज्यादा समय तक सोना सही नहीं माना जाता. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन जागकर भगवान का ध्यान करना, करवा चौथ की कथा सुनना या पूजा की तैयारी में व्यस्त रहना चाहिए. ज्यादा सोने से व्रत का संकल्प कमजोर हो सकता है और पूजा का प्रभाव भी कम हो सकता है. सुबह सरगी खाने के बाद हल्की-फुल्की गतिविधियों में सक्रिय रहें, जैसे घर सजाना, पूजा का सामान तैयार करना या भक्ति भजन सुनना. इससे आपका मन शांत रहेगा और व्रत का पूरा फल मिलेगा. अगर आपको नींद आ रही हो, तो थोड़ा ध्यान या भक्ति गीतों में समय बिताएं.
गुस्सा, झगड़ा या अपशब्दों से रहें दूर
करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बीच प्यार, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है. इसलिए इस दिन किसी भी तरह का गुस्सा, झगड़ा या अपशब्द बोलना सख्त मना है. चाहे वो पति, सास-ससुर, या परिवार के किसी अन्य सदस्य के साथ हो, हर हाल में मन को शांत और सकारात्मक रखें. मान्यता है कि इस दिन नकारात्मक भावनाएं या घर में कलह व्रत के उद्देश्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं. अगर कोई बात आपको परेशान कर रही हो, तो उसे शांति से सुलझाएं या उस दिन उसका जिक्र ही न करें.
सकारात्मक सोच और प्रेमपूर्ण व्यवहार से न केवल आपका व्रत सफल होगा, बल्कि आपके रिश्तों में भी मधुरता आएगी.
गलत खाने से परहेज करें
व्रत खोलते समय खाने का विशेष ध्यान रखें. करवा चौथ के दिन तामसिक भोजन, जैसे मांस, मछली, लहसुन, प्याज या भारी मसालों वाला खाना, बिल्कुल न खाएं. व्रत पारण के लिए सात्विक भोजन ही चुनें, जैसे फल, दूध, खीर, पूड़ी, सब्जी या हल्की मिठाई. सुबह सरगी में भी सात्विक चीजें, जैसे मेवे, फल, या हल्का खाना खाएं, जो दिनभर ऊर्जा बनाए रखे. तामसिक भोजन न केवल व्रत का फल कम करता है, बल्कि निर्जला व्रत के बाद आपके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल सकता है.
अगर आप बाहर खाना खा रही हैं, तो पहले यह सुनिश्चित करें कि खाना पूरी तरह सात्विक हो.
सुहाग की चीजें न बांटें और न लें
करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व है. इस दिन अपनी सुहाग की चीजें, जैसे सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, मेहंदी या मंगलसूत्र, किसी और को न दें और न ही किसी से लें. मान्यता है कि ऐसा करने से सुहाग की शक्ति कम हो सकती है और व्रत का प्रभाव कम हो सकता है. अगर कोई आपसे ऐसी चीज मांगे, तो विनम्रता से मना कर दें और अपनी चीजों का इस्तेमाल सिर्फ खुद करें. साथ ही, इस दिन सोलह श्रृंगार को पूरी श्रद्धा के साथ करें, क्योंकि यह पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन का प्रतीक माना जाता है.
मेहंदी लगाना, लाल जोड़ा पहनना और श्रृंगार की हर चीज को सही तरीके से करना व्रत को और फलदायी बनाता है.
चांद देखे बिना व्रत न तोड़ें
करवा चौथ का व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने और छलनी से चांद व पति के दर्शन के बाद ही खोला जाता है. कई बार जल्दबाजी में कुछ महिलाएं चांद देखे बिना ही पानी पी लेती हैं या खाना खा लेती हैं, जो गलत है. ऐसा करने से व्रत टूट जाता है और इसका पूरा फल नहीं मिलता. पूजा की पूरी विधि का पालन करें – पहले मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें, फिर छलनी से चांद को देखें, इसके बाद पति को देखें और उनके हाथ से पानी पीकर व्रत खोलें.
अगर चांद देर से निकले, तो धैर्य रखें. चंद्र दर्शन के बिना व्रत खोलना अधूरा माना जाता है.
क्या करें अगर गलती हो जाए?
अगर अनजाने में कोई गलती हो जाए, तो घबराएं नहीं. अगले दिन सुबह स्नान करके शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और मां पार्वती से क्षमा मांगें. आप चाहें तो किसी जानकार पंडित से सलाह ले सकती हैं. साथ ही, अगले साल व्रत को और सावधानी से करने का संकल्प लें.
करवा चौथ की तैयारी के लिए टिप्स
- सरगी की तैयारी : सुबह सास या घर की बड़ी महिला से सरगी लें. इसमें सात्विक खाना, मेवे, फल और मिठाई शामिल करें.
- पूजा का समय : अपने शहर में चंद्रोदय का समय पहले से चेक कर लें ताकि पूजा और व्रत पारण सही समय पर हो.
- सोलह श्रृंगार : मेहंदी, लाल जोड़ा, बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां आदि पहले से तैयार रखें.
- कथा सुनें : करवा चौथ की कथा सुनना न भूलें, क्योंकि यह व्रत का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
इन नियमों का ध्यान रखकर आप करवा चौथ का व्रत पूरी श्रद्धा और सावधानी से कर सकती हैं. यह पर्व न केवल आपके रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि परिवार में खुशहाली भी लाता है. सभी सुहागिनों को करवा चौथ 2025 की ढेर सारी शुभकामनाएं!
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