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सावन में बस इन 7 नियमों का पालन कर लें, महादेव हो जाएंगे प्रसन्न!

सावन के महीने में भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको कुछ नियमों का ख़ास ध्यान रखना पड़ेगा, अपनी इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि सावन के महीने में क्या करें, जिससे आपकी पूजा सफल हो जाएगी और महादेव ना सिर्फ आपके काम बनाएंगे बल्कि आप पर उनकी कृपा भी बनी रहेगी.

11 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत हो चुकी है, ये एक ऐसा महीना है, जिसे भगवान शिव के लिए समर्पित माना जाता है, इस महीनें में लोग व्रत रखते हैं, दान करते हैं और महादेव की भक्ति मेम लीन रहते हैं, कहते हैं इस महीने में किए गए पुण्य कार्यों का फल कई गुना ज्यादा मिलता है, भगवान शिव की कृपा बनी रहती हैं. 

सावन के महीने में भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको कुछ नियमों का ख़ास ध्यान रखना पड़ेगा, अपनी इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि सावन के महीने में क्या करें, जिससे आपकी पूजा सफल हो जाएगी और महादेव ना सिर्फ आपके काम बनाएंगे बल्कि आप पर उनकी कृपा भी बनी रहेगी. 

सावन में क्या करें 

इस महीने में सबसे पहले स्नान कर भगवान शिव की पूजा करें. साथ ही शिवलिंग पर बेलपत्र, गंगाजल, दूध,दही, शहद, घी, शक्कर से रूदाभिषेक करें. साथ ही हर दिन ऊं नम: शिवाय मंत्र का 108 बार जप करें. 

सावन के महीने में सोमवार का व्रत रखना भी भगवान शिव को काफी प्रिय है. कहते हैं सोमवार को व्रत रखने से महादेव की कृपा बनी रहती है और वो अपने भक्त की मनचाही इच्छा को ज़रूर पूरा करते हैं, सोलह सोमवार व्रत भी काफी शुभ फल देता है. 

कहते हैं सावन के महीने में जितना हो हरी चीजों का इस्तेमाल करें, महिलाएं इस दौरान ख़ास कर हरी चुड़िया, हरी साड़ी और हरी बिंदी का उपयोग करें, साथ ही सावन में हर सब्जियां और तुलसी का सेवन करें. 

इस पवित्र महीने में सात्विक भोजन खाएं और जितना हो सकें लोगों को भी खिलाएं. इस दौरान हल्दी, जीरा और सेंधा नमक जैसे शुद्ध मसालों का इस्तेमाल करें. 

इस दौरान ॐ नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें, ऐसा करने से भोलेनाथ की कृपा बनी रहती हैं. 

इस महीने में जितना हो सकें ज़रुरतमंदो को दान दें और उनकी मदद करें. कहा जाता है कि इस पवित्र महीने में अन्न, वस्त्र, जल, छाता, गौ-सेवा, तुलसी, धार्मिक पुस्तकें दान करें. साथ ही जगह- जगह भंडारा कराएं, ताकि आप भोलेनाथ का आशीर्वाद बना रहे हैं. 

सावन के महीने में कांवड़ियों का स्वागत करना चाहिए, उन्हें जल, और भोजन देने के साथ साथ उनकी मदद करनी चाहिए. ऐसा करने से पुणय मिलता है और भगवान शिव भी ख़ुश रहते हैं. 

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