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Health Tips: थकान और कमजोरी को न करें इग्नोर…शरीर कर रहा है अलर्ट, ये आयुर्वेदिक टिप्स अपनाकर दूर करें समस्या

कई बार अचानक थकान महसूस होने लगती है, काम करने का मन नहीं करता, और थोड़ा सा काम करने पर भी जल्दी थकान लग जाती है. ऐसा क्यों होता है? क्या यह कोई बीमारी है? आइए जानते हैं और आयुर्वेद के अनुसार इसे कैसे दूर किया जा सकता है.

04 Oct, 2025
( Updated: 09 Dec, 2025
10:56 PM )
Health Tips: थकान और कमजोरी को न करें इग्नोर…शरीर कर रहा है अलर्ट, ये आयुर्वेदिक टिप्स अपनाकर दूर करें समस्या

अचानक शरीर में कमजोरी आना कोई मामूली बात नहीं है. कई बार ऐसा होता है कि हम बिल्कुल ठीक महसूस कर रहे होते हैं, लेकिन अचानक से उठने-बैठने में थकान लगने लगती है, शरीर भारी-सा लगने लगता है और काम करने का मन नहीं करता. लेकिन ऐसा क्यों होता है? आयुर्वेद के अनुसार ये समस्याएँ किस चीज की तरफ इशारा करती हैं? आइए जानते हैं…

आयुर्वेद कहता है कि यह शरीर का संकेत है कि कहीं न कहीं संतुलन बिगड़ गया है. इसका मुख्य कारण पाचन अग्नि की मंदता हो सकती है. जब पेट की अग्नि कमजोर पड़ती है, तो भोजन से पूरा पोषण नहीं मिलता और शरीर तुरंत थकान महसूस करने लगता है.

थकान होने का दूसरा मुख्य कारण क्या है?

दूसरी बड़ी वजह है मल का अपूर्ण निष्कासन यानी शरीर में टॉक्सिन्स का जमाव. जब पेट साफ नहीं होता, तो आम दोष बनता है जो शरीर की ऊर्जा को रोक देता है. धातु क्षय, खासकर रक्त की कमी या मांसपेशियों की कमजोरी भी अचानक आई थकान का कारण बन सकती है. इसके अलावा, तनाव, चिंता, और नींद की कमी भी शरीर से ताकत सोख लेते हैं. वृद्धावस्था में वात दोष का प्रकोप भी ऊर्जा में कमी लाता है.

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूर करें ये उपाय

आयुर्वेद इसके कई प्राकृतिक समाधान बताता है. अश्वगंधा को सबसे बड़ा बलवर्धक माना गया है, इसे दूध के साथ लेने से शरीर की ताकत और उत्साह बढ़ता है. महिलाओं के लिए शतावरी बहुत फायदेमंद है. यह मानसिक और शारीरिक संतुलन दोनों बनाती है. रात को हल्दी और देसी गाय के घी वाला दूध पीने से नींद सुधरती है और मांसपेशियों को ताकत मिलती है.

सूर्य नमस्कार से दूर होंगी ये समस्याएँ

सिर्फ दवाओं से ही नहीं, बल्कि योग और प्राणायाम से भी अचानक कमजोरी पर काबू पाया जा सकता है. सूर्य नमस्कार शरीर में ऊर्जा भरता है और पाचन सुधारता है. पवनमुक्तासन गैस और वात को शांत करता है. भ्रामरी और अनुलोम-विलोम प्राणायाम मानसिक शांति और संतुलन लाते हैं. वहीं, आयुर्वेदिक पेयों में सौंठ-गुड़ का काढ़ा, सुबह खाली पेट शहद-नींबू पानी और गिलोय का रस ऊर्जा बढ़ाने के लिए बहुत असरदार हैं.

किन बातों को ध्यान में रखना है जरूरी?

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लेकिन, कुछ बातों से बचना भी जरूरी है. ठंडा पानी, बासी खाना और बार-बार चाय-कॉफी पीना शरीर की ताकत घटाते हैं. दिन में सोना और रात को देर तक जागना भी ऊर्जा को कम करता है. सबसे अहम बात यह है कि थकान को नजरअंदाज कभी न करें, क्योंकि यह आने वाले बड़े रोग का पहला संकेत हो सकता है. आयुर्वेद कहता है कि सही आहार, संतुलित जीवनशैली और औषधियों का संयमित प्रयोग करने से जीवन में ऊर्जा फिर से लौट सकती है.

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