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हेल्दी दिल से आंखों की चमक तक...पावरडोज है विटामिन C? खाने में आज ही शामिल करें ये चीजें

आज के दौर में जहां बीमारियां रोज नए रूप में सामने आ रही हैं, वहां शरीर को स्वस्थ रखना मुश्किल होता जा रहा है. कई बार ज्ञान के अभाव की वजह से तो कई बार टाइम की वजह से, लेकिन आज इस आर्टिकल में आपको जानने को मिलेगा कि आप किन चीजों को अपनी डाइट में शामिल कर अपने शरीर को बीमारियों से बचा सकते हैं.

आधुनिक जीवनशैली, तनाव और प्रदूषण से भरी इस दुनिया में, जहां बीमारियां रोज नए रूप में सामने आ रही हैं, वहां शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखना बेहद आवश्यक है और इस कार्य में विटामिन सी की भूमिका सबसे अहम होती है. यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो फ्री रेडिकल्स से शरीर की रक्षा करता है, जिससे समय से पहले बुढ़ापा, त्वचा की क्षति और कई तरह की बीमारियां रोकी जा सकती हैं.

विटामिन सी कोलेजन नामक प्रोटीन के निर्माण में सहायक होता है, जो त्वचा, हड्डियों, मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखता है. यह त्वचा को चमकदार, मुलायम और झुर्रियों से मुक्त बनाए रखने में भी मदद करता है.

शरीर के लिए वरदान है विटामिन सी

इसके अलावा, विटामिन सी शरीर में आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे एनीमिया की समस्या से बचाव होता है. यह घावों को जल्दी भरने में मदद करता है और मसूड़ों की सेहत के लिए भी जरूरी है. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर यह सर्दी-जुकाम, खांसी और अन्य संक्रमणों से बचाव करता है.

विटामिन सी दिल को रखता है स्वस्थ

विटामिन सी का सेवन दिल को भी स्वस्थ रखता है, क्योंकि यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है और दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता है. इसके अलावा, यह आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह मोतियाबिंद और उम्र से संबंधित दृष्टि समस्याओं से बचाव करता है.

विटामिन सी से भरपूर हैं ये पदार्थ

विटामिन सी के प्राकृतिक स्रोतों में आंवला सबसे समृद्ध माना जाता है. इसके अलावा संतरा, नींबू, अमरूद, कीवी, स्ट्रॉबेरी, अनानास, टमाटर, शिमला मिर्च, ब्रोकोली और हरी पत्तेदार सब्जियां इसके अच्छे स्रोत हैं. ध्यान रखना चाहिए कि यह विटामिन गर्मी में जल्दी नष्ट हो जाता है, इसलिए फलों और सब्जियों को कच्चा या हल्का पकाकर ही सेवन करना चाहिए.

विटामिन सी की अधिक मात्रा से क्या होता है?

शरीर में सामान्य रूप से 1500 से 2500 मिलीग्राम तक विटामिन सी संग्रहित हो सकता है, जबकि रक्त प्लाज्मा में इसका स्तर 0.6-2 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर होता है. इसकी अधिक मात्रा हानिकारक नहीं होती क्योंकि शरीर इसे पेशाब के माध्यम से बाहर निकाल देता है.

विटामिन सी की कमी होने पर शरीर देता है ये संकेत

विटामिन सी की कमी से थकान, मसूड़ों से खून आना, त्वचा का रूखापन, घाव का देर से भरना और बार-बार सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं. गंभीर कमी की स्थिति में 'स्कर्वी' नामक रोग हो सकता है.

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