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दशहरा 2025 फूड स्पेशल : जानें किन पारंपरिक रेसिपीज़ से सजती है यूपी, बंगाल और गुजरात के घरों की थाली

दशहरा 2025 के मौके पर भारत के अलग-अलग राज्यों की थालियों में पारंपरिक स्वाद देखने को मिलता है. यूपी में पूरी-आलू, लड्डू और खीर का खास महत्व है, वहीं बंगाल में रसगुल्ला, संदेश और चावल की डिशेज़ त्योहार का स्वाद बढ़ाती हैं. इस तरह हर राज्य अपनी परंपरा और संस्कृति के मुताबिक त्योहार को खाने-पीने की रौनक से खास बना देता है.

01 Oct, 2025
( Updated: 01 Oct, 2025
05:26 PM )
दशहरा 2025 फूड स्पेशल : जानें किन पारंपरिक रेसिपीज़ से सजती है यूपी, बंगाल और गुजरात के घरों की थाली

दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. यह त्योहार न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि यह स्वादिष्ट भोजन और पारंपरिक व्यंजनों का उत्सव भी है. देश के विभिन्न हिस्सों में दशहरे के दिन खास पकवान बनाए जाते हैं, जो स्थानीय परंपराओं और स्वाद को दर्शाते हैं. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात जैसे राज्यों में दशहरे की थाली अपने अनूठे स्वाद और विविधता के लिए जानी जाती है. आइए, दशहरा 2025 के मौके पर इन राज्यों की पारंपरिक रेसिपीज़ की एक विस्तृत झलक देखें और जानें कि कैसे ये व्यंजन इस त्योहार को और भी खास बनाते हैं.

उत्तर प्रदेश : परंपरा और स्वाद का अनूठा संगम

उत्तर प्रदेश में दशहरा उत्साह, भक्ति और स्वाद के साथ मनाया जाता है. यहाँ के व्यंजन सादगी, पौष्टिकता और पारंपरिक मसालों का मिश्रण होते हैं. दशहरे के दिन यहाँ के घरों में नमकीन और मीठे व्यंजनों की थाली सजती है, जो परिवार और मेहमानों के साथ साझा की जाती है. ये व्यंजन न केवल स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि इनके पीछे छिपी परंपराएं इस त्योहार को और भी खास बनाती हैं.

  • रागी की रोटी और आलू पराठा : सादगी में स्वाद

रागी की रोटी उत्तर प्रदेश के कई ग्रामीण और शहरी घरों में दशहरे के दिन बनाई जाती है. यह पौष्टिक और हल्की होती है, जिसे घी और दही के साथ परोसा जाता है. दूसरी ओर, आलू पराठा मसालेदार आलू की स्टफिंग के साथ सभी का पसंदीदा है. इसे अचार, दही या टमाटर की चटनी के साथ खाया जाता है, जो इसकी स्वादिष्टता को और बढ़ाता है.

  • काला चना और पिंडी छोले : प्रसाद और स्वाद का मेल 

काला चना दशहरे के दिन पूजा के बाद प्रसाद के रूप में बांटा जाता है. इसे हल्के मसालों और अदरक के साथ पकाया जाता है, जो इसे एक अनूठा स्वाद देता है. पिंडी छोले, जो चने को तीखे मसालों और इमली के साथ तैयार किया जाता है, दशहरे की थाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसे पूरी या भटूरे के साथ परोसा जाता है.

  • बेसन लड्डू और खीर : मिठास का जादूद

दशहरे की मिठास के लिए बेसन के लड्डू और चावल की खीर उत्तर प्रदेश के घरों में खास तौर पर बनाई जाती हैं. बेसन लड्डू को घी, चीनी और सूखे मेवों के साथ तैयार किया जाता है, जो मुंह में घुल जाता है. चावल की खीर में केसर, इलायची और मेवों का समावेश होता है, जो इसे एक शाही स्वाद देता है. इसके अलावा, गाजर का हलवा और मूंग दाल हलवा भी कुछ घरों में इस अवसर पर बनाए जाते हैं.

  • सूजी हलवा और गोभी मसाला : हर उम्र की पसंद

सूजी का हलवा, जिसे घी और चीनी के साथ तैयार किया जाता है, दशहरे की थाली में मिठास का तड़का लगाता है. वहीं, गोभी मसाला एक तीखी और स्वादिष्ट सब्जी है, जो टमाटर और मसालों के साथ बनाई जाती है. ये दोनों व्यंजन हर उम्र के लोगों को पसंद आते हैं और दशहरे के भोजन को और भी यादगार बनाते हैं.

बंगाल : मिठाइयों और मसालों का रंगीन उत्सव

पश्चिम बंगाल में दशहरा दुर्गा पूजा के समापन के रूप में मनाया जाता है, और यहाँ का भोजन मिठास और मसालों का एक शानदार मेल है. बंगाली थाली में मिठाइयों से लेकर मांसाहारी और शाकाहारी व्यंजनों तक की विविधता देखने को मिलती है. ये व्यंजन न केवल स्वाद में अनूठे होते हैं, बल्कि बंगाल की सांस्कृतिक समृद्धि को भी दर्शाते हैं.

  • रसगुल्ला और संदेश : बंगाल की मिठास 

रसगुल्ला, जो छेने और चीनी की चाशनी से बनता है, और संदेश, जो नरम और मलाईदार मिठाई है, बंगाल की दशहरा थाली की शान हैं. पंतुआ, जो रसगुल्ले का एक तला हुआ रूप है, और चावल का पायेश, जो दूध और चावल से बनता है, भी इस अवसर पर खास तौर पर तैयार किए जाते हैं. ये मिठाइयाँ बंगाल के हर घर में दशहरे की खुशी को दोगुना करती हैं.

  • लुची और आलू पोस्तो : शाकाहारी स्वाद

लुची, जो मैदे से बनी तली हुई पूरी है, और आलू पोस्तो बंगाल के हर घर में दशहरे के दिन बनाए जाते हैं. आलू पोस्तो में खसखस और हरी मिर्च का उपयोग होता है, जो इसे एक अनूठा स्वाद देता है. लुची का कुरकुरापन और आलू पोस्तो का हल्का मसालेदार स्वाद इस जोड़े को अविस्मरणीय बनाता है.

  • मटन करी और माचेर चॉप : मांसाहारी व्यंजनों की रौनक

बंगाल में मांसाहारी व्यंजनों का खास महत्व है. मटन करी, जिसे मसालों और नारियल के दूध के साथ तैयार किया जाता है, दशहरे की थाली को समृद्ध बनाती है. माचेर चॉप, जो मछली के मिश्रण से बना कुरकुरा कटलेट है, मेहमानों के लिए खास तौर पर बनाया जाता है. इसके अलावा, घुग्नी (सूखे मटर की चाट) और आलूर दम भी इस दिन की थाली में शामिल होते हैं.

  • कोबिराजी और चना जलेबी : अनूठे स्नैक्स

कोबिराजी, जो मछली या चिकन को अंडे की परत में लपेटकर तला जाता है, और चना जलेबी, जो बेसन की जलेबी के साथ चने की सब्जी का मिश्रण है, बंगाल के दशहरे के स्नैक्स में खास हैं. ये व्यंजन मेहमानों के स्वागत के लिए आदर्श हैं और थाली को और भी आकर्षक बनाते हैं.

गुजरात : रंग, स्वाद और उत्साह का मेल

गुजरात में दशहरा नवरात्रि के समापन के साथ मनाया जाता है, और यहाँ की थाली रंगों, स्वादों और उत्साह से भरी होती है. गुजराती व्यंजन अपनी मिठास, हल्के मसालों और विविधता के लिए प्रसिद्ध हैं. दशहरे के दिन यहाँ के घरों में नमकीन और मीठे व्यंजनों का मिश्रण तैयार किया जाता है, जो इस त्योहार की खुशी को और बढ़ाता है.

  • फाफड़ा और झंठिया : कुरकुरा और मीठा जोड़ा

फाफड़ा और झंठिया (जलेबी) गुजरात की दशहरा थाली की पहचान हैं. फाफड़ा, जो बेसन से बना कुरकुरा स्नैक है, और झंठिया, जो चीनी की चाशनी में डूबी मिठाई है, का जोड़ा हर उम्र के लोगों को पसंद आता है. इन्हें अक्सर कढ़ी, चटनी या हरी मिर्च के साथ परोसा जाता है.

  • खमन ढोकला और लपसी : हल्का और पौष्टिक

खमन ढोकला, जो बेसन से बना नरम और स्पंजी स्नैक है, दशहरे के दिन मेहमानों के लिए खास तौर पर बनाया जाता है. इसे हरी चटनी और तिल के तड़के के साथ परोसा जाता है. लपसी, जो गेहूं, गुड़ और घी से तैयार की जाती है, एक पारंपरिक मिठाई है, जो दशहरे की थाली को और भी खास बनाती है.

  • दूध पाक और फरसान : मिठास और नमकीन का मिश्रण 

दूध पाक, जो गाढ़े दूध और चीनी से बनाया जाता है, गुजरात की शाही मिठाई है, जो दशहरे के अवसर पर बनाई जाती है. फरसान, जो विभिन्न प्रकार के नमकीन स्नैक्स जैसे चकली, सेव और गाठिया का मिश्रण है, थाली को और भी आकर्षक बनाता है. ये व्यंजन मेहमानों के स्वागत के लिए आदर्श हैं.

  • कढ़ी और शाक : संतुलित स्वाद

गुजराती कढ़ी, जो बेसन और दही से बनाई जाती है, दशहरे की थाली में एक हल्का और ताज़ा स्वाद जोड़ती है. इसके साथ विभिन्न प्रकार की शाक (सब्जियाँ) जैसे भिंडी मसाला या मिक्स वेज भी परोसी जाती हैं, जो थाली को पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाती हैं.

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दशहरे की थाली में संस्कृति और स्वाद का संगमदशहरा 2025 का उत्सव इन पारंपरिक रेसिपीज़ के साथ और भी रंगीन और स्वादिष्ट हो जाएगा. उत्तर प्रदेश की सादगी भरी थाली, बंगाल की मिठास और मसालों से सजी थाली, और गुजरात की रंगीन और हल्की थाली इस त्योहार को हर घर में यादगार बनाती हैं. ये व्यंजन न केवल भोजन का हिस्सा हैं, बल्कि ये भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता को भी दर्शाते हैं. तो इस दशहरे, अपनी रसोई में इन स्वादिष्ट व्यंजनों को तैयार करें, अपनों के साथ थाली सजाएँ, और इस पर्व की खुशी को दोगुना करें!

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