Advertisement

Dry Ginger Benefits: कैसे करें सोंठ को डाइट में शामिल, जानें तरीका और फायदे

अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, सोंठ में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, फोलिक एसिड, विटामिन सी और विटामिन ए जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा, इसमें जिंजेरोल्स, शोगोल्स, जिंगिबेरीन, लिंलालूल, लिमोनीन और गेरानियोल जैसे जैविक तत्व भी मौजूद होते हैं.

सोंठ, जिसे आमतौर पर सूखी अदरक या ड्राई जिंजर पाउडर के नाम से जानते हैं, भारतीय रसोई और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का एक अहम हिस्सा है. यह केवल एक मसाले के रूप में नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक औषधि के रूप में भी सदियों से इस्तेमाल में लाई जा रही है.  जहां ताजा अदरक में ताजगी और तीखापन होता है, वहीं सोंठ में एक खास तरह की गरमाहट और औषधीय शक्ति होती है, जो इसे बिल्कुल अलग बनाती है.

सोंठ का सेवन शरीर को भीतर से मजबूती देता है. 
इसे अदरक को सुखाकर बनाया जाता है, लेकिन सुखाने की प्रक्रिया के दौरान इसके गुणों में कई बदलाव आते हैं. यही वजह है कि सोंठ और अदरक दोनों का शरीर पर प्रभाव अलग-अलग होता है.  खासकर मानसून में, जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, तब सोंठ का सेवन शरीर को भीतर से मजबूती देता है. 

गुणों का भंडार है सोंठ 
अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, सोंठ में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, फोलिक एसिड, विटामिन सी और विटामिन ए जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा, इसमें जिंजेरोल्स, शोगोल्स, जिंगिबेरीन, लिंलालूल, लिमोनीन और गेरानियोल जैसे जैविक तत्व भी मौजूद होते हैं. 

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मददगार
सोंठ में मौजूद जिंजेरोल्स और शोगोल्स पाचन क्रिया में मददगार होते हैं. वहीं, यह सूजन कम करने, दर्द में राहत देने, और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होते हैं. यह गैस, अपच, सर्दी-खांसी, गले की खराश, और जोड़ों के दर्द में बेहद उपयोगी मानी जाती है. इसके अलावा, सोंठ में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो शरीर में मौजूद हानिकारक तत्वों को घटाते हैं और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव में मदद कर सकते हैं.

ठंड या नमी वाले मौसम में खासतौर से लाभकारी 
खास बात ये है कि सोंठ की तासीर गर्म होती है, इसलिए यह ठंड या नमी वाले मौसम में खासतौर से लाभकारी मानी जाती है. आयुर्वेद में इसका प्रयोग 'त्रिदोष नाशक' के रूप में किया जाता है. यह वात और कफ दोष को संतुलित करता है. सोंठ से बनी चाय या काढ़ा सर्दियों में ऊर्जा और गर्माहट देता है.

आंतों की मरोड़ से राहत दिलाने में सहायक
इसके साथ ही, जिन लोगों को इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) जैसी समस्या रहती है, उनके लिए सोंठ वरदान की तरह काम करती है. यदि सोंठ को घी और मिश्री के साथ खाने के बाद लिया जाए, तो ये पेट को शांत करने और आंतों की मरोड़ से राहत दिलाने में सहायक होता है.

सर्दी, खांसी, बुखार आदि से लड़ने में सहायक
इसके अलावा, सोंठ की सबसे बड़ी विशेषता इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली शक्ति है.  इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण मानसून के मौसम में फैलने वाली मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, बुखार आदि से लड़ने में सहायता करते हैं. यही नहीं, सोंठ का पानी नियमित रूप से पीने से शरीर की इम्युनिटी मजबूत होती है और बार-बार बीमार पड़ने की संभावना कम हो जाती है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE